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New अभिमान का पर्यायवाची Status, Photo, Video

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#AnjaliSinghal #status #Videos #Video #viral

"संजोए दो कुटुंब का मान-सम्मान, सिंदूर हो जाता एक सुहागन का अभिमान। लेकर सुहागन की मांग में एक महत्वपूर्ण स्थान, सिंदूर दिलाता उसे सदा सुहा

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Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} मूर्ख व्यक्ति ज्ञानीयो से कुछ भी नही सीख पाता, लेकिन ज्ञानी व्यक्ति मूर्खों से भी बहुत कुछ शिख लेता है, पर ज्ञानी होने का अभिमान नहीं करना चाहिए, ज्ञानी होने के अभिमान से व्यक्ति का मान-सम्मान जल्दी खत्म हो जाता है, उसके बाद यह उसको बहुत तकलीफ देता है। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #Book  Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey}
मूर्ख व्यक्ति ज्ञानीयो से कुछ भी
नही सीख पाता, लेकिन ज्ञानी
व्यक्ति मूर्खों से भी बहुत कुछ
शिख लेता है, पर ज्ञानी होने
का अभिमान नहीं करना चाहिए, 
ज्ञानी होने के अभिमान से व्यक्ति 
का मान-सम्मान जल्दी खत्म
हो जाता है, उसके बाद यह 
उसको बहुत तकलीफ देता है।
जय श्री राधेकृष्ण जी।।

©N S Yadav GoldMine

#Book {Bolo Ji Radhey Radhey} मूर्ख व्यक्ति ज्ञानीयो से कुछ भी नही सीख पाता, लेकिन ज्ञानी व्यक्ति मूर्खों से भी बहुत कुछ शिख लेता है, पर ज्ञ

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आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain

#विचार  आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है 
भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है
 अपनी सुख सुविधाओं के लिए....
फिर स्वयं विवश होती है
 अपने दुःख और दुविधाओं से...!!

©Anjali Jain

आज का विचार 08.12.24 आज का विचार

17 Love

कठिन उद्यमों से,मैंने जीवन की माटी ,सींची हैं तकदीरों के मस्तक पर मेहनत की ,रेखा खींची हैं जब जब घाव लगा हैं बढ़ने थोड़ी आंखें भींची हैं अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी ये दुनिया,कांच सरीखी हैं दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं रही धरा पर वास किए सभी कंटकों से जूझी स्वयं विजयश्री की हासिल नहीं कोई इक भी अखियां मेरे घावों पर भीगी हैं कठिन उद्यमों से,मैने जीवन की माटी,सींची हैं ©ashita pandey बेबाक़

#विचार #sad_quotes  कठिन उद्यमों से,मैंने
जीवन की माटी ,सींची हैं 
तकदीरों के मस्तक पर 
मेहनत की ,रेखा खींची हैं
जब जब घाव लगा हैं बढ़ने
थोड़ी आंखें भींची हैं 
अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी
ये दुनिया,कांच सरीखी हैं
दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं 
रही धरा पर वास किए
सभी कंटकों से जूझी
स्वयं विजयश्री की हासिल
नहीं कोई इक भी अखियां
मेरे घावों पर भीगी हैं
कठिन उद्यमों से,मैने
जीवन की माटी,सींची हैं

©ashita pandey  बेबाक़

#sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार

15 Love

#विचार

आज का विचार

126 View

वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।‌। ©Dev

#शायरी  वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।‌।

©Dev

दिल का अहसास

14 Love

#AnjaliSinghal #status #Videos #Video #viral

"संजोए दो कुटुंब का मान-सम्मान, सिंदूर हो जाता एक सुहागन का अभिमान। लेकर सुहागन की मांग में एक महत्वपूर्ण स्थान, सिंदूर दिलाता उसे सदा सुहा

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Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} मूर्ख व्यक्ति ज्ञानीयो से कुछ भी नही सीख पाता, लेकिन ज्ञानी व्यक्ति मूर्खों से भी बहुत कुछ शिख लेता है, पर ज्ञानी होने का अभिमान नहीं करना चाहिए, ज्ञानी होने के अभिमान से व्यक्ति का मान-सम्मान जल्दी खत्म हो जाता है, उसके बाद यह उसको बहुत तकलीफ देता है। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #Book  Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey}
मूर्ख व्यक्ति ज्ञानीयो से कुछ भी
नही सीख पाता, लेकिन ज्ञानी
व्यक्ति मूर्खों से भी बहुत कुछ
शिख लेता है, पर ज्ञानी होने
का अभिमान नहीं करना चाहिए, 
ज्ञानी होने के अभिमान से व्यक्ति 
का मान-सम्मान जल्दी खत्म
हो जाता है, उसके बाद यह 
उसको बहुत तकलीफ देता है।
जय श्री राधेकृष्ण जी।।

©N S Yadav GoldMine

#Book {Bolo Ji Radhey Radhey} मूर्ख व्यक्ति ज्ञानीयो से कुछ भी नही सीख पाता, लेकिन ज्ञानी व्यक्ति मूर्खों से भी बहुत कुछ शिख लेता है, पर ज्ञ

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आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain

#विचार  आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है 
भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है
 अपनी सुख सुविधाओं के लिए....
फिर स्वयं विवश होती है
 अपने दुःख और दुविधाओं से...!!

©Anjali Jain

आज का विचार 08.12.24 आज का विचार

17 Love

कठिन उद्यमों से,मैंने जीवन की माटी ,सींची हैं तकदीरों के मस्तक पर मेहनत की ,रेखा खींची हैं जब जब घाव लगा हैं बढ़ने थोड़ी आंखें भींची हैं अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी ये दुनिया,कांच सरीखी हैं दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं रही धरा पर वास किए सभी कंटकों से जूझी स्वयं विजयश्री की हासिल नहीं कोई इक भी अखियां मेरे घावों पर भीगी हैं कठिन उद्यमों से,मैने जीवन की माटी,सींची हैं ©ashita pandey बेबाक़

#विचार #sad_quotes  कठिन उद्यमों से,मैंने
जीवन की माटी ,सींची हैं 
तकदीरों के मस्तक पर 
मेहनत की ,रेखा खींची हैं
जब जब घाव लगा हैं बढ़ने
थोड़ी आंखें भींची हैं 
अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी
ये दुनिया,कांच सरीखी हैं
दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं 
रही धरा पर वास किए
सभी कंटकों से जूझी
स्वयं विजयश्री की हासिल
नहीं कोई इक भी अखियां
मेरे घावों पर भीगी हैं
कठिन उद्यमों से,मैने
जीवन की माटी,सींची हैं

©ashita pandey  बेबाक़

#sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार

15 Love

#विचार

आज का विचार

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वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।‌। ©Dev

#शायरी  वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।‌।

©Dev

दिल का अहसास

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