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White कभी जो ठहर के सुनोगे तुम यादें कहानी कहेगी मेरी तुम्हारे करीब रहु ना रहु हवाओं में खुशबू रहेगी मेरी मैं याद जो आऊ तो थोड़ा हंस देना यादों के पिटारे संभाले रख लेना । ©seema patidar

 White कभी जो ठहर के सुनोगे तुम
यादें कहानी कहेगी मेरी
तुम्हारे करीब रहु ना रहु
हवाओं में खुशबू रहेगी मेरी
मैं याद जो आऊ तो थोड़ा हंस देना
यादों के पिटारे संभाले रख लेना ।

©seema patidar

हवाओं में खुशबू रहेगी मेरी

17 Love

White रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहारें छाईं, कभी जुदाई से भरी पतझड़ आई। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी रुस्वाई से भरी रातें थीं, तो कहीं जुदाई के आँसू बहाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी उम्मीदों का सूरज उग जाए, कभी बगैर चाँद आसमान सुना हो जाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी सपनों को बहार मिली, कभी उम्मीदों पर सितारे गिरे। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी पलकों पे मुस्कानें बिखरीं, कभी दिलों पे ग़मों के छाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी खुशियों का झरना बहा, कभी ख़ामोशियाँ गूंजीं यहाँ। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी सर्द हवाओं में आग जली, कभी गर्मी में बर्फ़ पिघली। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #wordsofwisdom #quoteoftheday #quotestagram #love_shayari  White रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या,
कहीं बारिश तो ओले गिराए।
कहीं मिलन के फूल खिलाए,
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या,
कभी चारों तरफ़ बहारें छाईं,
कभी जुदाई से भरी पतझड़ आई।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या।

कभी रुस्वाई से भरी रातें थीं,
तो कहीं जुदाई के आँसू बहाए।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या,
कभी उम्मीदों का सूरज उग जाए,
कभी बगैर चाँद आसमान सुना हो जाए।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या।

कभी सपनों को बहार मिली,
कभी उम्मीदों पर सितारे गिरे।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या।
कभी पलकों पे मुस्कानें बिखरीं,
कभी दिलों पे ग़मों के छाए।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या।

कभी खुशियों का झरना बहा,
कभी ख़ामोशियाँ गूंजीं यहाँ।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या।
कभी सर्द हवाओं में आग जली,
कभी गर्मी में बर्फ़ पिघली।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#love_shayari रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहा

13 Love

उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलगा दो। जाग रहा है इश्क़ का कबूतर खत पर, तेरे अंगों की महक में बिखेर दो। मेरे होठों पे उकेर, अपनी सासों की लकीर, इस रात को मुझे अपने बदन में बसा दो। भड़क रही है आग तेरे बदन की लहरों में, तेरी छुअन से हर नस को झुलसा दो। कबसे क़ैद है इश्क़ का ये सिपाही, अपने कोमल स्पर्श से आज़ाद कर दो। हर सांस तेरे रिदम से बंधी है अब, तेरे बदन की नर्म लकीरों में खो जाने दो। हवाओं में मिलकर जलते हुए इन लम्हों को, मेरी हर शरारत को ख़ुद में समा लो। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #erotica  उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर,
इस सर्द दिसंबर को जून कर दो।
लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर,
मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलगा दो।

जाग रहा है इश्क़ का कबूतर खत पर,
तेरे अंगों की महक में बिखेर दो।
मेरे होठों पे उकेर, अपनी सासों की लकीर,
इस रात को मुझे अपने बदन में बसा दो।

भड़क रही है आग तेरे बदन की लहरों में,
तेरी छुअन से हर नस को झुलसा दो।
कबसे क़ैद है इश्क़ का ये सिपाही,
अपने कोमल स्पर्श से आज़ाद कर दो।

हर सांस तेरे रिदम से बंधी है अब,
तेरे बदन की नर्म लकीरों में खो जाने दो।
हवाओं में मिलकर जलते हुए इन लम्हों को,
मेरी हर शरारत को ख़ुद में समा लो।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#erotica उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलग

14 Love

किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... भूल कर खुदको इन हवाओं में समा जाऊं, कभी तो इन हवाओं के मिठास में घुलमिल जाऊं, एक पंछी बनके इन हवाओं में रहे जाऊं, किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... बादलों के बीच हवाओं के साथ साथ उड़ता जाऊं, मेरे आख़िरी सांस तक इन हवाओं के बीच ठहर जाऊं, हां कभी तो में इन हवाओं में जुड़ जाऊं, किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... ©Lili Dey

 किसी रोज़ इन हवाओं में 
गुम हो जाऊं...
भूल कर खुदको इन हवाओं में समा जाऊं,
कभी तो इन हवाओं के मिठास में घुलमिल जाऊं,
एक पंछी बनके इन हवाओं में रहे जाऊं,
किसी रोज़ इन हवाओं में 
गुम हो जाऊं...
बादलों के बीच हवाओं के साथ साथ उड़ता जाऊं,
मेरे आख़िरी सांस तक इन हवाओं के बीच ठहर जाऊं,
हां कभी तो में इन हवाओं में जुड़ जाऊं,
किसी रोज़ इन हवाओं में 
गुम हो जाऊं...

©Lili Dey

हवाओं में गुम हो जाऊं

17 Love

दुश्मनी का सफ़र भले ही छोटा हो, इंसानियत की राह पर चलना बड़ा होता है। जो दुश्मन था कभी, वो अब रास्ता दिखा सकता है, दिलों में घावों को भी मोहब्बत भर सकता है। अक्सर जख्मों से ही नई ताकत मिलती है, जो कभी टूटा था, वही फिर से उठ सकता है। दुश्मनी की दीवार कब तक खड़ी रहेगी, सच्ची दोस्ती की हवाओं में वो भी गिर सकेंगी। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  दुश्मनी का सफ़र भले ही छोटा हो,
इंसानियत की राह पर चलना बड़ा होता है।

जो दुश्मन था कभी, वो अब रास्ता दिखा सकता है,
दिलों में घावों को भी मोहब्बत भर सकता है।

अक्सर जख्मों से ही नई ताकत मिलती है,
जो कभी टूटा था, वही फिर से उठ सकता है।

दुश्मनी की दीवार कब तक खड़ी रहेगी,
सच्ची दोस्ती की हवाओं में वो भी गिर सकेंगी।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर दुश्मनी का सफ़र भले ही छोटा हो, इंसानियत की राह पर चलना बड़ा होता है। जो दुश्मन था कभी, वो अब रास्ता दिखा सकता है, दिलों में घाव

15 Love

#वीडियो #शिमला #तेज

#शिमला मॉल रोड़ पर पहली बर्फ बारी #तेज हवाओं और बर्फ बारी का आंनद लेते पर्यटक

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White कभी जो ठहर के सुनोगे तुम यादें कहानी कहेगी मेरी तुम्हारे करीब रहु ना रहु हवाओं में खुशबू रहेगी मेरी मैं याद जो आऊ तो थोड़ा हंस देना यादों के पिटारे संभाले रख लेना । ©seema patidar

 White कभी जो ठहर के सुनोगे तुम
यादें कहानी कहेगी मेरी
तुम्हारे करीब रहु ना रहु
हवाओं में खुशबू रहेगी मेरी
मैं याद जो आऊ तो थोड़ा हंस देना
यादों के पिटारे संभाले रख लेना ।

©seema patidar

हवाओं में खुशबू रहेगी मेरी

17 Love

White रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहारें छाईं, कभी जुदाई से भरी पतझड़ आई। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी रुस्वाई से भरी रातें थीं, तो कहीं जुदाई के आँसू बहाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी उम्मीदों का सूरज उग जाए, कभी बगैर चाँद आसमान सुना हो जाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी सपनों को बहार मिली, कभी उम्मीदों पर सितारे गिरे। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी पलकों पे मुस्कानें बिखरीं, कभी दिलों पे ग़मों के छाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी खुशियों का झरना बहा, कभी ख़ामोशियाँ गूंजीं यहाँ। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी सर्द हवाओं में आग जली, कभी गर्मी में बर्फ़ पिघली। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #wordsofwisdom #quoteoftheday #quotestagram #love_shayari  White रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या,
कहीं बारिश तो ओले गिराए।
कहीं मिलन के फूल खिलाए,
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या,
कभी चारों तरफ़ बहारें छाईं,
कभी जुदाई से भरी पतझड़ आई।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या।

कभी रुस्वाई से भरी रातें थीं,
तो कहीं जुदाई के आँसू बहाए।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या,
कभी उम्मीदों का सूरज उग जाए,
कभी बगैर चाँद आसमान सुना हो जाए।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या।

कभी सपनों को बहार मिली,
कभी उम्मीदों पर सितारे गिरे।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या।
कभी पलकों पे मुस्कानें बिखरीं,
कभी दिलों पे ग़मों के छाए।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या।

कभी खुशियों का झरना बहा,
कभी ख़ामोशियाँ गूंजीं यहाँ।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या।
कभी सर्द हवाओं में आग जली,
कभी गर्मी में बर्फ़ पिघली।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#love_shayari रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहा

13 Love

उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलगा दो। जाग रहा है इश्क़ का कबूतर खत पर, तेरे अंगों की महक में बिखेर दो। मेरे होठों पे उकेर, अपनी सासों की लकीर, इस रात को मुझे अपने बदन में बसा दो। भड़क रही है आग तेरे बदन की लहरों में, तेरी छुअन से हर नस को झुलसा दो। कबसे क़ैद है इश्क़ का ये सिपाही, अपने कोमल स्पर्श से आज़ाद कर दो। हर सांस तेरे रिदम से बंधी है अब, तेरे बदन की नर्म लकीरों में खो जाने दो। हवाओं में मिलकर जलते हुए इन लम्हों को, मेरी हर शरारत को ख़ुद में समा लो। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #erotica  उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर,
इस सर्द दिसंबर को जून कर दो।
लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर,
मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलगा दो।

जाग रहा है इश्क़ का कबूतर खत पर,
तेरे अंगों की महक में बिखेर दो।
मेरे होठों पे उकेर, अपनी सासों की लकीर,
इस रात को मुझे अपने बदन में बसा दो।

भड़क रही है आग तेरे बदन की लहरों में,
तेरी छुअन से हर नस को झुलसा दो।
कबसे क़ैद है इश्क़ का ये सिपाही,
अपने कोमल स्पर्श से आज़ाद कर दो।

हर सांस तेरे रिदम से बंधी है अब,
तेरे बदन की नर्म लकीरों में खो जाने दो।
हवाओं में मिलकर जलते हुए इन लम्हों को,
मेरी हर शरारत को ख़ुद में समा लो।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#erotica उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलग

14 Love

किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... भूल कर खुदको इन हवाओं में समा जाऊं, कभी तो इन हवाओं के मिठास में घुलमिल जाऊं, एक पंछी बनके इन हवाओं में रहे जाऊं, किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... बादलों के बीच हवाओं के साथ साथ उड़ता जाऊं, मेरे आख़िरी सांस तक इन हवाओं के बीच ठहर जाऊं, हां कभी तो में इन हवाओं में जुड़ जाऊं, किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... ©Lili Dey

 किसी रोज़ इन हवाओं में 
गुम हो जाऊं...
भूल कर खुदको इन हवाओं में समा जाऊं,
कभी तो इन हवाओं के मिठास में घुलमिल जाऊं,
एक पंछी बनके इन हवाओं में रहे जाऊं,
किसी रोज़ इन हवाओं में 
गुम हो जाऊं...
बादलों के बीच हवाओं के साथ साथ उड़ता जाऊं,
मेरे आख़िरी सांस तक इन हवाओं के बीच ठहर जाऊं,
हां कभी तो में इन हवाओं में जुड़ जाऊं,
किसी रोज़ इन हवाओं में 
गुम हो जाऊं...

©Lili Dey

हवाओं में गुम हो जाऊं

17 Love

दुश्मनी का सफ़र भले ही छोटा हो, इंसानियत की राह पर चलना बड़ा होता है। जो दुश्मन था कभी, वो अब रास्ता दिखा सकता है, दिलों में घावों को भी मोहब्बत भर सकता है। अक्सर जख्मों से ही नई ताकत मिलती है, जो कभी टूटा था, वही फिर से उठ सकता है। दुश्मनी की दीवार कब तक खड़ी रहेगी, सच्ची दोस्ती की हवाओं में वो भी गिर सकेंगी। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  दुश्मनी का सफ़र भले ही छोटा हो,
इंसानियत की राह पर चलना बड़ा होता है।

जो दुश्मन था कभी, वो अब रास्ता दिखा सकता है,
दिलों में घावों को भी मोहब्बत भर सकता है।

अक्सर जख्मों से ही नई ताकत मिलती है,
जो कभी टूटा था, वही फिर से उठ सकता है।

दुश्मनी की दीवार कब तक खड़ी रहेगी,
सच्ची दोस्ती की हवाओं में वो भी गिर सकेंगी।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर दुश्मनी का सफ़र भले ही छोटा हो, इंसानियत की राह पर चलना बड़ा होता है। जो दुश्मन था कभी, वो अब रास्ता दिखा सकता है, दिलों में घाव

15 Love

#वीडियो #शिमला #तेज

#शिमला मॉल रोड़ पर पहली बर्फ बारी #तेज हवाओं और बर्फ बारी का आंनद लेते पर्यटक

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