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New अवमूल्यन और मूल्यह्रास Status, Photo, Video

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Unsplash न नदियों से दो बाते हो पाई न किसी पहाड़ से मिलना नसीब हुआ जलते सवालों क़ी बौछार मे. चेतन मूल्यों का बुरी तरह अवमूल्यन हुआ ©Parasram Arora

 Unsplash न नदियों से
 दो बाते हो पाई 
न किसी पहाड़ से
मिलना नसीब हुआ 

जलते सवालों
क़ी बौछार मे.
चेतन मूल्यों का 
बुरी तरह 
अवमूल्यन हुआ

©Parasram Arora

चेतन मूल्योंका अवमूल्यन

9 Love

Unsplash वो दिन याद करो ज़ब ये आदमी पहले "आदम " था और स्त्री "ईव " थीं तब न आखर था न शब्द न लिपि न कोई आपस मे संवाद था तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं इसके बाद वो ध्वनि कब संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और वो ईव स्त्री मे रूपांतरित हो गए थे ©Parasram Arora

 Unsplash वो दिन याद करो 
ज़ब ये आदमी पहले  "आदम "  था 
और स्त्री "ईव " थीं 

तब न आखर था न शब्द न लिपि 
न कोई आपस मे संवाद था 
तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं
इसके बाद वो ध्वनि  कब  संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता
लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और  वो ईव स्त्री मे  रूपांतरित 
 हो  गए थे

©Parasram Arora

आदम और ईव

17 Love

#विचार  White पक्षियों की उड़ान स्वतंत्र हैं और इंसानों को बंदिशों के दायरे में काम करना पड़ता है क्योंकि एक दूसरे की सरहद पार करना बहुत बड़ा गुनाह है।

©Satish Kumar Meena

स्वतंत्रता और बंदिश

189 View

Unsplash न नदियों से दो बाते हो पाई न किसी पहाड़ से मिलना नसीब हुआ जलते सवालों क़ी बौछार मे. चेतन मूल्यों का बुरी तरह अवमूल्यन हुआ ©Parasram Arora

 Unsplash न नदियों से
 दो बाते हो पाई 
न किसी पहाड़ से
मिलना नसीब हुआ 

जलते सवालों
क़ी बौछार मे.
चेतन मूल्यों का 
बुरी तरह 
अवमूल्यन हुआ

©Parasram Arora

चेतन मूल्योंका अवमूल्यन

9 Love

Unsplash वो दिन याद करो ज़ब ये आदमी पहले "आदम " था और स्त्री "ईव " थीं तब न आखर था न शब्द न लिपि न कोई आपस मे संवाद था तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं इसके बाद वो ध्वनि कब संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और वो ईव स्त्री मे रूपांतरित हो गए थे ©Parasram Arora

 Unsplash वो दिन याद करो 
ज़ब ये आदमी पहले  "आदम "  था 
और स्त्री "ईव " थीं 

तब न आखर था न शब्द न लिपि 
न कोई आपस मे संवाद था 
तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं
इसके बाद वो ध्वनि  कब  संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता
लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और  वो ईव स्त्री मे  रूपांतरित 
 हो  गए थे

©Parasram Arora

आदम और ईव

17 Love

#विचार  White पक्षियों की उड़ान स्वतंत्र हैं और इंसानों को बंदिशों के दायरे में काम करना पड़ता है क्योंकि एक दूसरे की सरहद पार करना बहुत बड़ा गुनाह है।

©Satish Kumar Meena

स्वतंत्रता और बंदिश

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