Sonam kuril

Sonam kuril Lives in Lalganj, Uttar Pradesh, India

don't think about me , I'm beyond your thoughts

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#कविता #wewantjustice #womensafety #sad_shayari #westbengal #equality  White निशब्द हुँ, क्या कहूं, क्या लिखूं मैं,
नन्हें क़दमों से जब चलना सीखा,
जिज्ञासा हुई कहीं घूमने जाऊं,
घर की प्यारी बिटिया, 
देहलीज़ के बाहर निकली,
देख आसमान में पंछी,
चाहा की उड़ जाऊं,
बंद आँखों से जो सपने देखे,
माँ बोली पढ़ ले सब होंगे पुरे सपने,
नई जगह नया माहौल था,
थोड़ी घबराई, किये इरादे पक्के,
पढ़ने का जूनून लिए,
 आँखों में कुछ ख्वाब लिए,
नन्ही गुड़िया स्कूल आयी,
हर मोड़ पर, हर राँह पर बाधाओं ने घेरा था,
पर उड़ने की चाह लिए, 
उसने सारी बाधाओं को पीछे छोड़ा था,
पर ना जाने,एक अनजाने साये ने, कब उसको देखा था,
एक बेजान गुड़िया जैसी ,
ना जाने कहाँ- कहाँ से उसकी देह को तोड़ा था,
हर एक निशान बस उसकी दरिंदगी  को बयां करता था, 
किसी ने ना सुनी उसकी  पुकार, चित्कार,
ना जाने कितनों से उसको जकड़ा था,
हैवानियत से भरे हुए हैवान थे,
या कोई दानव या शैतान थे,
डर लगता है ये सिलसिला बढ़ता ना जाये,
अब बहुत हुआ,
अब मिलकर इसको रोकना होगा,
कहीं ऐसा ना हो की,
फिर एक गुड़िया किसी हवस का शिकार हो जाये |

©Sonam kuril

White एक अरसा गुजार आये हम दोस्तों के बिना, ऐसा लगता ही नहीं की कभी था कोई दोस्त भी अपना | अब तो मशरूफ है सभी अपने-अपने मकामों में, किसे वक़्त की पलट कर देखे गुजरे ज़माने में, मशरूफियत तो देखिये उनकी, वक़्त देकर भूल गए अपने ही, वो वक़्त भी क्या बेमिसाल था, जेब में रूपया नहीं, मगर दिल मालामाल था, जो निकाल लिया करते थे वक़्त दोस्तों के वास्ते, उन्हें वक़्त नहीं अपने ही वास्ते, मैंने पलटे जो पन्ने बीती जिंदगी के, तो बेमिसाल किस्सों की बाढ़ आयी, सोचा चलो क्यों ना याद दिलाया जाये, मेरे अजीज़, मेरे दोस्तों को उनके बचपन से मिलाया जाये, वक़्त मिले तो पलट कर देख लेना, एक रोज उन सुनहरी यादों को, क्या पता बुझे चेहरों पर एक मुस्कान आ जाये | ©Sonam kuril

#यादें #कविता #Friendship #kavita #Hindi  White एक अरसा गुजार आये हम दोस्तों के बिना, 
ऐसा लगता ही नहीं की कभी था कोई दोस्त भी अपना | 
अब तो मशरूफ है सभी अपने-अपने मकामों में, 
किसे वक़्त की पलट कर देखे गुजरे ज़माने में,
मशरूफियत तो देखिये उनकी, 
वक़्त देकर भूल गए अपने ही,
वो वक़्त भी क्या बेमिसाल था,
जेब में रूपया नहीं, मगर दिल मालामाल था,
जो निकाल लिया करते थे वक़्त दोस्तों के वास्ते, 
उन्हें वक़्त नहीं अपने ही वास्ते, 
मैंने पलटे जो पन्ने बीती जिंदगी के, 
तो बेमिसाल किस्सों की बाढ़ आयी, 
सोचा चलो क्यों ना याद दिलाया जाये, 
मेरे अजीज़, मेरे दोस्तों को उनके बचपन से मिलाया जाये, 
वक़्त मिले तो पलट कर देख लेना,
एक रोज उन सुनहरी यादों को, 
क्या पता बुझे चेहरों पर एक मुस्कान आ जाये |

©Sonam kuril

#Friendship एक अरसा गुजार आये हम दोस्तों के बिना, ऐसा लगता ही नहीं की कभी था कोई दोस्त भी अपना | अब तो मशरूफ है सभी अपने-अपने मकामों में, किसे वक़्त की पलट कर देखे गुजरे ज़माने में, मशरूफियत तो देखिये उनकी, वक़्त देकर भूल गए अपने ही, वो वक़्त भी क्या बेमिसाल था,

18 Love

#विचार #अपने #sad_shayari  White इतिहास गवाह है,
अपने ही अपनों की जड़े काटते है |

©Sonam kuril

White कह दूँ जो एक राज दिल का, तो जरा उसका ख्याल रखना, ना रह सुकूँ मैं तेरे बिना, मेरे हाल-ऐ-दिल का ऐतबार करना, हो जाऊंगी रुख़सत उस रोज ज़माने से, तूने छोड़ा जो साथ, ये याद रखना, मेरे इस दिल का ख्याल रखना | ©Sonam kuril

 White कह दूँ जो एक राज दिल का,
तो जरा उसका ख्याल रखना,
ना रह सुकूँ मैं तेरे बिना,
मेरे हाल-ऐ-दिल का ऐतबार करना,
हो जाऊंगी रुख़सत उस रोज ज़माने से,
तूने छोड़ा जो साथ, ये याद रखना,
मेरे इस दिल का ख्याल रखना |

©Sonam kuril

#ख्यालरखना #ख्याल #रुख़सत #Nojoto #Hindi #शायरी

16 Love

स्त्री सोचती हुँ,इस जिंदगी के, मायने क्या है, मेरे अपने,मुझे समझाते,मेरे दायरे क्या है, हर वक़्त रहता एक सवाल ज़हन में, स्त्री होने के आखिर फायदे क्या है, सोचती हुँ, इस जिंदगी के, मायने क्या है | सूरज चढ़ता, दिन ढलता, बस यूँ ही वक़्त सी मैं ढलती जाती, कुछ ठहरा सा लगता है, वो बस मेरे जज्बातों का दरिया है, मैं रोज लगाती गोते जिसमें, कभी हसती,कभी मैं रोती, दिन रात मैं खुद से लड़ती रहती, छोड़ दिया हमने जिनके लिए सपने अपने, वो स्त्री के अहमियत क्यों नहीं समझते, ना समझ सी मैं, ना जानती ये समाज का चेहरा क्या है, ना जानती की स्त्री के दायरे क्या है, मेरे होने के आखिर मायने क्या है | ©Sonam kuril

 स्त्री






 सोचती हुँ,इस जिंदगी के, मायने क्या है,
मेरे अपने,मुझे समझाते,मेरे दायरे क्या है,
हर वक़्त रहता एक सवाल ज़हन में,
 स्त्री होने के आखिर फायदे क्या है,
सोचती हुँ, इस जिंदगी के, मायने क्या है |

सूरज चढ़ता, दिन ढलता,
बस यूँ ही वक़्त सी मैं ढलती जाती,
कुछ ठहरा सा लगता है,
वो बस मेरे जज्बातों का दरिया है,
मैं रोज लगाती गोते जिसमें,
कभी हसती,कभी मैं रोती,
दिन रात मैं खुद से लड़ती रहती,
छोड़ दिया हमने जिनके लिए सपने अपने,
वो स्त्री के अहमियत क्यों नहीं समझते,
ना समझ सी मैं,
 ना जानती ये समाज का चेहरा क्या है,
ना जानती की स्त्री के दायरे क्या है,
मेरे होने के आखिर मायने क्या है |

©Sonam kuril

#मायने #mayne #jindgi #स्त्री #स्त्रीअस्तित्व #स्त्रीजीवन #Nojoto #hindi_poetry #Hindi #कविता

17 Love

#विचार #outofsight #Rishta #Aurat #stree #pati  कहते है,
एक स्त्री के सुख और दुःख का साथी,
 उसका पति होता है,
एक स्त्री खुद को दुनियां में सबसे अमीर और ख़ुशनशीब,
तब समझती है,
जब उसका पति,
उसकी गलतियों को सबके सामने कहकर,
उसका तमाशा नहीं बनाता,
उसकी गलती जानकर भी,
 सबके सामने उसके साथ डटकर खड़ा होता है,
जो उसे वैसे ही स्वीकार करता है जैसी वो है,
जो परायी औरत से उसकी तुलना करके,
 उसे नीचा ना दिखाए,
जो उसे बार-बार ये ना जताये की उसे कुछ नहीं आता,
जो औरो के सामने उसका सम्मान करे,
एक स्त्री को उसके पति के धन-दौलत की नहीं,
बल्कि उसके पति के प्यार और मानसम्मान की आंस होती है,
शायद इसी उम्मीद में जाने कितनी स्त्रियां स्वयं को खो देती है,
की एक दिन उसका पति उसकी भावनाओं को जरूर समझेगा |

©Sonam kuril
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