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White मन का जख्म बदन पर जो लगे, वो जख्म भर जाते हैं, वक़्त की मरहम से, दर्द भी मिट जाते हैं। पर जो गहरे घाव, मन के भीतर लगते हैं, वो हर धड़कन के संग, फिर से जी उठते हैं। न कोई मलहम, न कोई दवा कारगर, इन घावों को बस, सहेजना ही है बेहतर। ये घाव सिखाते हैं, जीवन का एक पाठ, हर दर्द के पीछे छुपा, कोई अटल सत्य का साथ। तो मन के जख्मों को, बस प्यार से थाम लो, दर्द की इस धारा में, खुद को पहचान लो। क्योंकि मन का घाव ही, तुम्हें मजबूत बनाएगा, और जीवन के हर मोड़ पर, नया सूरज दिखाएगा। ©Writer Mamta Ambedkar

#कविता #sad_quotes  White 

मन का जख्म

बदन पर जो लगे,
वो जख्म भर जाते हैं,
वक़्त की मरहम से,
दर्द भी मिट जाते हैं।

पर जो गहरे घाव,
मन के भीतर लगते हैं,
वो हर धड़कन के संग,
फिर से जी उठते हैं।

न कोई मलहम,
न कोई दवा कारगर,
इन घावों को बस,
सहेजना ही है बेहतर।

ये घाव सिखाते हैं,
जीवन का एक पाठ,
हर दर्द के पीछे छुपा,
कोई अटल सत्य का साथ।

तो मन के जख्मों को,
बस प्यार से थाम लो,
दर्द की इस धारा में,
खुद को पहचान लो।

क्योंकि मन का घाव ही,
तुम्हें मजबूत बनाएगा,
और जीवन के हर मोड़ पर,
नया सूरज दिखाएगा।

©Writer Mamta Ambedkar

#sad_quotes हिंदी कविता कविता कोश कविताएं कविता प्रेम कविता

10 Love

मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब तक प्रियतम | जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम || ©कवि प्रभात

#कविता  मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब  तक  प्रियतम |
जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम ||

©कवि प्रभात

हिंदी कविता कविता कोश कविता

12 Love

#मराठीप्रेरक

आपला स्टेट्स

153 View

#मराठीप्रेरक #बारा_मल्हार #खंडोबा

#खंडोबा #बारा_मल्हार Hinduism आपला स्टेट्स मराठी माणसाचं एटीट्यूड

198 View

White गावानं निरोप दिला तुला शहराने बोलावलं.. ऐकून घेताक्षणी मनातलं सारं सुख हरवलं.. भिरभिरणाऱ्या मनाला जबाबदारीनं समजावलं.. समजवताना डोळ्यांना पाण्याने मात्र भरवलं.. भरलेल्या डोळ्यानी फिरून जगाकडे पाहिलं.. पाहता पाहता पाऊल क्षणात शहराकडे वळालं.. पाहता पाहता पाऊल क्षणात शहराकडे वळालं.. ©गोरक्ष अशोक उंबरकर

#मराठीकविता  White गावानं निरोप दिला 
तुला शहराने बोलावलं..
ऐकून घेताक्षणी मनातलं
सारं सुख हरवलं..

भिरभिरणाऱ्या मनाला
जबाबदारीनं समजावलं..
समजवताना डोळ्यांना 
पाण्याने मात्र भरवलं..

भरलेल्या डोळ्यानी
फिरून जगाकडे पाहिलं..
पाहता पाहता पाऊल 
क्षणात शहराकडे वळालं..

पाहता पाहता पाऊल 
क्षणात शहराकडे वळालं..

©गोरक्ष अशोक उंबरकर

गाव

8 Love

#कविता

बारिश पर कविता हिंदी कविता कविता कोश प्रेम कविता कविता

117 View

White मन का जख्म बदन पर जो लगे, वो जख्म भर जाते हैं, वक़्त की मरहम से, दर्द भी मिट जाते हैं। पर जो गहरे घाव, मन के भीतर लगते हैं, वो हर धड़कन के संग, फिर से जी उठते हैं। न कोई मलहम, न कोई दवा कारगर, इन घावों को बस, सहेजना ही है बेहतर। ये घाव सिखाते हैं, जीवन का एक पाठ, हर दर्द के पीछे छुपा, कोई अटल सत्य का साथ। तो मन के जख्मों को, बस प्यार से थाम लो, दर्द की इस धारा में, खुद को पहचान लो। क्योंकि मन का घाव ही, तुम्हें मजबूत बनाएगा, और जीवन के हर मोड़ पर, नया सूरज दिखाएगा। ©Writer Mamta Ambedkar

#कविता #sad_quotes  White 

मन का जख्म

बदन पर जो लगे,
वो जख्म भर जाते हैं,
वक़्त की मरहम से,
दर्द भी मिट जाते हैं।

पर जो गहरे घाव,
मन के भीतर लगते हैं,
वो हर धड़कन के संग,
फिर से जी उठते हैं।

न कोई मलहम,
न कोई दवा कारगर,
इन घावों को बस,
सहेजना ही है बेहतर।

ये घाव सिखाते हैं,
जीवन का एक पाठ,
हर दर्द के पीछे छुपा,
कोई अटल सत्य का साथ।

तो मन के जख्मों को,
बस प्यार से थाम लो,
दर्द की इस धारा में,
खुद को पहचान लो।

क्योंकि मन का घाव ही,
तुम्हें मजबूत बनाएगा,
और जीवन के हर मोड़ पर,
नया सूरज दिखाएगा।

©Writer Mamta Ambedkar

#sad_quotes हिंदी कविता कविता कोश कविताएं कविता प्रेम कविता

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मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब तक प्रियतम | जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम || ©कवि प्रभात

#कविता  मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब  तक  प्रियतम |
जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम ||

©कवि प्रभात

हिंदी कविता कविता कोश कविता

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#मराठीप्रेरक

आपला स्टेट्स

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#मराठीप्रेरक #बारा_मल्हार #खंडोबा

#खंडोबा #बारा_मल्हार Hinduism आपला स्टेट्स मराठी माणसाचं एटीट्यूड

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White गावानं निरोप दिला तुला शहराने बोलावलं.. ऐकून घेताक्षणी मनातलं सारं सुख हरवलं.. भिरभिरणाऱ्या मनाला जबाबदारीनं समजावलं.. समजवताना डोळ्यांना पाण्याने मात्र भरवलं.. भरलेल्या डोळ्यानी फिरून जगाकडे पाहिलं.. पाहता पाहता पाऊल क्षणात शहराकडे वळालं.. पाहता पाहता पाऊल क्षणात शहराकडे वळालं.. ©गोरक्ष अशोक उंबरकर

#मराठीकविता  White गावानं निरोप दिला 
तुला शहराने बोलावलं..
ऐकून घेताक्षणी मनातलं
सारं सुख हरवलं..

भिरभिरणाऱ्या मनाला
जबाबदारीनं समजावलं..
समजवताना डोळ्यांना 
पाण्याने मात्र भरवलं..

भरलेल्या डोळ्यानी
फिरून जगाकडे पाहिलं..
पाहता पाहता पाऊल 
क्षणात शहराकडे वळालं..

पाहता पाहता पाऊल 
क्षणात शहराकडे वळालं..

©गोरक्ष अशोक उंबरकर

गाव

8 Love

#कविता

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