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New ख्वाब की ताबीर Status, Photo, Video

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Unsplash दीमक कुतरता नहीं जैसे जिल्द को, बस अन्दर ही अन्दर खत्म कर देता है किताबों को। चिन्ता कुतरती नहीं है वैसे ही जिस्म को, बस अन्दर ही अन्दर खत्म कर देती है आदमी को, सपनों को या ख्वाबों को। ©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"

#चिन्ता #ख्वाब #कविता #मंजिल  Unsplash दीमक कुतरता नहीं जैसे जिल्द को,
बस अन्दर ही अन्दर खत्म कर देता है किताबों को।
चिन्ता कुतरती नहीं है वैसे ही जिस्म को,
बस अन्दर ही अन्दर खत्म कर देती है आदमी को, 
सपनों को या ख्वाबों को।

©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"

वो ख्वाब भी टूट गया था,और ये ख्वाब भी मुकम्मल नहीं हुआ, वो दिसंबर भी बेवफा था, और ये दिसम्बर भी बेवफा हो गया। ©writer maurya Anil

#ख्वाब #शायरी  वो ख्वाब भी टूट गया था,और
ये ख्वाब भी मुकम्मल नहीं हुआ,
वो दिसंबर भी बेवफा था, और 
ये दिसम्बर भी बेवफा हो गया।

©writer maurya Anil

रात के साए में सजते ख़्वाब, आसमान से जुड़े बेहिसाब। हकीकत की ज़मीन से दूर, आँखों में बुनते हैं नूर। बस एक उम्मीद का गुरूर। ©Avinash Jha

#आशियाना #ख्वाब  रात के साए में सजते ख़्वाब,
आसमान से जुड़े बेहिसाब।
हकीकत की ज़मीन से दूर,
आँखों में बुनते हैं नूर।
बस एक उम्मीद का गुरूर।

©Avinash Jha
 ख्वाब से हो तुम .....

 हकीकत से ज्यादा  ख्वाबों में अच्छे लगते हों  
.
.

 मेरी जान..…।

©Monu Saini

# लव # ख्वाब

162 View

Unsplash दीमक कुतरता नहीं जैसे जिल्द को, बस अन्दर ही अन्दर खत्म कर देता है किताबों को। चिन्ता कुतरती नहीं है वैसे ही जिस्म को, बस अन्दर ही अन्दर खत्म कर देती है आदमी को, सपनों को या ख्वाबों को। ©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"

#चिन्ता #ख्वाब #कविता #मंजिल  Unsplash दीमक कुतरता नहीं जैसे जिल्द को,
बस अन्दर ही अन्दर खत्म कर देता है किताबों को।
चिन्ता कुतरती नहीं है वैसे ही जिस्म को,
बस अन्दर ही अन्दर खत्म कर देती है आदमी को, 
सपनों को या ख्वाबों को।

©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"

वो ख्वाब भी टूट गया था,और ये ख्वाब भी मुकम्मल नहीं हुआ, वो दिसंबर भी बेवफा था, और ये दिसम्बर भी बेवफा हो गया। ©writer maurya Anil

#ख्वाब #शायरी  वो ख्वाब भी टूट गया था,और
ये ख्वाब भी मुकम्मल नहीं हुआ,
वो दिसंबर भी बेवफा था, और 
ये दिसम्बर भी बेवफा हो गया।

©writer maurya Anil

रात के साए में सजते ख़्वाब, आसमान से जुड़े बेहिसाब। हकीकत की ज़मीन से दूर, आँखों में बुनते हैं नूर। बस एक उम्मीद का गुरूर। ©Avinash Jha

#आशियाना #ख्वाब  रात के साए में सजते ख़्वाब,
आसमान से जुड़े बेहिसाब।
हकीकत की ज़मीन से दूर,
आँखों में बुनते हैं नूर।
बस एक उम्मीद का गुरूर।

©Avinash Jha
 ख्वाब से हो तुम .....

 हकीकत से ज्यादा  ख्वाबों में अच्छे लगते हों  
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 मेरी जान..…।

©Monu Saini

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