tags

New प्रकृति की सुन्दरता पर कविता Status, Photo, Video

Find the latest Status about प्रकृति की सुन्दरता पर कविता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about प्रकृति की सुन्दरता पर कविता.

  • Latest
  • Popular
  • Video

तूने वो काम किया, जो न दुश्मन करे सोचे करने से पहले, रब से डरे ज्ञान तुझको भी होगा हो जैसा करम 2 फल करनी का वैसा भुगतान पड़े ©कवि प्रभात

#कविता #GoldenHour  तूने वो काम किया,
जो न दुश्मन करे 
सोचे    करने से   पहले,
रब से डरे 
ज्ञान तुझको भी होगा
हो जैसा करम 2
फल करनी का वैसा 
भुगतान पड़े

©कवि प्रभात

#GoldenHour कुमार विश्वास की कविता कविता कोश प्यार पर कविता

14 Love

White फिर वो शाम आएगी होगा अपना मिलन तन मन से मिटेगा विरह का तपन दूर तुमको न दूंगा मैं जाने कहीं 2 रखूंगा तुमको अपना बना के धड़कन ©कवि प्रभात

#कविता #sad_quotes  White फिर वो शाम आएगी होगा अपना मिलन 
तन मन से मिटेगा विरह का तपन 
दूर तुमको न दूंगा मैं जाने कहीं 2
रखूंगा तुमको अपना बना के धड़कन

©कवि प्रभात

#sad_quotes कुमार विश्वास की कविता कविता कोश प्यार पर कविता

14 Love

चार दिन की जिंदगी, क्यों करना तकरार ? इस जग में जीवन जिएँ, देते सबको प्यार || ©कवि प्रभात

#कविता #agni  चार दिन की जिंदगी, 
            क्यों करना तकरार ?
                 इस जग में जीवन जिएँ, 
                              देते सबको प्यार  ||

©कवि प्रभात

#agni कविता कोश कुमार विश्वास की कविता प्यार पर कविता

11 Love

White जादू ऐसा है तेरा, फूटे जब जब बैन | निकले नाम तुम्हारा ही, सच कहता दिन रैन || ©कवि प्रभात

#कविता #sad_quotes  White जादू ऐसा है तेरा, 
       फूटे जब जब बैन |
               निकले नाम तुम्हारा ही,
                           सच कहता दिन रैन ||

©कवि प्रभात

#sad_quotes कुमार विश्वास की कविता प्यार पर कविता कविता कोश

12 Love

जमीन पर आधिपत्य इंसान का, पशुओं को आसपास से दूर भगाए। हर जीव पर उसने डाला है बंधन, ये कैसी है जिद्द, ये किसका अधिकार है।। जहां पेड़ों की छांव थी कभी, अब ऊँची इमारतें वहाँ बसी। मिट्टी की जड़ों में जीवन दबा दिया, ये कैसी रचना का निर्माण है।। नदियों की धाराएं मोड़ दीं उसने, पर्वतों को काटा, जला कर जंगलों को कर दिया साफ है। प्रकृति रह गई अब दोहन की वस्तु मात्र, बस खुद की चाहत का संसार है। क्या सच में यही मानव का आविष्कार है? फैक्ट्रियों से उठता धुएं का गुबार है, सांसें घुटती दूसरे की, इसकी अब किसे परवाह है। बस खुद की उन्नति में सब कुर्बान है, उर्वरक और कीटनाशक से किया धरती पर कैसा अत्याचार है। हरियाली से दूर अब सबका घर-आँगन परिवार है, किसी से नहीं अब रह गया कोई सरोकार है, इंसान के मन पर छाया ये कैसा अंधकार है।। हरियाली छूटी, जीवन रूठा, सुख की खोज में सब कुछ छूटा। जो संतुलन से भरी थी कभी, बेजान सी प्रकृति पर किया कैसा पलटवार है।। बारूद के ढेर पर खड़ी है दुनिया, विकसित हथियारों का लगा बहुत बड़ा अंबार है। हो रहा ताकत का विस्तार है,खरीदने में लगी है होड़ यहां, ये कैसा सपना, कैसा ये कारोबार है? ये किसका विचार है, ये कैसा विचार है? क्या यही मानवता का सच्चा आकार है? ©नवनीत ठाकुर

#प्रकृति #कविता  जमीन पर आधिपत्य इंसान का,
पशुओं को आसपास से दूर भगाए।
हर जीव पर उसने डाला है बंधन,
ये कैसी है जिद्द, ये किसका  अधिकार है।।

जहां पेड़ों की छांव थी कभी,
अब ऊँची इमारतें वहाँ बसी।
मिट्टी की जड़ों में जीवन दबा दिया,
ये कैसी रचना का निर्माण है।।

नदियों की धाराएं मोड़ दीं उसने,
पर्वतों को काटा, जला कर जंगलों को कर दिया साफ है।
प्रकृति रह गई अब दोहन की वस्तु मात्र,
बस खुद की चाहत का संसार है।
क्या सच में यही मानव का आविष्कार है?

फैक्ट्रियों से उठता धुएं का गुबार है,
सांसें घुटती दूसरे की, इसकी अब किसे परवाह है।
बस खुद की उन्नति में सब कुर्बान है,
उर्वरक और कीटनाशक से किया धरती पर कैसा अत्याचार है।
 हरियाली से दूर अब सबका घर-आँगन परिवार है,
किसी से नहीं अब रह गया कोई सरोकार है,
इंसान के मन पर छाया ये कैसा अंधकार है।।

हरियाली छूटी, जीवन रूठा,
सुख की खोज में सब कुछ छूटा।
जो संतुलन से भरी थी कभी,
बेजान सी प्रकृति पर किया कैसा पलटवार है।।
बारूद के ढेर पर खड़ी है दुनिया, 
विकसित हथियारों का लगा बहुत बड़ा अंबार है।
हो रहा ताकत का विस्तार है,खरीदने में लगी है होड़ यहां, 
ये कैसा सपना, कैसा ये कारोबार है?
ये किसका विचार है, ये कैसा विचार है?
क्या यही मानवता का सच्चा आकार है?

©नवनीत ठाकुर

#प्रकृति का विलाप कविता

13 Love

White मुहब्बत, आशिकी और इबादत होती यदि मुझे तुम्हारी आंखों में उतर जाने की इजाजत होती... ©Neetesh kumar

#कविता #Sad_Status  White मुहब्बत, आशिकी और इबादत होती


यदि 


मुझे तुम्हारी आंखों में उतर जाने 
की इजाजत होती...

©Neetesh kumar

#Sad_Status कुमार विश्वास की कविता कुमार विश्वास की कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता

9 Love

तूने वो काम किया, जो न दुश्मन करे सोचे करने से पहले, रब से डरे ज्ञान तुझको भी होगा हो जैसा करम 2 फल करनी का वैसा भुगतान पड़े ©कवि प्रभात

#कविता #GoldenHour  तूने वो काम किया,
जो न दुश्मन करे 
सोचे    करने से   पहले,
रब से डरे 
ज्ञान तुझको भी होगा
हो जैसा करम 2
फल करनी का वैसा 
भुगतान पड़े

©कवि प्रभात

#GoldenHour कुमार विश्वास की कविता कविता कोश प्यार पर कविता

14 Love

White फिर वो शाम आएगी होगा अपना मिलन तन मन से मिटेगा विरह का तपन दूर तुमको न दूंगा मैं जाने कहीं 2 रखूंगा तुमको अपना बना के धड़कन ©कवि प्रभात

#कविता #sad_quotes  White फिर वो शाम आएगी होगा अपना मिलन 
तन मन से मिटेगा विरह का तपन 
दूर तुमको न दूंगा मैं जाने कहीं 2
रखूंगा तुमको अपना बना के धड़कन

©कवि प्रभात

#sad_quotes कुमार विश्वास की कविता कविता कोश प्यार पर कविता

14 Love

चार दिन की जिंदगी, क्यों करना तकरार ? इस जग में जीवन जिएँ, देते सबको प्यार || ©कवि प्रभात

#कविता #agni  चार दिन की जिंदगी, 
            क्यों करना तकरार ?
                 इस जग में जीवन जिएँ, 
                              देते सबको प्यार  ||

©कवि प्रभात

#agni कविता कोश कुमार विश्वास की कविता प्यार पर कविता

11 Love

White जादू ऐसा है तेरा, फूटे जब जब बैन | निकले नाम तुम्हारा ही, सच कहता दिन रैन || ©कवि प्रभात

#कविता #sad_quotes  White जादू ऐसा है तेरा, 
       फूटे जब जब बैन |
               निकले नाम तुम्हारा ही,
                           सच कहता दिन रैन ||

©कवि प्रभात

#sad_quotes कुमार विश्वास की कविता प्यार पर कविता कविता कोश

12 Love

जमीन पर आधिपत्य इंसान का, पशुओं को आसपास से दूर भगाए। हर जीव पर उसने डाला है बंधन, ये कैसी है जिद्द, ये किसका अधिकार है।। जहां पेड़ों की छांव थी कभी, अब ऊँची इमारतें वहाँ बसी। मिट्टी की जड़ों में जीवन दबा दिया, ये कैसी रचना का निर्माण है।। नदियों की धाराएं मोड़ दीं उसने, पर्वतों को काटा, जला कर जंगलों को कर दिया साफ है। प्रकृति रह गई अब दोहन की वस्तु मात्र, बस खुद की चाहत का संसार है। क्या सच में यही मानव का आविष्कार है? फैक्ट्रियों से उठता धुएं का गुबार है, सांसें घुटती दूसरे की, इसकी अब किसे परवाह है। बस खुद की उन्नति में सब कुर्बान है, उर्वरक और कीटनाशक से किया धरती पर कैसा अत्याचार है। हरियाली से दूर अब सबका घर-आँगन परिवार है, किसी से नहीं अब रह गया कोई सरोकार है, इंसान के मन पर छाया ये कैसा अंधकार है।। हरियाली छूटी, जीवन रूठा, सुख की खोज में सब कुछ छूटा। जो संतुलन से भरी थी कभी, बेजान सी प्रकृति पर किया कैसा पलटवार है।। बारूद के ढेर पर खड़ी है दुनिया, विकसित हथियारों का लगा बहुत बड़ा अंबार है। हो रहा ताकत का विस्तार है,खरीदने में लगी है होड़ यहां, ये कैसा सपना, कैसा ये कारोबार है? ये किसका विचार है, ये कैसा विचार है? क्या यही मानवता का सच्चा आकार है? ©नवनीत ठाकुर

#प्रकृति #कविता  जमीन पर आधिपत्य इंसान का,
पशुओं को आसपास से दूर भगाए।
हर जीव पर उसने डाला है बंधन,
ये कैसी है जिद्द, ये किसका  अधिकार है।।

जहां पेड़ों की छांव थी कभी,
अब ऊँची इमारतें वहाँ बसी।
मिट्टी की जड़ों में जीवन दबा दिया,
ये कैसी रचना का निर्माण है।।

नदियों की धाराएं मोड़ दीं उसने,
पर्वतों को काटा, जला कर जंगलों को कर दिया साफ है।
प्रकृति रह गई अब दोहन की वस्तु मात्र,
बस खुद की चाहत का संसार है।
क्या सच में यही मानव का आविष्कार है?

फैक्ट्रियों से उठता धुएं का गुबार है,
सांसें घुटती दूसरे की, इसकी अब किसे परवाह है।
बस खुद की उन्नति में सब कुर्बान है,
उर्वरक और कीटनाशक से किया धरती पर कैसा अत्याचार है।
 हरियाली से दूर अब सबका घर-आँगन परिवार है,
किसी से नहीं अब रह गया कोई सरोकार है,
इंसान के मन पर छाया ये कैसा अंधकार है।।

हरियाली छूटी, जीवन रूठा,
सुख की खोज में सब कुछ छूटा।
जो संतुलन से भरी थी कभी,
बेजान सी प्रकृति पर किया कैसा पलटवार है।।
बारूद के ढेर पर खड़ी है दुनिया, 
विकसित हथियारों का लगा बहुत बड़ा अंबार है।
हो रहा ताकत का विस्तार है,खरीदने में लगी है होड़ यहां, 
ये कैसा सपना, कैसा ये कारोबार है?
ये किसका विचार है, ये कैसा विचार है?
क्या यही मानवता का सच्चा आकार है?

©नवनीत ठाकुर

#प्रकृति का विलाप कविता

13 Love

White मुहब्बत, आशिकी और इबादत होती यदि मुझे तुम्हारी आंखों में उतर जाने की इजाजत होती... ©Neetesh kumar

#कविता #Sad_Status  White मुहब्बत, आशिकी और इबादत होती


यदि 


मुझे तुम्हारी आंखों में उतर जाने 
की इजाजत होती...

©Neetesh kumar

#Sad_Status कुमार विश्वास की कविता कुमार विश्वास की कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता

9 Love

Trending Topic