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New सन्नाटा का पर्यायवाची Status, Photo, Video

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Unsplash पसरा हुआ है रात्रि का सन्नाटा और न जाने क्यों डर रहा है मेरा मन क्यों याद आ रहा है मुझे अतित जी भयावह घटनाओ का क्रम मुझे लगता है सारी पीड़ाए पैदा क़ी है उन असुरो ने तभी तों होता रहा है देवताओं का दमन ©Parasram Arora

#SAD  Unsplash पसरा हुआ है 
रात्रि का सन्नाटा 

और न जाने क्यों 
 डर रहा है मेरा मन 

क्यों याद आ रहा है मुझे 
अतित जी भयावह
 घटनाओ का क्रम 

मुझे लगता है सारी
 पीड़ाए पैदा क़ी है 
उन असुरो ने
तभी तों होता रहा है 
देवताओं का दमन

©Parasram Arora

रात्रि का सन्नाटा

13 Love

आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain

#विचार  आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है 
भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है
 अपनी सुख सुविधाओं के लिए....
फिर स्वयं विवश होती है
 अपने दुःख और दुविधाओं से...!!

©Anjali Jain

आज का विचार 08.12.24 आज का विचार

16 Love

White सज्जन व्यक्ति स्वतः प्रसन्न रहते हैं दुर्जन व्यक्तियों को प्रसन्न करना पड़ता है फिर भी वे प्रसन्न नहीं होते, अतः निरर्थक प्रयास करना छोड़ें और स्वयं प्रसन्न रहें!! ©Anjali Jain

#विचार #sad_dp  White  सज्जन व्यक्ति स्वतः प्रसन्न रहते हैं 
दुर्जन व्यक्तियों को प्रसन्न करना पड़ता है 
फिर भी वे प्रसन्न नहीं होते,
अतः निरर्थक प्रयास करना छोड़ें और 
स्वयं प्रसन्न रहें!!

©Anjali Jain

#sad_dp आज का विचार 22.10.24 आज का विचार

23 Love

Unsplash पसरा हुआ है रात्रि का सन्नाटा और न जाने क्यों डर रहा है मेरा मन क्यों याद आ रहा है मुझे अतित जी भयावह घटनाओ का क्रम मुझे लगता है सारी पीड़ाए पैदा क़ी है उन असुरो ने तभी तों होता रहा है देवताओं का दमन ©Parasram Arora

#SAD  Unsplash पसरा हुआ है 
रात्रि का सन्नाटा 

और न जाने क्यों 
 डर रहा है मेरा मन 

क्यों याद आ रहा है मुझे 
अतित जी भयावह
 घटनाओ का क्रम 

मुझे लगता है सारी
 पीड़ाए पैदा क़ी है 
उन असुरो ने
तभी तों होता रहा है 
देवताओं का दमन

©Parasram Arora

रात्रि का सन्नाटा

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आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain

#विचार  आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है 
भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है
 अपनी सुख सुविधाओं के लिए....
फिर स्वयं विवश होती है
 अपने दुःख और दुविधाओं से...!!

©Anjali Jain

आज का विचार 08.12.24 आज का विचार

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White सज्जन व्यक्ति स्वतः प्रसन्न रहते हैं दुर्जन व्यक्तियों को प्रसन्न करना पड़ता है फिर भी वे प्रसन्न नहीं होते, अतः निरर्थक प्रयास करना छोड़ें और स्वयं प्रसन्न रहें!! ©Anjali Jain

#विचार #sad_dp  White  सज्जन व्यक्ति स्वतः प्रसन्न रहते हैं 
दुर्जन व्यक्तियों को प्रसन्न करना पड़ता है 
फिर भी वे प्रसन्न नहीं होते,
अतः निरर्थक प्रयास करना छोड़ें और 
स्वयं प्रसन्न रहें!!

©Anjali Jain

#sad_dp आज का विचार 22.10.24 आज का विचार

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