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White तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है, फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है। ये वक़्त को जाने क्या ही जल्दी रहती, थोड़ा वक़्त भी एक पल में गुजर जाता है। कहता हूँ कितना कुछ ख़ुद से हर रोज़, सोचते-सोचते कितना वक्त निकल जाता है। सोचा था कभी तो आएगी याद उन्हें भी, बस याद करते-करते हर वक़्त गुजर जाता है। वक़्त के सामने सब ठहर सा जाता है, जितना चाहूं, फिर भी निकल जाता है। हमेशा यादें रहें, मगर कमज़ोरी सी, गुज़रा हुआ वक्त सब कुछ बदल जाता है। याद के साथ आंसू पलकों पर ठहर जाते हैं, वक़्त को शायद सब कुछ बदलना होता है, कोशिशें खत्म नहीं होती उसे पाने की, वक़्त को बेवक्त होने से भी प्यार मर जाता है। तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है, फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #good_night  White तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है,
फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है।
ये वक़्त को जाने क्या ही जल्दी रहती,
थोड़ा वक़्त भी एक पल में गुजर जाता है।

कहता हूँ कितना कुछ ख़ुद से हर रोज़,
सोचते-सोचते कितना वक्त निकल जाता है।
सोचा था कभी तो आएगी याद उन्हें भी,
बस याद करते-करते हर वक़्त गुजर जाता है।

वक़्त के सामने सब ठहर सा जाता है,
जितना चाहूं, फिर भी निकल जाता है।
हमेशा यादें रहें, मगर कमज़ोरी सी,
गुज़रा हुआ वक्त सब कुछ बदल जाता है।

याद के साथ आंसू पलकों पर ठहर जाते हैं,
वक़्त को शायद सब कुछ बदलना होता है,
कोशिशें खत्म नहीं होती उसे पाने की,
वक़्त को बेवक्त होने से भी प्यार मर जाता है।

तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है,
फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#good_night तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है, फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है। ये वक़्त को जाने क्या ही जल्दी रहती, थोड़ा वक़्त भी एक पल

13 Love

White बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से मैं ना घबराता हूँ। हुंकार भरूंगा फिर से मैं, संकल्प का फल मैं पाता हूँ। वचन ही मेरा शस्त्र बना, हर कदम पर धार लगाता हूँ। हिम्मत मेरी कभी ना टूटे, महादेव का ध्यान लगाता हूँ। पक्की करती जीत मेरी, जब ईश्वर का गुण गाता हूँ। लक्ष्य से परे नहीं अस्तित्व मेरा, संघर्षों का मैं आदि हूँ। थकूंगा नहीं बिना जीत के, विजयी विश्व का वासी हूँ। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#Motivational #बार #motivate  White बार-बार कोशिशें की मैंने,
हर बार चोट मैं खाता हूँ।
फिर भी हिम्मत है इतनी,
जीत की कसम मैं खाता हूँ।

लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है,
मेहनत से मैं ना घबराता हूँ।
हुंकार भरूंगा फिर से मैं,
संकल्प का फल मैं पाता हूँ।

वचन ही मेरा शस्त्र बना,
हर कदम पर धार लगाता हूँ।
हिम्मत मेरी कभी ना टूटे,
महादेव का ध्यान लगाता हूँ।

पक्की करती जीत मेरी,
जब ईश्वर का गुण गाता हूँ।
लक्ष्य से परे नहीं अस्तित्व मेरा,
संघर्षों का मैं आदि हूँ।

थकूंगा नहीं बिना जीत के,
विजयी विश्व का वासी हूँ।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से

14 Love

बाजार कोई कमाता है धन आकर कोई यहाँ गंवाता नहीं जेब में फूटी कौड़ी तो आकर ललचाता मोल भाव है आम यहाँ पर हैं क्रेता विक्रेता घर जाता है लुटकर कोई बनकर कोई विजेता यही पेट भरता है सबका सुख सुविधा है देता गुणवत्ता जैसी होती है वैसी कीमत लेता बेखुद क्रय विक्रय का नाता आपस में है गहरा ठग लेती बाजार प्यार से कोई अनाड़ी ठहरा ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#कविता #बाजार  बाजार
कोई कमाता है धन आकर
कोई यहाँ गंवाता
नहीं जेब में फूटी कौड़ी
तो आकर ललचाता

मोल भाव है आम यहाँ पर
हैं क्रेता विक्रेता
घर जाता है लुटकर कोई
बनकर कोई विजेता

यही पेट भरता है सबका
सुख सुविधा है देता
गुणवत्ता जैसी होती है
वैसी कीमत लेता

बेखुद क्रय विक्रय का नाता
आपस में है गहरा
ठग लेती बाजार प्यार से
कोई अनाड़ी ठहरा

©Sunil Kumar Maurya Bekhud
#हिंदी_कोट्स_शायरी #आशुतोषमिश्रा #हिंदीनोजोटो #हिंदी_शायरी #आखरी_सांस #रिश्ते

White ये रील्स वालों की दुनियां, एक रंगमंच, एक व्यापार, वास्तविक कुछ नहीं, जो दिखता सब व्यापार, ना मर्यादा, ना संस्कार, मनोरंजन के नाम पर खुल गया , फुहड़ता, अपशब्द और बेशर्मी का बाजार, किस्म-किस्म के किरदार है, कोई सुनाता दुःखड़े अपने , कोई हँसता झूठी मुस्कान, कोई बना ज्ञान का सागर, कोई करता भोग-विलास, फैशन के नाम पर कम होते कपड़े, क्या खुला है अध-नग्नता का बाजार, फूहड़ गाने, अश्लील डांस, क्या लगता नहीं मुजरा बाजार, दुःख और पीड़ा इस बात की भारत में हो रहा अशिक्षा ,अज्ञानता का प्रचार, बच्चे क्या, बूढ़े क्या,सब है इसके गुलाम, ये मेरे अपने विचार है, जिन्हे लगता सत्य वो भी जरा विचार करे , क्या यूँ ही फलती-फूलती रहेगी ये रील्स की दुनियां , फिर सोचिये एक दिन ये दुकान हर घर में खुलेगी, सोचिये क्या होगा भविष्य नयी पीढ़ी का, क्या बन पाएंगे विश्व गुरु या वो भी.....| ©Sonam kuril

#विचार #reelskiduniya #Sad_Status  White  ये रील्स वालों की दुनियां,
एक रंगमंच, एक व्यापार,
वास्तविक कुछ नहीं, जो दिखता सब व्यापार,
ना मर्यादा, ना संस्कार,
मनोरंजन के नाम पर खुल गया ,
फुहड़ता, अपशब्द और बेशर्मी का बाजार,
किस्म-किस्म के किरदार है,
कोई सुनाता दुःखड़े अपने ,
कोई हँसता झूठी मुस्कान,
कोई बना ज्ञान का सागर,
कोई करता भोग-विलास,
फैशन के नाम पर कम होते कपड़े,
क्या खुला है अध-नग्नता का बाजार,
फूहड़ गाने, अश्लील डांस,
क्या लगता नहीं मुजरा बाजार,
दुःख और पीड़ा इस बात की 
भारत में हो रहा अशिक्षा ,अज्ञानता का प्रचार,
बच्चे क्या, बूढ़े क्या,सब है इसके गुलाम,
ये मेरे अपने विचार है,
जिन्हे लगता सत्य वो भी जरा विचार करे ,
क्या यूँ ही फलती-फूलती रहेगी ये रील्स की दुनियां ,
फिर सोचिये एक दिन ये दुकान हर घर में खुलेगी,
सोचिये क्या होगा भविष्य नयी पीढ़ी का,
क्या बन पाएंगे विश्व गुरु  या वो भी.....|

©Sonam kuril

#Sad_Status #reelskiduniya ये रील्स वालों की दुनियां, एक रंगमंच, एक व्यापार, वास्तविक कुछ नहीं, जो दिखता सब व्यापार, ना मर्यादा, ना संस्कार

17 Love

इश्क़् क बजर् ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर143 #बेजुबानशायर #दुकानदार #कारोबार #लफ्ज़ों #शायरी  इश्क़् क बजर्

©बेजुबान शायर shivkumar

" #इश्क़ का #बाजार " में #दुकानदार बहुत से है मुझे समझ नहीं आता कि कौन #सही और कौन #गलत । मैंने तो बाहर से #सामान खरीदना ही बंद कर दिया

15 Love

White तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है, फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है। ये वक़्त को जाने क्या ही जल्दी रहती, थोड़ा वक़्त भी एक पल में गुजर जाता है। कहता हूँ कितना कुछ ख़ुद से हर रोज़, सोचते-सोचते कितना वक्त निकल जाता है। सोचा था कभी तो आएगी याद उन्हें भी, बस याद करते-करते हर वक़्त गुजर जाता है। वक़्त के सामने सब ठहर सा जाता है, जितना चाहूं, फिर भी निकल जाता है। हमेशा यादें रहें, मगर कमज़ोरी सी, गुज़रा हुआ वक्त सब कुछ बदल जाता है। याद के साथ आंसू पलकों पर ठहर जाते हैं, वक़्त को शायद सब कुछ बदलना होता है, कोशिशें खत्म नहीं होती उसे पाने की, वक़्त को बेवक्त होने से भी प्यार मर जाता है। तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है, फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #good_night  White तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है,
फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है।
ये वक़्त को जाने क्या ही जल्दी रहती,
थोड़ा वक़्त भी एक पल में गुजर जाता है।

कहता हूँ कितना कुछ ख़ुद से हर रोज़,
सोचते-सोचते कितना वक्त निकल जाता है।
सोचा था कभी तो आएगी याद उन्हें भी,
बस याद करते-करते हर वक़्त गुजर जाता है।

वक़्त के सामने सब ठहर सा जाता है,
जितना चाहूं, फिर भी निकल जाता है।
हमेशा यादें रहें, मगर कमज़ोरी सी,
गुज़रा हुआ वक्त सब कुछ बदल जाता है।

याद के साथ आंसू पलकों पर ठहर जाते हैं,
वक़्त को शायद सब कुछ बदलना होता है,
कोशिशें खत्म नहीं होती उसे पाने की,
वक़्त को बेवक्त होने से भी प्यार मर जाता है।

तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है,
फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#good_night तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है, फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है। ये वक़्त को जाने क्या ही जल्दी रहती, थोड़ा वक़्त भी एक पल

13 Love

White बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से मैं ना घबराता हूँ। हुंकार भरूंगा फिर से मैं, संकल्प का फल मैं पाता हूँ। वचन ही मेरा शस्त्र बना, हर कदम पर धार लगाता हूँ। हिम्मत मेरी कभी ना टूटे, महादेव का ध्यान लगाता हूँ। पक्की करती जीत मेरी, जब ईश्वर का गुण गाता हूँ। लक्ष्य से परे नहीं अस्तित्व मेरा, संघर्षों का मैं आदि हूँ। थकूंगा नहीं बिना जीत के, विजयी विश्व का वासी हूँ। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#Motivational #बार #motivate  White बार-बार कोशिशें की मैंने,
हर बार चोट मैं खाता हूँ।
फिर भी हिम्मत है इतनी,
जीत की कसम मैं खाता हूँ।

लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है,
मेहनत से मैं ना घबराता हूँ।
हुंकार भरूंगा फिर से मैं,
संकल्प का फल मैं पाता हूँ।

वचन ही मेरा शस्त्र बना,
हर कदम पर धार लगाता हूँ।
हिम्मत मेरी कभी ना टूटे,
महादेव का ध्यान लगाता हूँ।

पक्की करती जीत मेरी,
जब ईश्वर का गुण गाता हूँ।
लक्ष्य से परे नहीं अस्तित्व मेरा,
संघर्षों का मैं आदि हूँ।

थकूंगा नहीं बिना जीत के,
विजयी विश्व का वासी हूँ।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से

14 Love

बाजार कोई कमाता है धन आकर कोई यहाँ गंवाता नहीं जेब में फूटी कौड़ी तो आकर ललचाता मोल भाव है आम यहाँ पर हैं क्रेता विक्रेता घर जाता है लुटकर कोई बनकर कोई विजेता यही पेट भरता है सबका सुख सुविधा है देता गुणवत्ता जैसी होती है वैसी कीमत लेता बेखुद क्रय विक्रय का नाता आपस में है गहरा ठग लेती बाजार प्यार से कोई अनाड़ी ठहरा ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#कविता #बाजार  बाजार
कोई कमाता है धन आकर
कोई यहाँ गंवाता
नहीं जेब में फूटी कौड़ी
तो आकर ललचाता

मोल भाव है आम यहाँ पर
हैं क्रेता विक्रेता
घर जाता है लुटकर कोई
बनकर कोई विजेता

यही पेट भरता है सबका
सुख सुविधा है देता
गुणवत्ता जैसी होती है
वैसी कीमत लेता

बेखुद क्रय विक्रय का नाता
आपस में है गहरा
ठग लेती बाजार प्यार से
कोई अनाड़ी ठहरा

©Sunil Kumar Maurya Bekhud
#हिंदी_कोट्स_शायरी #आशुतोषमिश्रा #हिंदीनोजोटो #हिंदी_शायरी #आखरी_सांस #रिश्ते

White ये रील्स वालों की दुनियां, एक रंगमंच, एक व्यापार, वास्तविक कुछ नहीं, जो दिखता सब व्यापार, ना मर्यादा, ना संस्कार, मनोरंजन के नाम पर खुल गया , फुहड़ता, अपशब्द और बेशर्मी का बाजार, किस्म-किस्म के किरदार है, कोई सुनाता दुःखड़े अपने , कोई हँसता झूठी मुस्कान, कोई बना ज्ञान का सागर, कोई करता भोग-विलास, फैशन के नाम पर कम होते कपड़े, क्या खुला है अध-नग्नता का बाजार, फूहड़ गाने, अश्लील डांस, क्या लगता नहीं मुजरा बाजार, दुःख और पीड़ा इस बात की भारत में हो रहा अशिक्षा ,अज्ञानता का प्रचार, बच्चे क्या, बूढ़े क्या,सब है इसके गुलाम, ये मेरे अपने विचार है, जिन्हे लगता सत्य वो भी जरा विचार करे , क्या यूँ ही फलती-फूलती रहेगी ये रील्स की दुनियां , फिर सोचिये एक दिन ये दुकान हर घर में खुलेगी, सोचिये क्या होगा भविष्य नयी पीढ़ी का, क्या बन पाएंगे विश्व गुरु या वो भी.....| ©Sonam kuril

#विचार #reelskiduniya #Sad_Status  White  ये रील्स वालों की दुनियां,
एक रंगमंच, एक व्यापार,
वास्तविक कुछ नहीं, जो दिखता सब व्यापार,
ना मर्यादा, ना संस्कार,
मनोरंजन के नाम पर खुल गया ,
फुहड़ता, अपशब्द और बेशर्मी का बाजार,
किस्म-किस्म के किरदार है,
कोई सुनाता दुःखड़े अपने ,
कोई हँसता झूठी मुस्कान,
कोई बना ज्ञान का सागर,
कोई करता भोग-विलास,
फैशन के नाम पर कम होते कपड़े,
क्या खुला है अध-नग्नता का बाजार,
फूहड़ गाने, अश्लील डांस,
क्या लगता नहीं मुजरा बाजार,
दुःख और पीड़ा इस बात की 
भारत में हो रहा अशिक्षा ,अज्ञानता का प्रचार,
बच्चे क्या, बूढ़े क्या,सब है इसके गुलाम,
ये मेरे अपने विचार है,
जिन्हे लगता सत्य वो भी जरा विचार करे ,
क्या यूँ ही फलती-फूलती रहेगी ये रील्स की दुनियां ,
फिर सोचिये एक दिन ये दुकान हर घर में खुलेगी,
सोचिये क्या होगा भविष्य नयी पीढ़ी का,
क्या बन पाएंगे विश्व गुरु  या वो भी.....|

©Sonam kuril

#Sad_Status #reelskiduniya ये रील्स वालों की दुनियां, एक रंगमंच, एक व्यापार, वास्तविक कुछ नहीं, जो दिखता सब व्यापार, ना मर्यादा, ना संस्कार

17 Love

इश्क़् क बजर् ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर143 #बेजुबानशायर #दुकानदार #कारोबार #लफ्ज़ों #शायरी  इश्क़् क बजर्

©बेजुबान शायर shivkumar

" #इश्क़ का #बाजार " में #दुकानदार बहुत से है मुझे समझ नहीं आता कि कौन #सही और कौन #गलत । मैंने तो बाहर से #सामान खरीदना ही बंद कर दिया

15 Love

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