Sign in
tags

New सहेजें और जारी रखें Status, Photo, Video

Find the latest Status about सहेजें और जारी रखें from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about सहेजें और जारी रखें.

  • Latest
  • Popular
  • Video

green-leaves "दिन बदले रात बदली, एक-एक करके बारह महीने बदलकर, अब तो कलेंडर भी बदल गया। पर उनकी याद पर रत्तीभर भी ना असर हुआ, कल भी उसका आना जारी था, आज भी उसका आना जारी रहा।।" ©Anjali Singhal

#AnjaliSinghal  green-leaves "दिन बदले रात बदली,
एक-एक करके बारह महीने बदलकर,
अब तो कलेंडर भी बदल गया।
पर उनकी याद पर रत्तीभर भी ना असर हुआ, 
कल भी उसका आना जारी था,
आज भी उसका आना जारी रहा।।"

©Anjali Singhal

"दिन बदले रात बदली, एक-एक करके बारह महीने बदलकर, अब तो कलेंडर भी बदल गया। पर उनकी याद पर रत्तीभर भी ना असर हुआ, कल भी उसका आना जारी था, आज

12 Love

White मै जिस घर मे रहता हूं अक्सर यही कहता हैँ मुझे कभी मत कजोड़ना क्योंकि मै तुम्हारा अतित हूँ जो तुमने मुझमे रह कर गुज़ारा हैँ और जिन रास्तो पर मै चलता आया हूँ अक्सर वो हर दिन कहते हैँ मुझे कि मेरा अनुसारन्न करते रहो क्योंकि मै ही तुम्हारा भविष्य हूँ ©Parasram Arora

 White मै जिस घर मे रहता हूं
अक्सर यही कहता हैँ 

मुझे कभी मत कजोड़ना क्योंकि 
मै तुम्हारा अतित हूँ जो तुमने मुझमे रह कर गुज़ारा हैँ 

और जिन रास्तो पर  मै चलता आया हूँ 
अक्सर वो हर दिन कहते हैँ मुझे 
कि मेरा अनुसारन्न करते रहो क्योंकि 
मै ही तुम्हारा भविष्य हूँ

©Parasram Arora

घर और रास्ता vs अतित और भविष्य

15 Love

Unsplash उसकी तारीफ़ भी क़ी और कई बार उसकी शान मे तालिया भी बजाई इसके बावजूद किसी का दर्द तुमने कम होते हुए कभी देखा है क्या,=? ©Parasram Arora

 Unsplash उसकी तारीफ़ भी  क़ी और कई बार उसकी  शान मे तालिया  भी बजाई 

इसके बावजूद किसी का दर्द तुमने कम होते हुए कभी देखा है क्या,=?

©Parasram Arora

तारीफ और तालिया

15 Love

Unsplash वो दिन याद करो ज़ब ये आदमी पहले "आदम " था और स्त्री "ईव " थीं तब न आखर था न शब्द न लिपि न कोई आपस मे संवाद था तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं इसके बाद वो ध्वनि कब संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और वो ईव स्त्री मे रूपांतरित हो गए थे ©Parasram Arora

 Unsplash वो दिन याद करो 
ज़ब ये आदमी पहले  "आदम "  था 
और स्त्री "ईव " थीं 

तब न आखर था न शब्द न लिपि 
न कोई आपस मे संवाद था 
तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं
इसके बाद वो ध्वनि  कब  संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता
लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और  वो ईव स्त्री मे  रूपांतरित 
 हो  गए थे

©Parasram Arora

आदम और ईव

17 Love

White हमारे आदर्शी को पस्तझनी देने मे समर्थ है हमानी विचलित चेतनाये तभी तों रेत मे मुंह छुपा कर रहती है हमारी अनसुलझी समस्याएं जबकि अंतकाल तक हम फेरते रहते है मुर्ख सपनो की मालाये शायद इसीलीये डूब चुके है हमारे भाव और ख़ो चुकी है संवेदनाये ©Parasram Arora

#Motivational  White हमारे  आदर्शी को पस्तझनी देने मे समर्थ है हमानी विचलित  चेतनाये
 
तभी तों  रेत मे मुंह छुपा कर रहती है  हमारी अनसुलझी समस्याएं 

जबकि अंतकाल तक हम फेरते रहते है मुर्ख 
सपनो की  मालाये
शायद इसीलीये  डूब चुके है हमारे भाव  और ख़ो चुकी है  संवेदनाये

©Parasram Arora

आदर्श और संवेदनाये

18 Love

#मैं #Quotes  White  "मैं हूँ और वह है, मिलना चाहते हैं,
  पर दूरी इतनी है, जैसे धरती और आसमान।"


 "कभी लगता है, चूर-चूर हो जाऊँ, फिर लगता है, 
  मिलना तो तय ही है।"

©kevat pk

#मैं और वो

90 View

green-leaves "दिन बदले रात बदली, एक-एक करके बारह महीने बदलकर, अब तो कलेंडर भी बदल गया। पर उनकी याद पर रत्तीभर भी ना असर हुआ, कल भी उसका आना जारी था, आज भी उसका आना जारी रहा।।" ©Anjali Singhal

#AnjaliSinghal  green-leaves "दिन बदले रात बदली,
एक-एक करके बारह महीने बदलकर,
अब तो कलेंडर भी बदल गया।
पर उनकी याद पर रत्तीभर भी ना असर हुआ, 
कल भी उसका आना जारी था,
आज भी उसका आना जारी रहा।।"

©Anjali Singhal

"दिन बदले रात बदली, एक-एक करके बारह महीने बदलकर, अब तो कलेंडर भी बदल गया। पर उनकी याद पर रत्तीभर भी ना असर हुआ, कल भी उसका आना जारी था, आज

12 Love

White मै जिस घर मे रहता हूं अक्सर यही कहता हैँ मुझे कभी मत कजोड़ना क्योंकि मै तुम्हारा अतित हूँ जो तुमने मुझमे रह कर गुज़ारा हैँ और जिन रास्तो पर मै चलता आया हूँ अक्सर वो हर दिन कहते हैँ मुझे कि मेरा अनुसारन्न करते रहो क्योंकि मै ही तुम्हारा भविष्य हूँ ©Parasram Arora

 White मै जिस घर मे रहता हूं
अक्सर यही कहता हैँ 

मुझे कभी मत कजोड़ना क्योंकि 
मै तुम्हारा अतित हूँ जो तुमने मुझमे रह कर गुज़ारा हैँ 

और जिन रास्तो पर  मै चलता आया हूँ 
अक्सर वो हर दिन कहते हैँ मुझे 
कि मेरा अनुसारन्न करते रहो क्योंकि 
मै ही तुम्हारा भविष्य हूँ

©Parasram Arora

घर और रास्ता vs अतित और भविष्य

15 Love

Unsplash उसकी तारीफ़ भी क़ी और कई बार उसकी शान मे तालिया भी बजाई इसके बावजूद किसी का दर्द तुमने कम होते हुए कभी देखा है क्या,=? ©Parasram Arora

 Unsplash उसकी तारीफ़ भी  क़ी और कई बार उसकी  शान मे तालिया  भी बजाई 

इसके बावजूद किसी का दर्द तुमने कम होते हुए कभी देखा है क्या,=?

©Parasram Arora

तारीफ और तालिया

15 Love

Unsplash वो दिन याद करो ज़ब ये आदमी पहले "आदम " था और स्त्री "ईव " थीं तब न आखर था न शब्द न लिपि न कोई आपस मे संवाद था तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं इसके बाद वो ध्वनि कब संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और वो ईव स्त्री मे रूपांतरित हो गए थे ©Parasram Arora

 Unsplash वो दिन याद करो 
ज़ब ये आदमी पहले  "आदम "  था 
और स्त्री "ईव " थीं 

तब न आखर था न शब्द न लिपि 
न कोई आपस मे संवाद था 
तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं
इसके बाद वो ध्वनि  कब  संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता
लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और  वो ईव स्त्री मे  रूपांतरित 
 हो  गए थे

©Parasram Arora

आदम और ईव

17 Love

White हमारे आदर्शी को पस्तझनी देने मे समर्थ है हमानी विचलित चेतनाये तभी तों रेत मे मुंह छुपा कर रहती है हमारी अनसुलझी समस्याएं जबकि अंतकाल तक हम फेरते रहते है मुर्ख सपनो की मालाये शायद इसीलीये डूब चुके है हमारे भाव और ख़ो चुकी है संवेदनाये ©Parasram Arora

#Motivational  White हमारे  आदर्शी को पस्तझनी देने मे समर्थ है हमानी विचलित  चेतनाये
 
तभी तों  रेत मे मुंह छुपा कर रहती है  हमारी अनसुलझी समस्याएं 

जबकि अंतकाल तक हम फेरते रहते है मुर्ख 
सपनो की  मालाये
शायद इसीलीये  डूब चुके है हमारे भाव  और ख़ो चुकी है  संवेदनाये

©Parasram Arora

आदर्श और संवेदनाये

18 Love

#मैं #Quotes  White  "मैं हूँ और वह है, मिलना चाहते हैं,
  पर दूरी इतनी है, जैसे धरती और आसमान।"


 "कभी लगता है, चूर-चूर हो जाऊँ, फिर लगता है, 
  मिलना तो तय ही है।"

©kevat pk

#मैं और वो

90 View

Trending Topic