White किस से करे दिल की बात , यहाँ सब गुनेहगार बैठे हैं
कैसे निभा पाएगी औरत अपना प्यार , जब सब समाज के ठेकेदार बैठे हैं
ना मिलता किसी को काम आज के ज़माने में दोस्तों
मेरी आँखों के सामने सब पढ़े - लिखें बेरोज़गार बैठे हैं
क्या हो गया ज़माने को , कहाँ आग लगी दीवाने को
अब शमा खुद जलती हैं देख कर अपने परवाने को
कोई ना समझता किसी की हालात को ऐ मेरे ख़ुदा
दुनिया में सब जज़्बातों से कंगाल बैठे हैं
जी पाने दो औरत को अपनी ज़िन्दगी एक इंसान की तरह
हर जगह उसको सही - गलत समझाने वाले पहरेदार बैठे हैं
हम भी किसी की याद के मारे हैं , ना जाने कितने दिन तन्हाई में गुज़ारे हैं
हमसे ना पूछना हमारे दिल की रज़ा दोस्तों
हमसे ना समझना मोहब्बत करने की सज़ा दोस्तों
आज कल गली - गली में ज्ञान देने वाले मुफ्त के किराएंदार बैठे हैं
लोग ढूंढ़ते हैं अपनी खुशियां दूसरों की मुश्किलों में
क्यूंकि घर में हमारी ज़िन्दगी नरक बनाने वाले हमारे रिश्तेदार बैठे हैं
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©Sethi Ji
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