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New आँगन पधारो महारानी Status, Photo, Video

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White भाई बहन का प्यार पवन , प्रेम भरा ये संसार । ये नोंक झोंक के रिश्ते नाते , होता है उनमे तकरार ।। भाई दूज का यह त्यौहार ,आता है ये हर साल । देख देख कर भाई भावज, जाती बहन वो निहाल ।। चंदन तिलक शीश पर शोभे, देती है वो ये आशीष । लेती बहन भाई से सदा ,देख खूब वो बख्शीस ।। तरह तरह के मेवा, मिष्ठान्न सजा, देती है वो उपहार । उनकी लंबी आयु की कर कामना वो करती बहन दुलार ।। एक ही डाली के दो पुष्प, इनसे खिले अनेक बहार । वो मात पिता के सदा लाडले , वो घर के ये श्रृंगार ।। होनहार बच्चे है दोनों, ईश्वर का ये सौगात । भाई बहनों का ये रिश्ता, किस्मत की है ये बात ।। लो चली पराई आँगन बहना, भाई हुआ बहुत उदास । आते ही बहना को घर में, छाए है सब उल्लास ।। पावन बंधन है दोनों का ,रहे सदा ही एक साथ । एक दूसरे के मुश्किल में, थामे रहते दोनों हाथ ।। ©Shivkumar barman

#त्यौहार #भैयादूज #किस्मत #रिश्ते #भाईबहन #ईश्वर  White 

भाई बहन का प्यार पवन , प्रेम भरा ये संसार ।
ये नोंक झोंक के रिश्ते नाते , होता है उनमे तकरार ।।

भाई दूज का यह त्यौहार ,आता है ये हर साल ।
देख देख कर भाई भावज, जाती बहन वो निहाल ।।

चंदन तिलक शीश पर शोभे, देती है वो ये आशीष ।
लेती बहन भाई से सदा ,देख खूब वो बख्शीस ।।

तरह तरह के मेवा, मिष्ठान्न सजा, देती है वो उपहार ।
उनकी लंबी आयु की कर कामना वो करती बहन दुलार ।।

एक ही डाली के दो पुष्प, इनसे खिले अनेक बहार ।
वो मात पिता के सदा लाडले , वो घर के ये श्रृंगार ।।

होनहार बच्चे है दोनों, ईश्वर का ये सौगात ।
भाई बहनों का ये रिश्ता, किस्मत की है ये बात ।।

लो चली पराई आँगन बहना, भाई हुआ बहुत उदास ।
आते ही बहना को घर में, छाए है सब उल्लास ।।

पावन बंधन है दोनों का ,रहे सदा ही एक साथ ।
एक दूसरे के मुश्किल में, थामे रहते दोनों हाथ ।।

©Shivkumar barman

#भाईबहन का प्यार पवन , प्रेम भरा ये #संसार । ये नोंक झोंक के #रिश्ते नाते , होता है उनमे तकरार ।। भाई दूज का यह #त्यौहार ,आता है ये हर

16 Love

“जय शिव शंकर, त्रिपुरारी, भोले भंडारी, तेरे चरणों में नतमस्तक दुनिया सारी।“ नवरात्रि में, दुर्गा महारानी आ रही है, तुम भी पधारो, पधारो हे त्रिभुवननाथ! आदिशक्ति जगदम्बा रानी आ रही है, तुम भी पधारो, दर्शन दो हे भोलेनाथ! नवरात्रि में, दुर्गा……… एक बार शिव, डमरू डम डम बजा देना, त्रिशूल की शक्ति जग को दिखला देना। तेरे संग संग, गंगा मैया भी आ जाएगी, सब में उमंग जगा देना हे त्रिलोकीनाथ! नवरात्रि में, दुर्गा…………. जिसकी जैसी करनी, उसकी वैसी भरनी, दुनिया पर नजर रखती है जगत जननी। तुम्हारे दर्शन से मौसम मंगलमय होगा। पूरी नवरात्रि देना मैया भवानी का साथ! नवरात्रि में, दुर्गा,………. बड़ा अच्छा लगता आपका भस्म लगाना, आपका यह तो श्रृंगार है बहुत ही पुराना। तीसरा नेत्र अपना बंद ही रखना महादेव, आशीर्वाद के लिए खुले रखना दोनों हाथ! नवरात्रि में, दुर्गा………… ©IG @kavi_neetesh

#भक्ति #navratri  “जय शिव शंकर, त्रिपुरारी, भोले भंडारी,
तेरे चरणों में नतमस्तक दुनिया सारी।“

नवरात्रि में, दुर्गा महारानी आ रही है,
तुम भी पधारो, पधारो हे त्रिभुवननाथ! 
आदिशक्ति जगदम्बा रानी आ रही है,
तुम भी पधारो, दर्शन दो हे भोलेनाथ!
नवरात्रि में, दुर्गा………

एक बार शिव, डमरू डम डम बजा देना,
त्रिशूल की शक्ति जग को दिखला देना।
तेरे संग संग, गंगा मैया भी आ जाएगी,
सब में उमंग जगा देना हे त्रिलोकीनाथ!
नवरात्रि में, दुर्गा………….

जिसकी जैसी करनी, उसकी वैसी भरनी,
दुनिया पर नजर रखती है जगत जननी।
तुम्हारे दर्शन से मौसम मंगलमय होगा। 
पूरी नवरात्रि देना मैया भवानी का साथ!
नवरात्रि में, दुर्गा,……….

बड़ा अच्छा लगता आपका भस्म लगाना,
आपका यह तो श्रृंगार है बहुत ही पुराना।
तीसरा नेत्र अपना बंद ही रखना महादेव,
आशीर्वाद के लिए खुले रखना दोनों हाथ!
नवरात्रि में, दुर्गा…………

©IG @kavi_neetesh

भक्ति गीत : नवरात्रि में पधारो भोलेनाथ “जय शिव शंकर, त्रिपुरारी, भोले भंडारी, तेरे चरणों में नतमस्तक दुनिया सारी।“ नवरात्रि में, दुर्

16 Love

heart कितना अनोखा है ना ये मन का आँगन! पल मे खिल जाता तो पल मे मुरझाता है। खुशी और गम का झोंका हर क्षण आता जाता है।। कभी फूलोँ सा संवर उठता है बादलों की गड़गड़ाहट से भी। कभी कुम्हला जाता है किंचित धूप की आहट से भी ।। कोई बरसों से संजोया ख्वाब सच होकर बरस जाता है और कभी हकीकत की जमीन पर अनायास डर जाता है।। इस आँगन को चाहिए विश्वास और दृढ़ता की खाद। हर बाधा को पार कर तब, रहेगा सालों साल आबाद ©Anita Agarwal

#Motivational  heart  

कितना अनोखा है ना ये मन का आँगन! 

पल मे खिल जाता
तो पल मे मुरझाता है। 
खुशी और गम का झोंका 
हर क्षण आता जाता है।। 

कभी फूलोँ सा संवर उठता है
 बादलों की गड़गड़ाहट से भी। 
कभी कुम्हला जाता है
 किंचित धूप की आहट से भी ।। 

कोई बरसों से संजोया ख्वाब
सच होकर बरस जाता है 
और कभी हकीकत की जमीन पर 
 अनायास डर जाता है।। 

इस आँगन को चाहिए
विश्वास और दृढ़ता की खाद।
हर बाधा को पार कर तब,
रहेगा सालों साल आबाद

©Anita Agarwal

मन का आँगन

11 Love

White हे गौरा के लाल , पधारो आँगन में । भक्त खडे हैं आज , सब देखो आव्हान में ।। लिए पान ओ फूल , सजाए बैठे थाली । करके हैं जयकार , बजाकर हम सब ताली ।।  प्रथम पूज्य हो देव , हमारे तुम ही देवा । करते रहते नित्य , तुम्हारी हम सब सेवा ।। समझ न पाऊँ आज , करूँ मैं कैसे पूजा । राह दिखाओ आप , नही कोई मेरा दूजा ।। मैं बालक नादान , न पूजन अर्चन जानूँ । करो क्षमा सब भूल , आपको भगवन मानूँ ।। करो कष्ट अब दूर, पड़े अब किस अड़चन में । आन पड़े हैं कष्ट , हमारे कुछ जीवन में ।। दर्शन दो गजराज , भक्त के तुम्हीं सहायक । सुना सभी को आप , दियो हो शुभ फल दायक ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#Ganesh_chaturthi #कविता  White हे गौरा के लाल , पधारो आँगन में ।
भक्त खडे हैं आज , सब देखो आव्हान में ।।
लिए पान ओ फूल , सजाए बैठे थाली ।
करके हैं जयकार , बजाकर हम सब ताली ।। 
प्रथम पूज्य हो देव , हमारे तुम ही देवा ।
करते रहते नित्य , तुम्हारी हम सब सेवा ।।
समझ न पाऊँ आज , करूँ मैं कैसे पूजा ।
राह दिखाओ आप , नही कोई मेरा दूजा ।।
मैं बालक नादान , न पूजन अर्चन जानूँ ।
करो क्षमा सब भूल , आपको भगवन मानूँ ।।
करो कष्ट अब दूर, पड़े अब किस अड़चन में ।
आन पड़े हैं कष्ट , हमारे कुछ जीवन में ।।
दर्शन दो गजराज , भक्त के तुम्हीं सहायक ।
सुना सभी को आप , दियो हो शुभ फल दायक ।।


महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#Ganesh_chaturthi हे गौरा के लाल , पधारो आँगन में । भक्त खडे हैं आज , सब देखो आव्हान में ।। लिए पान ओ फूल , सजाए बैठे थाली । करके हैं जयका

13 Love

#कविता

हिंदी कविताएक बार तो पधारो मैं खाने में

126 View

गीत :- आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ । कर्ज बैंक का सर के ऊपर, खून बेचकर उसे चुकाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ.... सरकारें करती मनमानी ,  पीने का भी छीने पानी । कैसे जीते हैं हम निर्धन ,  कैसे तुमको व्यथा सुनाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... मैं ही एक नहीं हूँ निर्धन ,  आटा दाल न होता ईर्धन । जन-जन का मैं हाल सुनाऊँ ,  आओ चल कर तुम्हें दिखाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... शिक्षा भी व्यापार हुई है ,  महँगी सब्जी दाल हुई है आमद हो गई है आज चव्न्नी,  कैसे घर का खर्च चलाऊँ । आजादी का दिवस मनाऊँ... सभी स्वस्थ सेवाएं महँगी , जीवन की घटनाएं महँगी । आती मौत न जीवन को, फंदा अपने गले लगाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... ज्यादा हुआ दूध उत्पादन, बिन पशु के आ जाता आँगन । किसको दर्पण आज दिखाऊँ  दिल कहता शामिल हो जाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ..... आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत :-
आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ ।
कर्ज बैंक का सर के ऊपर, खून बेचकर उसे चुकाऊँ ।।
आजादी का दिवस मनाऊँ....

सरकारें करती मनमानी , 
पीने का भी छीने पानी ।
कैसे जीते हैं हम निर्धन ,
 कैसे तुमको व्यथा सुनाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

मैं ही एक नहीं हूँ निर्धन , 
आटा दाल न होता ईर्धन ।
जन-जन का मैं हाल सुनाऊँ , 
आओ चल कर तुम्हें दिखाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

शिक्षा भी व्यापार हुई है , 
महँगी सब्जी दाल हुई है
आमद हो गई है आज चव्न्नी, 
कैसे घर का खर्च चलाऊँ । आजादी का दिवस मनाऊँ...

सभी स्वस्थ सेवाएं महँगी ,
जीवन की घटनाएं महँगी ।
आती मौत न जीवन को,
फंदा अपने गले लगाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

ज्यादा हुआ दूध उत्पादन,
बिन पशु के आ जाता आँगन ।
किसको दर्पण आज दिखाऊँ 
दिल कहता शामिल हो जाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ.....
आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ ।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- आजादी का दिवस मनाऊँ ,  भूखा अपना लाल सुलाऊँ । कर्ज बैंक का सर के ऊपर,

14 Love

White भाई बहन का प्यार पवन , प्रेम भरा ये संसार । ये नोंक झोंक के रिश्ते नाते , होता है उनमे तकरार ।। भाई दूज का यह त्यौहार ,आता है ये हर साल । देख देख कर भाई भावज, जाती बहन वो निहाल ।। चंदन तिलक शीश पर शोभे, देती है वो ये आशीष । लेती बहन भाई से सदा ,देख खूब वो बख्शीस ।। तरह तरह के मेवा, मिष्ठान्न सजा, देती है वो उपहार । उनकी लंबी आयु की कर कामना वो करती बहन दुलार ।। एक ही डाली के दो पुष्प, इनसे खिले अनेक बहार । वो मात पिता के सदा लाडले , वो घर के ये श्रृंगार ।। होनहार बच्चे है दोनों, ईश्वर का ये सौगात । भाई बहनों का ये रिश्ता, किस्मत की है ये बात ।। लो चली पराई आँगन बहना, भाई हुआ बहुत उदास । आते ही बहना को घर में, छाए है सब उल्लास ।। पावन बंधन है दोनों का ,रहे सदा ही एक साथ । एक दूसरे के मुश्किल में, थामे रहते दोनों हाथ ।। ©Shivkumar barman

#त्यौहार #भैयादूज #किस्मत #रिश्ते #भाईबहन #ईश्वर  White 

भाई बहन का प्यार पवन , प्रेम भरा ये संसार ।
ये नोंक झोंक के रिश्ते नाते , होता है उनमे तकरार ।।

भाई दूज का यह त्यौहार ,आता है ये हर साल ।
देख देख कर भाई भावज, जाती बहन वो निहाल ।।

चंदन तिलक शीश पर शोभे, देती है वो ये आशीष ।
लेती बहन भाई से सदा ,देख खूब वो बख्शीस ।।

तरह तरह के मेवा, मिष्ठान्न सजा, देती है वो उपहार ।
उनकी लंबी आयु की कर कामना वो करती बहन दुलार ।।

एक ही डाली के दो पुष्प, इनसे खिले अनेक बहार ।
वो मात पिता के सदा लाडले , वो घर के ये श्रृंगार ।।

होनहार बच्चे है दोनों, ईश्वर का ये सौगात ।
भाई बहनों का ये रिश्ता, किस्मत की है ये बात ।।

लो चली पराई आँगन बहना, भाई हुआ बहुत उदास ।
आते ही बहना को घर में, छाए है सब उल्लास ।।

पावन बंधन है दोनों का ,रहे सदा ही एक साथ ।
एक दूसरे के मुश्किल में, थामे रहते दोनों हाथ ।।

©Shivkumar barman

#भाईबहन का प्यार पवन , प्रेम भरा ये #संसार । ये नोंक झोंक के #रिश्ते नाते , होता है उनमे तकरार ।। भाई दूज का यह #त्यौहार ,आता है ये हर

16 Love

“जय शिव शंकर, त्रिपुरारी, भोले भंडारी, तेरे चरणों में नतमस्तक दुनिया सारी।“ नवरात्रि में, दुर्गा महारानी आ रही है, तुम भी पधारो, पधारो हे त्रिभुवननाथ! आदिशक्ति जगदम्बा रानी आ रही है, तुम भी पधारो, दर्शन दो हे भोलेनाथ! नवरात्रि में, दुर्गा……… एक बार शिव, डमरू डम डम बजा देना, त्रिशूल की शक्ति जग को दिखला देना। तेरे संग संग, गंगा मैया भी आ जाएगी, सब में उमंग जगा देना हे त्रिलोकीनाथ! नवरात्रि में, दुर्गा…………. जिसकी जैसी करनी, उसकी वैसी भरनी, दुनिया पर नजर रखती है जगत जननी। तुम्हारे दर्शन से मौसम मंगलमय होगा। पूरी नवरात्रि देना मैया भवानी का साथ! नवरात्रि में, दुर्गा,………. बड़ा अच्छा लगता आपका भस्म लगाना, आपका यह तो श्रृंगार है बहुत ही पुराना। तीसरा नेत्र अपना बंद ही रखना महादेव, आशीर्वाद के लिए खुले रखना दोनों हाथ! नवरात्रि में, दुर्गा………… ©IG @kavi_neetesh

#भक्ति #navratri  “जय शिव शंकर, त्रिपुरारी, भोले भंडारी,
तेरे चरणों में नतमस्तक दुनिया सारी।“

नवरात्रि में, दुर्गा महारानी आ रही है,
तुम भी पधारो, पधारो हे त्रिभुवननाथ! 
आदिशक्ति जगदम्बा रानी आ रही है,
तुम भी पधारो, दर्शन दो हे भोलेनाथ!
नवरात्रि में, दुर्गा………

एक बार शिव, डमरू डम डम बजा देना,
त्रिशूल की शक्ति जग को दिखला देना।
तेरे संग संग, गंगा मैया भी आ जाएगी,
सब में उमंग जगा देना हे त्रिलोकीनाथ!
नवरात्रि में, दुर्गा………….

जिसकी जैसी करनी, उसकी वैसी भरनी,
दुनिया पर नजर रखती है जगत जननी।
तुम्हारे दर्शन से मौसम मंगलमय होगा। 
पूरी नवरात्रि देना मैया भवानी का साथ!
नवरात्रि में, दुर्गा,……….

बड़ा अच्छा लगता आपका भस्म लगाना,
आपका यह तो श्रृंगार है बहुत ही पुराना।
तीसरा नेत्र अपना बंद ही रखना महादेव,
आशीर्वाद के लिए खुले रखना दोनों हाथ!
नवरात्रि में, दुर्गा…………

©IG @kavi_neetesh

भक्ति गीत : नवरात्रि में पधारो भोलेनाथ “जय शिव शंकर, त्रिपुरारी, भोले भंडारी, तेरे चरणों में नतमस्तक दुनिया सारी।“ नवरात्रि में, दुर्

16 Love

heart कितना अनोखा है ना ये मन का आँगन! पल मे खिल जाता तो पल मे मुरझाता है। खुशी और गम का झोंका हर क्षण आता जाता है।। कभी फूलोँ सा संवर उठता है बादलों की गड़गड़ाहट से भी। कभी कुम्हला जाता है किंचित धूप की आहट से भी ।। कोई बरसों से संजोया ख्वाब सच होकर बरस जाता है और कभी हकीकत की जमीन पर अनायास डर जाता है।। इस आँगन को चाहिए विश्वास और दृढ़ता की खाद। हर बाधा को पार कर तब, रहेगा सालों साल आबाद ©Anita Agarwal

#Motivational  heart  

कितना अनोखा है ना ये मन का आँगन! 

पल मे खिल जाता
तो पल मे मुरझाता है। 
खुशी और गम का झोंका 
हर क्षण आता जाता है।। 

कभी फूलोँ सा संवर उठता है
 बादलों की गड़गड़ाहट से भी। 
कभी कुम्हला जाता है
 किंचित धूप की आहट से भी ।। 

कोई बरसों से संजोया ख्वाब
सच होकर बरस जाता है 
और कभी हकीकत की जमीन पर 
 अनायास डर जाता है।। 

इस आँगन को चाहिए
विश्वास और दृढ़ता की खाद।
हर बाधा को पार कर तब,
रहेगा सालों साल आबाद

©Anita Agarwal

मन का आँगन

11 Love

White हे गौरा के लाल , पधारो आँगन में । भक्त खडे हैं आज , सब देखो आव्हान में ।। लिए पान ओ फूल , सजाए बैठे थाली । करके हैं जयकार , बजाकर हम सब ताली ।।  प्रथम पूज्य हो देव , हमारे तुम ही देवा । करते रहते नित्य , तुम्हारी हम सब सेवा ।। समझ न पाऊँ आज , करूँ मैं कैसे पूजा । राह दिखाओ आप , नही कोई मेरा दूजा ।। मैं बालक नादान , न पूजन अर्चन जानूँ । करो क्षमा सब भूल , आपको भगवन मानूँ ।। करो कष्ट अब दूर, पड़े अब किस अड़चन में । आन पड़े हैं कष्ट , हमारे कुछ जीवन में ।। दर्शन दो गजराज , भक्त के तुम्हीं सहायक । सुना सभी को आप , दियो हो शुभ फल दायक ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#Ganesh_chaturthi #कविता  White हे गौरा के लाल , पधारो आँगन में ।
भक्त खडे हैं आज , सब देखो आव्हान में ।।
लिए पान ओ फूल , सजाए बैठे थाली ।
करके हैं जयकार , बजाकर हम सब ताली ।। 
प्रथम पूज्य हो देव , हमारे तुम ही देवा ।
करते रहते नित्य , तुम्हारी हम सब सेवा ।।
समझ न पाऊँ आज , करूँ मैं कैसे पूजा ।
राह दिखाओ आप , नही कोई मेरा दूजा ।।
मैं बालक नादान , न पूजन अर्चन जानूँ ।
करो क्षमा सब भूल , आपको भगवन मानूँ ।।
करो कष्ट अब दूर, पड़े अब किस अड़चन में ।
आन पड़े हैं कष्ट , हमारे कुछ जीवन में ।।
दर्शन दो गजराज , भक्त के तुम्हीं सहायक ।
सुना सभी को आप , दियो हो शुभ फल दायक ।।


महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#Ganesh_chaturthi हे गौरा के लाल , पधारो आँगन में । भक्त खडे हैं आज , सब देखो आव्हान में ।। लिए पान ओ फूल , सजाए बैठे थाली । करके हैं जयका

13 Love

#कविता

हिंदी कविताएक बार तो पधारो मैं खाने में

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गीत :- आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ । कर्ज बैंक का सर के ऊपर, खून बेचकर उसे चुकाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ.... सरकारें करती मनमानी ,  पीने का भी छीने पानी । कैसे जीते हैं हम निर्धन ,  कैसे तुमको व्यथा सुनाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... मैं ही एक नहीं हूँ निर्धन ,  आटा दाल न होता ईर्धन । जन-जन का मैं हाल सुनाऊँ ,  आओ चल कर तुम्हें दिखाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... शिक्षा भी व्यापार हुई है ,  महँगी सब्जी दाल हुई है आमद हो गई है आज चव्न्नी,  कैसे घर का खर्च चलाऊँ । आजादी का दिवस मनाऊँ... सभी स्वस्थ सेवाएं महँगी , जीवन की घटनाएं महँगी । आती मौत न जीवन को, फंदा अपने गले लगाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ... ज्यादा हुआ दूध उत्पादन, बिन पशु के आ जाता आँगन । किसको दर्पण आज दिखाऊँ  दिल कहता शामिल हो जाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ..... आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत :-
आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ ।
कर्ज बैंक का सर के ऊपर, खून बेचकर उसे चुकाऊँ ।।
आजादी का दिवस मनाऊँ....

सरकारें करती मनमानी , 
पीने का भी छीने पानी ।
कैसे जीते हैं हम निर्धन ,
 कैसे तुमको व्यथा सुनाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

मैं ही एक नहीं हूँ निर्धन , 
आटा दाल न होता ईर्धन ।
जन-जन का मैं हाल सुनाऊँ , 
आओ चल कर तुम्हें दिखाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

शिक्षा भी व्यापार हुई है , 
महँगी सब्जी दाल हुई है
आमद हो गई है आज चव्न्नी, 
कैसे घर का खर्च चलाऊँ । आजादी का दिवस मनाऊँ...

सभी स्वस्थ सेवाएं महँगी ,
जीवन की घटनाएं महँगी ।
आती मौत न जीवन को,
फंदा अपने गले लगाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

ज्यादा हुआ दूध उत्पादन,
बिन पशु के आ जाता आँगन ।
किसको दर्पण आज दिखाऊँ 
दिल कहता शामिल हो जाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ.....
आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ ।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- आजादी का दिवस मनाऊँ ,  भूखा अपना लाल सुलाऊँ । कर्ज बैंक का सर के ऊपर,

14 Love

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