"जहाॅं दिल की बातें कहना मुश्किल हो ,
वहाॅं ख़ामोशी बेहतर है ।
जहाॅं दिल का बोझ हल्का कर देने के बाद
लोगों की नाराज़गी का डर हो ,
वहाॅं ख़ामोशी बेहतर है ।
जहाॅं आप को सुन लेने के बाद
समझने वाला ही कोई न हो ,
वहाॅं ख़ामोशी बेहतर है ।
और जहाॅं आप को बोलने का हक़ ना हो ,
वहाॅं ख़ामोशी और भी ज़्यादा बेहतर है ।
©Sh@kila Niy@z"