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New सामोरी बसले मला हे Status, Photo, Video

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दुशासन ने चीरहरण किया,  प्रभु बचाने आए लाज तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। मन कर्म वचन ये सब, भरी सभा में मूक हुए। युधिष्ठिर भीम अर्जुन,, सबके निशाने चूक गए। ऐसा लगा मानवता के, पैर लड़खड़ाने वाले हैं। वो तो श्री कृष्ण है जो,, जग को बचाने वाले हैं। रण हुंकार भरेगी अब फिर, उठेगी लपटे बदले की तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। पतन को जतन से उभारे, वो चौसर के सरताज है। जहां किसी पर गिरे गाज,, वहां सांप ऊपर बाज है। कहां गए ये पंच तत्व सब, जिन्हे भ्रम ने घेरा है। द्रोपदी के चीर हरण को,, इन सब ने ही उकेरा है। इसके खून से वेणी धुलेगी, प्रण करे भार्या के प्रहरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। ©Satish Kumar Meena

#कविता #हे  दुशासन ने चीरहरण किया, 
प्रभु बचाने आए लाज तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

मन कर्म वचन ये सब,
भरी सभा में मूक हुए।
युधिष्ठिर भीम अर्जुन,,
सबके निशाने चूक गए।
ऐसा लगा मानवता के,
पैर लड़खड़ाने वाले हैं।
वो तो श्री कृष्ण है जो,,
जग को बचाने वाले हैं।

रण हुंकार भरेगी अब फिर,
उठेगी लपटे बदले की तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

पतन को जतन से उभारे,
वो चौसर के सरताज है।
जहां किसी पर गिरे गाज,,
वहां सांप ऊपर बाज है।
कहां गए ये पंच तत्व सब,
जिन्हे भ्रम ने घेरा है।
द्रोपदी के चीर हरण को,,
इन सब ने ही उकेरा है।

इसके खून से वेणी धुलेगी,
प्रण करे भार्या के प्रहरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

©Satish Kumar Meena

#हे पांचाली नमन करो

14 Love

हे मुरलीधर....!! 💙❤️

207 View

#Motivational

बक्त बदलता हे

369 View

मनुस्यका एक सच्चा साथी हे ओ हे स्वास्थ्य

117 View

White वर वर बोलतो देवा मला पाव, आतमध्ये मानवा स्वार्थाचा भाव. वर वर बोलतो देवा तु सर्वस्व, आतमध्ये बोलतो कोणी कोणाचं नसतं. वर वर बोलतो देवा हाकेला धाव, आतमध्ये मानवा स्वार्थाचा भाव. वर वर बोलतो देवा मला पाव, विज्ञानाच्या पायी केला त्याच्यावरच घाव. वर वर बोलतो देवा माझा भाव, आतमध्ये मानवा नाही कशाचाच ठाव. वर वर बोलतो देव माझा धनी, आतमध्ये मानवा फक्त तुला पाहिजे मनी. वर वर दाखवतो समाधानी भाव, आतमध्ये मानवा ईर्ष्या घालती घाव. अश्या ह्या मानवाला, बोध काही केल्या होईना देव न शोधता, त्या दगडातच अडकला??? ©. श्रीरंग

#मराठीकविता  White वर वर बोलतो देवा मला पाव, आतमध्ये मानवा स्वार्थाचा भाव. 
वर वर बोलतो देवा तु सर्वस्व, आतमध्ये बोलतो कोणी कोणाचं नसतं. 
वर वर बोलतो देवा हाकेला धाव, आतमध्ये मानवा स्वार्थाचा भाव.
 वर वर बोलतो देवा मला पाव, विज्ञानाच्या पायी केला त्याच्यावरच  घाव. 
वर वर बोलतो देवा माझा भाव, आतमध्ये मानवा नाही कशाचाच ठाव. 
वर वर बोलतो देव माझा धनी, आतमध्ये मानवा फक्त तुला पाहिजे मनी.
वर वर दाखवतो समाधानी भाव, आतमध्ये मानवा ईर्ष्या घालती घाव. 
अश्या ह्या मानवाला, बोध काही केल्या होईना
देव न शोधता, त्या  दगडातच अडकला???

©. श्रीरंग

वर वर बोलतो देवा मला पाव.

15 Love

हे मेरी मां, हे जगत जननी...

144 View

दुशासन ने चीरहरण किया,  प्रभु बचाने आए लाज तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। मन कर्म वचन ये सब, भरी सभा में मूक हुए। युधिष्ठिर भीम अर्जुन,, सबके निशाने चूक गए। ऐसा लगा मानवता के, पैर लड़खड़ाने वाले हैं। वो तो श्री कृष्ण है जो,, जग को बचाने वाले हैं। रण हुंकार भरेगी अब फिर, उठेगी लपटे बदले की तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। पतन को जतन से उभारे, वो चौसर के सरताज है। जहां किसी पर गिरे गाज,, वहां सांप ऊपर बाज है। कहां गए ये पंच तत्व सब, जिन्हे भ्रम ने घेरा है। द्रोपदी के चीर हरण को,, इन सब ने ही उकेरा है। इसके खून से वेणी धुलेगी, प्रण करे भार्या के प्रहरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। ©Satish Kumar Meena

#कविता #हे  दुशासन ने चीरहरण किया, 
प्रभु बचाने आए लाज तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

मन कर्म वचन ये सब,
भरी सभा में मूक हुए।
युधिष्ठिर भीम अर्जुन,,
सबके निशाने चूक गए।
ऐसा लगा मानवता के,
पैर लड़खड़ाने वाले हैं।
वो तो श्री कृष्ण है जो,,
जग को बचाने वाले हैं।

रण हुंकार भरेगी अब फिर,
उठेगी लपटे बदले की तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

पतन को जतन से उभारे,
वो चौसर के सरताज है।
जहां किसी पर गिरे गाज,,
वहां सांप ऊपर बाज है।
कहां गए ये पंच तत्व सब,
जिन्हे भ्रम ने घेरा है।
द्रोपदी के चीर हरण को,,
इन सब ने ही उकेरा है।

इसके खून से वेणी धुलेगी,
प्रण करे भार्या के प्रहरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

©Satish Kumar Meena

#हे पांचाली नमन करो

14 Love

हे मुरलीधर....!! 💙❤️

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#Motivational

बक्त बदलता हे

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मनुस्यका एक सच्चा साथी हे ओ हे स्वास्थ्य

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White वर वर बोलतो देवा मला पाव, आतमध्ये मानवा स्वार्थाचा भाव. वर वर बोलतो देवा तु सर्वस्व, आतमध्ये बोलतो कोणी कोणाचं नसतं. वर वर बोलतो देवा हाकेला धाव, आतमध्ये मानवा स्वार्थाचा भाव. वर वर बोलतो देवा मला पाव, विज्ञानाच्या पायी केला त्याच्यावरच घाव. वर वर बोलतो देवा माझा भाव, आतमध्ये मानवा नाही कशाचाच ठाव. वर वर बोलतो देव माझा धनी, आतमध्ये मानवा फक्त तुला पाहिजे मनी. वर वर दाखवतो समाधानी भाव, आतमध्ये मानवा ईर्ष्या घालती घाव. अश्या ह्या मानवाला, बोध काही केल्या होईना देव न शोधता, त्या दगडातच अडकला??? ©. श्रीरंग

#मराठीकविता  White वर वर बोलतो देवा मला पाव, आतमध्ये मानवा स्वार्थाचा भाव. 
वर वर बोलतो देवा तु सर्वस्व, आतमध्ये बोलतो कोणी कोणाचं नसतं. 
वर वर बोलतो देवा हाकेला धाव, आतमध्ये मानवा स्वार्थाचा भाव.
 वर वर बोलतो देवा मला पाव, विज्ञानाच्या पायी केला त्याच्यावरच  घाव. 
वर वर बोलतो देवा माझा भाव, आतमध्ये मानवा नाही कशाचाच ठाव. 
वर वर बोलतो देव माझा धनी, आतमध्ये मानवा फक्त तुला पाहिजे मनी.
वर वर दाखवतो समाधानी भाव, आतमध्ये मानवा ईर्ष्या घालती घाव. 
अश्या ह्या मानवाला, बोध काही केल्या होईना
देव न शोधता, त्या  दगडातच अडकला???

©. श्रीरंग

वर वर बोलतो देवा मला पाव.

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हे मेरी मां, हे जगत जननी...

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