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New अशिक्षा और बेरोजगारी Status, Photo, Video

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White ""बजट बिगडया"" सब्जी पर लहसुन का राज बढ़े टमाटर बढ़े प्याज कैसे सूखी रोटी खाएं, बहुमूल्य हो गया अनाज चटनी हो गई दाल बराबर दाल हो गई मछली मांस गोभी बैंगन और मिर्च के रेट देखकर फूले सांस। 100 ₹ पर लगा रहे हैं पांच टके का सीधा ब्याज। मजदूरी दर बढ़ी न उतनी जितनी महंगाई है आज। कुछ तो जतन करो रे भैया दिलवादो कोई धंधा-काज बेरोजगारी में भटक रहा देश का सारा यूथ समाज। ©Vijay Vidrohi

#बेरोजगारी #महंगाई #बजट #shayri  White ""बजट बिगडया""
सब्जी पर लहसुन का राज
बढ़े टमाटर बढ़े प्याज 
कैसे सूखी रोटी खाएं,
बहुमूल्य हो गया अनाज

चटनी हो गई दाल बराबर
दाल हो गई मछली मांस 
गोभी बैंगन और मिर्च के 
रेट देखकर फूले सांस।

100 ₹ पर लगा रहे हैं
पांच टके का सीधा ब्याज।
मजदूरी दर बढ़ी न उतनी
जितनी महंगाई है आज।

कुछ तो जतन करो रे भैया
दिलवादो कोई धंधा-काज 
बेरोजगारी में भटक रहा
देश का सारा यूथ समाज।

©Vijay Vidrohi

||बजट_बिगडया|| #my #New #poem #shayri #बजट #बेरोजगारी #महंगाई #byaj #Garibi zindagi in hindi urdu poetry poetry in hindi h

11 Love

White "जो बेरोजगार होते हैं न साहब! उन्हें बार-बार अहसास दिलाया जाता है कि वो बेरोजगार हैं।" ©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"

#बेरोजगारी #ऋतुराज #कोट्स  White "जो बेरोजगार होते हैं न साहब!
उन्हें बार-बार अहसास दिलाया जाता है कि वो बेरोजगार हैं।"

©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"

White कई बार कर चुका हूँ कोशिश अपनी उमर को बुखार नापने वाले थर्मामीटर से नापने क़ी लेकिन उस यंत्र का पारा शून्य पर अटका रहा उसे कई बार झटकने के बाद भी ©Parasram Arora

 White कई बार कर चुका हूँ
कोशिश अपनी उमर
को बुखार नापने 
वाले थर्मामीटर से
नापने क़ी 

लेकिन उस यंत्र का पारा 
 शून्य पर अटका रहा 
उसे कई बार झटकने
के बाद भी

©Parasram Arora

उम्र और थर्मामीटर

16 Love

White मै जिस घर मे रहता हूं अक्सर यही कहता हैँ मुझे कभी मत कजोड़ना क्योंकि मै तुम्हारा अतित हूँ जो तुमने मुझमे रह कर गुज़ारा हैँ और जिन रास्तो पर मै चलता आया हूँ अक्सर वो हर दिन कहते हैँ मुझे कि मेरा अनुसारन्न करते रहो क्योंकि मै ही तुम्हारा भविष्य हूँ ©Parasram Arora

 White मै जिस घर मे रहता हूं
अक्सर यही कहता हैँ 

मुझे कभी मत कजोड़ना क्योंकि 
मै तुम्हारा अतित हूँ जो तुमने मुझमे रह कर गुज़ारा हैँ 

और जिन रास्तो पर  मै चलता आया हूँ 
अक्सर वो हर दिन कहते हैँ मुझे 
कि मेरा अनुसारन्न करते रहो क्योंकि 
मै ही तुम्हारा भविष्य हूँ

©Parasram Arora

घर और रास्ता vs अतित और भविष्य

15 Love

White सत्य के मुख पर चमक है, होता झूठ जलील पर झूठ बोलना है आसान सच कहना मुश्किल सच्चाई कड़वी लगे, कहे जो कोई जन यदा-कदा सम्बन्ध बिगड़े होता खट्टा मन असत्य यद्यपि मृदु लगे, आ भी जाता है पसंद सच का सामना होते ही, हो जाये बोलचाल बंद झूठ बोलने वाले लोग , होते हैं धोकेबाज़ सच बोलने वालों से तुम, मत होना नाराज़ सत्य यदि दुःखदायी हो, सलीके से बोलें गलत बोलने से पहले, खुद को सदा टटोलें डॉ. प्रवीण मालवीया © Praveen kumar

#शायरी  White सत्य के मुख पर चमक है, होता झूठ जलील 
पर झूठ बोलना है आसान सच कहना मुश्किल 

सच्चाई कड़वी लगे, कहे जो कोई जन 
यदा-कदा सम्बन्ध बिगड़े होता खट्टा मन 

असत्य यद्यपि मृदु लगे, आ भी जाता है पसंद 
सच का सामना होते ही, हो जाये बोलचाल बंद 

झूठ बोलने वाले लोग , होते हैं धोकेबाज़ 
सच बोलने वालों से तुम, मत होना नाराज़ 

सत्य यदि दुःखदायी हो, सलीके से बोलें 
गलत बोलने से पहले, खुद को सदा टटोलें

डॉ. प्रवीण मालवीया

© Praveen kumar

सच और झूठ

9 Love

Unsplash धर्म? आखिर ये धर्म हैँ क्या? मै टो सिर्फ जिंदगी को पहचानता हूँ और जीवन से मेरा मतलब हैँ खेत हल धूप अंगूर का बाघ और. रुई क़ातने का हाथ करघा ©Parasram Arora

 Unsplash धर्म?
आखिर 
 ये धर्म हैँ क्या? 
मै टो सिर्फ जिंदगी 
को पहचानता हूँ 

और जीवन से 
मेरा मतलब हैँ 
खेत हल  धूप 
अंगूर का  बाघ
 और. रुई क़ातने 
का हाथ करघा

©Parasram Arora

जिंदगी और धर्म

9 Love

White ""बजट बिगडया"" सब्जी पर लहसुन का राज बढ़े टमाटर बढ़े प्याज कैसे सूखी रोटी खाएं, बहुमूल्य हो गया अनाज चटनी हो गई दाल बराबर दाल हो गई मछली मांस गोभी बैंगन और मिर्च के रेट देखकर फूले सांस। 100 ₹ पर लगा रहे हैं पांच टके का सीधा ब्याज। मजदूरी दर बढ़ी न उतनी जितनी महंगाई है आज। कुछ तो जतन करो रे भैया दिलवादो कोई धंधा-काज बेरोजगारी में भटक रहा देश का सारा यूथ समाज। ©Vijay Vidrohi

#बेरोजगारी #महंगाई #बजट #shayri  White ""बजट बिगडया""
सब्जी पर लहसुन का राज
बढ़े टमाटर बढ़े प्याज 
कैसे सूखी रोटी खाएं,
बहुमूल्य हो गया अनाज

चटनी हो गई दाल बराबर
दाल हो गई मछली मांस 
गोभी बैंगन और मिर्च के 
रेट देखकर फूले सांस।

100 ₹ पर लगा रहे हैं
पांच टके का सीधा ब्याज।
मजदूरी दर बढ़ी न उतनी
जितनी महंगाई है आज।

कुछ तो जतन करो रे भैया
दिलवादो कोई धंधा-काज 
बेरोजगारी में भटक रहा
देश का सारा यूथ समाज।

©Vijay Vidrohi

||बजट_बिगडया|| #my #New #poem #shayri #बजट #बेरोजगारी #महंगाई #byaj #Garibi zindagi in hindi urdu poetry poetry in hindi h

11 Love

White "जो बेरोजगार होते हैं न साहब! उन्हें बार-बार अहसास दिलाया जाता है कि वो बेरोजगार हैं।" ©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"

#बेरोजगारी #ऋतुराज #कोट्स  White "जो बेरोजगार होते हैं न साहब!
उन्हें बार-बार अहसास दिलाया जाता है कि वो बेरोजगार हैं।"

©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"

White कई बार कर चुका हूँ कोशिश अपनी उमर को बुखार नापने वाले थर्मामीटर से नापने क़ी लेकिन उस यंत्र का पारा शून्य पर अटका रहा उसे कई बार झटकने के बाद भी ©Parasram Arora

 White कई बार कर चुका हूँ
कोशिश अपनी उमर
को बुखार नापने 
वाले थर्मामीटर से
नापने क़ी 

लेकिन उस यंत्र का पारा 
 शून्य पर अटका रहा 
उसे कई बार झटकने
के बाद भी

©Parasram Arora

उम्र और थर्मामीटर

16 Love

White मै जिस घर मे रहता हूं अक्सर यही कहता हैँ मुझे कभी मत कजोड़ना क्योंकि मै तुम्हारा अतित हूँ जो तुमने मुझमे रह कर गुज़ारा हैँ और जिन रास्तो पर मै चलता आया हूँ अक्सर वो हर दिन कहते हैँ मुझे कि मेरा अनुसारन्न करते रहो क्योंकि मै ही तुम्हारा भविष्य हूँ ©Parasram Arora

 White मै जिस घर मे रहता हूं
अक्सर यही कहता हैँ 

मुझे कभी मत कजोड़ना क्योंकि 
मै तुम्हारा अतित हूँ जो तुमने मुझमे रह कर गुज़ारा हैँ 

और जिन रास्तो पर  मै चलता आया हूँ 
अक्सर वो हर दिन कहते हैँ मुझे 
कि मेरा अनुसारन्न करते रहो क्योंकि 
मै ही तुम्हारा भविष्य हूँ

©Parasram Arora

घर और रास्ता vs अतित और भविष्य

15 Love

White सत्य के मुख पर चमक है, होता झूठ जलील पर झूठ बोलना है आसान सच कहना मुश्किल सच्चाई कड़वी लगे, कहे जो कोई जन यदा-कदा सम्बन्ध बिगड़े होता खट्टा मन असत्य यद्यपि मृदु लगे, आ भी जाता है पसंद सच का सामना होते ही, हो जाये बोलचाल बंद झूठ बोलने वाले लोग , होते हैं धोकेबाज़ सच बोलने वालों से तुम, मत होना नाराज़ सत्य यदि दुःखदायी हो, सलीके से बोलें गलत बोलने से पहले, खुद को सदा टटोलें डॉ. प्रवीण मालवीया © Praveen kumar

#शायरी  White सत्य के मुख पर चमक है, होता झूठ जलील 
पर झूठ बोलना है आसान सच कहना मुश्किल 

सच्चाई कड़वी लगे, कहे जो कोई जन 
यदा-कदा सम्बन्ध बिगड़े होता खट्टा मन 

असत्य यद्यपि मृदु लगे, आ भी जाता है पसंद 
सच का सामना होते ही, हो जाये बोलचाल बंद 

झूठ बोलने वाले लोग , होते हैं धोकेबाज़ 
सच बोलने वालों से तुम, मत होना नाराज़ 

सत्य यदि दुःखदायी हो, सलीके से बोलें 
गलत बोलने से पहले, खुद को सदा टटोलें

डॉ. प्रवीण मालवीया

© Praveen kumar

सच और झूठ

9 Love

Unsplash धर्म? आखिर ये धर्म हैँ क्या? मै टो सिर्फ जिंदगी को पहचानता हूँ और जीवन से मेरा मतलब हैँ खेत हल धूप अंगूर का बाघ और. रुई क़ातने का हाथ करघा ©Parasram Arora

 Unsplash धर्म?
आखिर 
 ये धर्म हैँ क्या? 
मै टो सिर्फ जिंदगी 
को पहचानता हूँ 

और जीवन से 
मेरा मतलब हैँ 
खेत हल  धूप 
अंगूर का  बाघ
 और. रुई क़ातने 
का हाथ करघा

©Parasram Arora

जिंदगी और धर्म

9 Love

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