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New गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब Status, Photo, Video

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Unsplash एक जलते बुझते दीये क़ी तरह होता हैँ सुख दुख आदमी के हर परिवार का ये वैसे ही हैँ जैसे तेल और बाती जरुरी होती हैँ दीये क़ी जिंदगी के लिए ©Parasram Arora

 Unsplash एक जलते बुझते दीये 
क़ी तरह होता हैँ
सुख  दुख 
आदमी के हर परिवार का 

ये वैसे ही  हैँ जैसे 
तेल और बाती जरुरी 
होती हैँ दीये  क़ी जिंदगी के लिए

©Parasram Arora

सूझ दुख

15 Love

सुख दुख तो सबके ज़िन्दगी आता जाता है

153 View

White जब मुझे पिता की ऊँगली पकड़नी थी, तब उन्होंने हाँथ छुड़ा लिया। जब मुझे माँ की थपकी चाहिये थी, तब उन्होंने हाँथ छुड़ा लिया। अब प्यार बेशुमार करते है मेरे पति मुझसे, अब मेरा हाँथ छूट रहा है उनसे। ©Khushboo

#मोटिवेशनल  White जब मुझे पिता की ऊँगली पकड़नी थी, 
तब उन्होंने हाँथ छुड़ा लिया। 
जब मुझे माँ की थपकी चाहिये थी, 
तब उन्होंने हाँथ छुड़ा लिया। 
अब प्यार बेशुमार करते है 
मेरे पति मुझसे, 
अब मेरा हाँथ छूट रहा है उनसे।

©Khushboo

ये दुख बड़ा रूलाती है न😭😭

10 Love

White हर दिल में छुपा कोई राज़ है न साहिब सबके जीने का अपना अंदाज है न साहिब..! हुकूमतें आई हैं तो जायेंगी भी एक दिन किसके सर रहा हर वक़्त ताज है न साहिब..! अच्छा बुरा वक़्त नहीं इंसान हुआ करते हैं वही तो कल था वही तो आज है न साहिब..! बदल जाना कोई बुरी बात भी तो नहीं सुबह आफ़ताब रात में महताब है न साहिब..! एक की ख़ुशी दूसरे का ग़म ही तो कहा जाये एक को माने तो दूजा नाराज है न साहिब..! इतनी बड़ी ज़िंदगी कहीं तो फिसला होगा इंसानी दामन में कहीं तो दाग़ है न साहिब..! बदलेगी दुनिया और भी जाने क्या होगा किसे फ़िक्र कि अभी तो आगाज है न साहिब..! ग़ुमाँ किस किस का किया जाये हैरत बड़ी है जब ज़िंदगी ही अपनी दगाबाज है न साहिब..! ©अज्ञात

#शायरी #है  White हर दिल में छुपा कोई राज़ है न साहिब 
सबके जीने का अपना अंदाज है न साहिब..!

हुकूमतें आई हैं तो जायेंगी भी एक दिन 
किसके सर रहा हर वक़्त ताज है न साहिब..!

अच्छा बुरा वक़्त नहीं इंसान हुआ करते हैं 
वही तो कल था वही तो आज है न साहिब..!

बदल जाना कोई बुरी बात भी तो नहीं 
सुबह आफ़ताब रात में महताब है न साहिब..!

एक की ख़ुशी दूसरे का ग़म ही तो कहा जाये 
एक को माने तो दूजा नाराज है न साहिब..!

इतनी बड़ी ज़िंदगी कहीं तो फिसला होगा 
इंसानी दामन में कहीं तो दाग़ है न साहिब..!

बदलेगी दुनिया और भी जाने क्या होगा 
किसे फ़िक्र कि अभी तो आगाज है न साहिब..!

ग़ुमाँ किस किस का किया जाये हैरत बड़ी है 
जब ज़िंदगी ही अपनी दगाबाज है न साहिब..!

©अज्ञात

#है ना साहिब

13 Love

Unsplash एक जलते बुझते दीये क़ी तरह होता हैँ सुख दुख आदमी के हर परिवार का ये वैसे ही हैँ जैसे तेल और बाती जरुरी होती हैँ दीये क़ी जिंदगी के लिए ©Parasram Arora

 Unsplash एक जलते बुझते दीये 
क़ी तरह होता हैँ
सुख  दुख 
आदमी के हर परिवार का 

ये वैसे ही  हैँ जैसे 
तेल और बाती जरुरी 
होती हैँ दीये  क़ी जिंदगी के लिए

©Parasram Arora

सूझ दुख

15 Love

सुख दुख तो सबके ज़िन्दगी आता जाता है

153 View

White जब मुझे पिता की ऊँगली पकड़नी थी, तब उन्होंने हाँथ छुड़ा लिया। जब मुझे माँ की थपकी चाहिये थी, तब उन्होंने हाँथ छुड़ा लिया। अब प्यार बेशुमार करते है मेरे पति मुझसे, अब मेरा हाँथ छूट रहा है उनसे। ©Khushboo

#मोटिवेशनल  White जब मुझे पिता की ऊँगली पकड़नी थी, 
तब उन्होंने हाँथ छुड़ा लिया। 
जब मुझे माँ की थपकी चाहिये थी, 
तब उन्होंने हाँथ छुड़ा लिया। 
अब प्यार बेशुमार करते है 
मेरे पति मुझसे, 
अब मेरा हाँथ छूट रहा है उनसे।

©Khushboo

ये दुख बड़ा रूलाती है न😭😭

10 Love

White हर दिल में छुपा कोई राज़ है न साहिब सबके जीने का अपना अंदाज है न साहिब..! हुकूमतें आई हैं तो जायेंगी भी एक दिन किसके सर रहा हर वक़्त ताज है न साहिब..! अच्छा बुरा वक़्त नहीं इंसान हुआ करते हैं वही तो कल था वही तो आज है न साहिब..! बदल जाना कोई बुरी बात भी तो नहीं सुबह आफ़ताब रात में महताब है न साहिब..! एक की ख़ुशी दूसरे का ग़म ही तो कहा जाये एक को माने तो दूजा नाराज है न साहिब..! इतनी बड़ी ज़िंदगी कहीं तो फिसला होगा इंसानी दामन में कहीं तो दाग़ है न साहिब..! बदलेगी दुनिया और भी जाने क्या होगा किसे फ़िक्र कि अभी तो आगाज है न साहिब..! ग़ुमाँ किस किस का किया जाये हैरत बड़ी है जब ज़िंदगी ही अपनी दगाबाज है न साहिब..! ©अज्ञात

#शायरी #है  White हर दिल में छुपा कोई राज़ है न साहिब 
सबके जीने का अपना अंदाज है न साहिब..!

हुकूमतें आई हैं तो जायेंगी भी एक दिन 
किसके सर रहा हर वक़्त ताज है न साहिब..!

अच्छा बुरा वक़्त नहीं इंसान हुआ करते हैं 
वही तो कल था वही तो आज है न साहिब..!

बदल जाना कोई बुरी बात भी तो नहीं 
सुबह आफ़ताब रात में महताब है न साहिब..!

एक की ख़ुशी दूसरे का ग़म ही तो कहा जाये 
एक को माने तो दूजा नाराज है न साहिब..!

इतनी बड़ी ज़िंदगी कहीं तो फिसला होगा 
इंसानी दामन में कहीं तो दाग़ है न साहिब..!

बदलेगी दुनिया और भी जाने क्या होगा 
किसे फ़िक्र कि अभी तो आगाज है न साहिब..!

ग़ुमाँ किस किस का किया जाये हैरत बड़ी है 
जब ज़िंदगी ही अपनी दगाबाज है न साहिब..!

©अज्ञात

#है ना साहिब

13 Love

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