शेर मेरी किरदार को शायद , वो समझ गए होते, हम म | हिंदी शायरी

"शेर मेरी किरदार को शायद , वो समझ गए होते, हम मौत के संग सोते हैं, शायद जगाया होता, हम जग गए होते।। लेखक : विजय सर जी ©Vijay Kumar"

 शेर 

मेरी किरदार को शायद  , वो समझ गए होते, 
हम मौत के संग सोते हैं, 
शायद जगाया होता, 
हम जग गए होते।। 

लेखक : विजय सर जी

©Vijay Kumar

शेर मेरी किरदार को शायद , वो समझ गए होते, हम मौत के संग सोते हैं, शायद जगाया होता, हम जग गए होते।। लेखक : विजय सर जी ©Vijay Kumar

शायर 'दर्द भरी शायरी'

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