क्यूॅं होती है चकोर को चाँद की ही चाहत ??
क्यूॅं होती है तितलियों को फूलों से ही मोहब्बत??
क्यूॅं सागर से ही जा कर मिलती है नदियाॅं सारी ??
नदियों को क्यूॅं नहीं होती किसी और से उल्फ़त ??
क्यूॅं हर लहर फ़िर समंदर में ही जाती है लौट कर ??
क्यूॅंकि समंदर से ही होती हैं लहरों की मा'रिफ़त ।
यूॅं तो शौक़ ऊॅंचाइयों का रखते हैं फ़िर भी,परिंदों को
क्यूॅं होती हैं ज़मीन पर खड़े दरख़्तों की चाहत ??
कैसे बन जाता है किसी दूसरे इंसान के दिल की तस्कीन
कोई एक ही ख़ास शख़्स ??
फ़िर क्यूँ नहीं मिलती उस एक शख़्स के बिना दिल को राहत ??
दिमाग़ से नहीं लेकिन दिल की नज़र से देखें अगर,
तो बस इसी को तो कहते है मोहब्बत ।
जो सोच समझ कर होती नहीं,अक़्ल भी यहाॅं काम करती नहीं,
ये सब तो होती है बस उस 'रब' की हिकमत ।
#bas yunhi ek khayaal .......
©Sh@kila Niy@z
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