White अब तबियत में कोई सुधार आने से रहा,
अब हम नहीं जलते हमें कोई जलाने से रहा।
मुहब्बत उन्स इश्क़ प्रेम क़ल्ब ए ज़िल्लत भी हैं
यक़ीनन जिसे हुआ उसे तो क़रार आने से रहा।
चैन छीन गया होगा दिल ए ग़ुल्फ़ाम का भी तो
जिसे ग़ुलनाज़ का अब तक इक़रार आने से रहा
चंद सिक्कों की खातिर जो बेच दे ज़मीर तलक
उसको ईमान ए ज़र अब मेरे यार आने से रहा
जो सताया हुआ हो क़िस्मत का ख़ुद ही बहुत
वो पागल हैं अब, वो दुनियां को सताने से रहा
इख़लाक़ हैं अना का हर लफ्ज़, सोचो तो
कुछ कहते है राज़ भी, किसीको जो बतलाने से रहा
पहुंच चुके हैं हम वक्त की उस देहलीज पर, अब
फ़र्क नहीं पड़ता कोई आने से रहा कोई जाने से रहा
©Ana
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