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शेर मेरी किरदार को शायद , वो समझ गए होते, हम मौत के संग सोते हैं, शायद जगाया होता, हम जग गए होते।। लेखक : विजय सर जी ©Vijay Kumar

#शायरी  शेर 

मेरी किरदार को शायद  , वो समझ गए होते, 
हम मौत के संग सोते हैं, 
शायद जगाया होता, 
हम जग गए होते।। 

लेखक : विजय सर जी

©Vijay Kumar

शायर 'दर्द भरी शायरी'

11 Love

आखों में नफ़रत पर लव पर दुआ है। चल तू ही अब मुझे बता मेरी क्या खता है? ईमानदारी तो तेरे खून में नहीं थी.. पर मिली मुझे क्यूं सजा है? पर फिर भी तेरे लिए निकलती बस दुआ है। ©Kalpana Srivastava

#लव #Dua  आखों में नफ़रत 
पर लव पर दुआ है।
चल तू ही अब मुझे बता
मेरी क्या खता है?
ईमानदारी तो तेरे खून में नहीं थी..
पर मिली मुझे क्यूं सजा है?
पर फिर भी तेरे लिए 
निकलती बस दुआ है।

©Kalpana Srivastava

#Dua @LiteraryLion @Poonam विचित्र शायर लव शायरी लव कोट्स लव स्टेटस लव सैड शायरी शायरी लव

21 Love

#विचार

लव शायरी रोमांटिक 💝 शायरी दर्जी की शायरी गम शायरी दोस्ती शायरी

117 View

#शायरी  तुम्हारी हंसी में मेरी खुशी है‌‌।
तेरी चाहतोंं में मेरी दुनिया बसी है‌।
शायर-शैलेन्द्र सिंह यादव, कानपुर।

©Shailendra Singh Yadav

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी

117 View

White ### समंदर बनकर चाहा था जिसे ताल भी उसने नहीं समझा लहरों सा समा जाने आई थी.. साहिल मिलते ही कहीं का नही समझा। सौंपी थी दिल दु:खाने कि जिम्मेदारी ज़माने से लेकर मगर उसने उसे अपनो की तरह नहीं समझा तव्वसुम बता गई, ये एक हिस्सा था किसी खेल का मुसल्सल खेलति रही आकाश में मिलते हि मुकम्मल उसने    किसी ज़मी का नही समझा, खैर उनकी तमन्नाएं पूरी हुई, हां कुछ जरूरी चीजें अधूरी हुई मुकद्दर है हमारी, हमसे.. हमने इसे कभी किसी और का नही समझा  आना जाना तो कुदरती खेल है तकल्लुफ इतनी सी है हमने सब कुछ समझा उन्हें पर खुदा कसम खुदा नहीं समझा।। Aakash Dwivedi ✍️ ©Aakash Dwivedi

 White ###

समंदर बनकर चाहा था जिसे 
ताल भी उसने नहीं समझा 
लहरों सा समा जाने आई थी.. 
साहिल मिलते ही कहीं का नही समझा।
सौंपी थी दिल दु:खाने कि जिम्मेदारी 
ज़माने से लेकर मगर उसने उसे 
अपनो की तरह नहीं समझा 
तव्वसुम बता गई, ये एक 
हिस्सा था किसी खेल का 
मुसल्सल खेलति रही आकाश में 
मिलते हि मुकम्मल उसने    
किसी ज़मी का नही समझा,
खैर उनकी तमन्नाएं पूरी हुई, हां 
कुछ जरूरी चीजें अधूरी हुई 
मुकद्दर है हमारी, हमसे..
हमने इसे कभी किसी 
और का नही समझा  
आना जाना तो कुदरती खेल है 
तकल्लुफ इतनी सी है 
हमने सब कुछ समझा उन्हें 
पर खुदा कसम खुदा नहीं समझा।।
                
                          Aakash Dwivedi ✍️

©Aakash Dwivedi

#love_shayari #कविता #Like #शायरी #Life #शायर #AakashDwivedi #Quote #बरसात

8 Love

#शायरी  White उजालों में भी कहीं अंधेरा है।
कहीं शाम तो कहीं सबेरा है।
मुड़कर देख लो एक बार।
परछाईं में भी कहीं अंधेरा है।
शायर-शैलेन्द्र सिंह यादव, कानपुर।

©Shailendra Singh Yadav

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी

81 View

शेर मेरी किरदार को शायद , वो समझ गए होते, हम मौत के संग सोते हैं, शायद जगाया होता, हम जग गए होते।। लेखक : विजय सर जी ©Vijay Kumar

#शायरी  शेर 

मेरी किरदार को शायद  , वो समझ गए होते, 
हम मौत के संग सोते हैं, 
शायद जगाया होता, 
हम जग गए होते।। 

लेखक : विजय सर जी

©Vijay Kumar

शायर 'दर्द भरी शायरी'

11 Love

आखों में नफ़रत पर लव पर दुआ है। चल तू ही अब मुझे बता मेरी क्या खता है? ईमानदारी तो तेरे खून में नहीं थी.. पर मिली मुझे क्यूं सजा है? पर फिर भी तेरे लिए निकलती बस दुआ है। ©Kalpana Srivastava

#लव #Dua  आखों में नफ़रत 
पर लव पर दुआ है।
चल तू ही अब मुझे बता
मेरी क्या खता है?
ईमानदारी तो तेरे खून में नहीं थी..
पर मिली मुझे क्यूं सजा है?
पर फिर भी तेरे लिए 
निकलती बस दुआ है।

©Kalpana Srivastava

#Dua @LiteraryLion @Poonam विचित्र शायर लव शायरी लव कोट्स लव स्टेटस लव सैड शायरी शायरी लव

21 Love

#विचार

लव शायरी रोमांटिक 💝 शायरी दर्जी की शायरी गम शायरी दोस्ती शायरी

117 View

#शायरी  तुम्हारी हंसी में मेरी खुशी है‌‌।
तेरी चाहतोंं में मेरी दुनिया बसी है‌।
शायर-शैलेन्द्र सिंह यादव, कानपुर।

©Shailendra Singh Yadav

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी

117 View

White ### समंदर बनकर चाहा था जिसे ताल भी उसने नहीं समझा लहरों सा समा जाने आई थी.. साहिल मिलते ही कहीं का नही समझा। सौंपी थी दिल दु:खाने कि जिम्मेदारी ज़माने से लेकर मगर उसने उसे अपनो की तरह नहीं समझा तव्वसुम बता गई, ये एक हिस्सा था किसी खेल का मुसल्सल खेलति रही आकाश में मिलते हि मुकम्मल उसने    किसी ज़मी का नही समझा, खैर उनकी तमन्नाएं पूरी हुई, हां कुछ जरूरी चीजें अधूरी हुई मुकद्दर है हमारी, हमसे.. हमने इसे कभी किसी और का नही समझा  आना जाना तो कुदरती खेल है तकल्लुफ इतनी सी है हमने सब कुछ समझा उन्हें पर खुदा कसम खुदा नहीं समझा।। Aakash Dwivedi ✍️ ©Aakash Dwivedi

 White ###

समंदर बनकर चाहा था जिसे 
ताल भी उसने नहीं समझा 
लहरों सा समा जाने आई थी.. 
साहिल मिलते ही कहीं का नही समझा।
सौंपी थी दिल दु:खाने कि जिम्मेदारी 
ज़माने से लेकर मगर उसने उसे 
अपनो की तरह नहीं समझा 
तव्वसुम बता गई, ये एक 
हिस्सा था किसी खेल का 
मुसल्सल खेलति रही आकाश में 
मिलते हि मुकम्मल उसने    
किसी ज़मी का नही समझा,
खैर उनकी तमन्नाएं पूरी हुई, हां 
कुछ जरूरी चीजें अधूरी हुई 
मुकद्दर है हमारी, हमसे..
हमने इसे कभी किसी 
और का नही समझा  
आना जाना तो कुदरती खेल है 
तकल्लुफ इतनी सी है 
हमने सब कुछ समझा उन्हें 
पर खुदा कसम खुदा नहीं समझा।।
                
                          Aakash Dwivedi ✍️

©Aakash Dwivedi

#love_shayari #कविता #Like #शायरी #Life #शायर #AakashDwivedi #Quote #बरसात

8 Love

#शायरी  White उजालों में भी कहीं अंधेरा है।
कहीं शाम तो कहीं सबेरा है।
मुड़कर देख लो एक बार।
परछाईं में भी कहीं अंधेरा है।
शायर-शैलेन्द्र सिंह यादव, कानपुर।

©Shailendra Singh Yadav

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी

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