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New सावन जो आग लगाए Status, Photo, Video

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White ये नफरत की आग ही, करे सबको तबाह। पलभर में घर फूंक दे, निकले दिल से आह।। ले जाए जाने कहां, ये नफरत की आग। जाति-धर्म के नाम पर, पड़े दिलों पर दाग।। घृणा द्वेष से पूर्ण क्यूं, मानव अब तो जाग। कर देगी बर्बाद सब,ये नफरत की आग।। -निलम ©Nilam Agarwalla

#कविता #आग  White 
ये नफरत की आग ही, करे सबको तबाह।
पलभर में घर फूंक दे, निकले दिल से आह।।

ले जाए जाने  कहां, ये नफरत की आग।
जाति-धर्म के नाम पर, पड़े दिलों पर दाग।।

घृणा द्वेष से पूर्ण क्यूं, मानव अब तो जाग।
कर देगी बर्बाद सब,ये नफरत की आग।।

 -निलम

©Nilam Agarwalla

#आग

15 Love

आग उठती लपटें धुआँ उगलती जब जलती है आग कोई देखकर घेरे उसको कोई रहा है भाग किसी को जीवन दान करे यह किसी को देती कष्ट तपकर कोई स्वर्ण कहलाता कोई होता है नस्ट धधक रही हो अगर हृदय में बनकर के यह ज्वाला खतरोंसे है मनुज खेलता बन जाता मतवाला यही सृजन की जननी बेखुद यही मार्ग विध्वंशक पंच तत्व में शामिल है यह सभी झुकाएँ मस्तक ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#कविता #आग  आग

उठती लपटें धुआँ उगलती
जब जलती है आग
कोई देखकर घेरे उसको
कोई रहा है भाग

किसी को जीवन दान करे यह
किसी को देती कष्ट
तपकर कोई स्वर्ण कहलाता
कोई होता है नस्ट

धधक रही हो अगर हृदय में
बनकर के यह ज्वाला
खतरोंसे है मनुज  खेलता
बन जाता मतवाला

यही सृजन की जननी बेखुद
यही मार्ग विध्वंशक
पंच तत्व में शामिल है यह
सभी झुकाएँ मस्तक

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#आग

11 Love

#वीडियो

घरों में लगाए गए दरवाजे

90 View

सावन डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द) सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर । लख कर जलधर , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर । परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर। सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर। ©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'

#रक्षाबंधन #भक्ति #शिवजी #सावन  सावन
डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द)

सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर ।
लख कर जलधर  , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर ।
परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर।
सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर।

©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'
#सावन #लव #Videos #Savan
#सावन_का_महीना #भोलेनाथ #सावन  White गुज़रो किसी भी गली से,
 गुज़रो किसी भी गली से बस हरियाली और जल ही नज़र आता है ....
हर हर महादेव की है
गूंज हर जगह 
यह सावन का महीना है 
मेरे भोलेनाथ जी को बहुत भाता है

©Bindu Sharma

White ये नफरत की आग ही, करे सबको तबाह। पलभर में घर फूंक दे, निकले दिल से आह।। ले जाए जाने कहां, ये नफरत की आग। जाति-धर्म के नाम पर, पड़े दिलों पर दाग।। घृणा द्वेष से पूर्ण क्यूं, मानव अब तो जाग। कर देगी बर्बाद सब,ये नफरत की आग।। -निलम ©Nilam Agarwalla

#कविता #आग  White 
ये नफरत की आग ही, करे सबको तबाह।
पलभर में घर फूंक दे, निकले दिल से आह।।

ले जाए जाने  कहां, ये नफरत की आग।
जाति-धर्म के नाम पर, पड़े दिलों पर दाग।।

घृणा द्वेष से पूर्ण क्यूं, मानव अब तो जाग।
कर देगी बर्बाद सब,ये नफरत की आग।।

 -निलम

©Nilam Agarwalla

#आग

15 Love

आग उठती लपटें धुआँ उगलती जब जलती है आग कोई देखकर घेरे उसको कोई रहा है भाग किसी को जीवन दान करे यह किसी को देती कष्ट तपकर कोई स्वर्ण कहलाता कोई होता है नस्ट धधक रही हो अगर हृदय में बनकर के यह ज्वाला खतरोंसे है मनुज खेलता बन जाता मतवाला यही सृजन की जननी बेखुद यही मार्ग विध्वंशक पंच तत्व में शामिल है यह सभी झुकाएँ मस्तक ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#कविता #आग  आग

उठती लपटें धुआँ उगलती
जब जलती है आग
कोई देखकर घेरे उसको
कोई रहा है भाग

किसी को जीवन दान करे यह
किसी को देती कष्ट
तपकर कोई स्वर्ण कहलाता
कोई होता है नस्ट

धधक रही हो अगर हृदय में
बनकर के यह ज्वाला
खतरोंसे है मनुज  खेलता
बन जाता मतवाला

यही सृजन की जननी बेखुद
यही मार्ग विध्वंशक
पंच तत्व में शामिल है यह
सभी झुकाएँ मस्तक

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#आग

11 Love

#वीडियो

घरों में लगाए गए दरवाजे

90 View

सावन डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द) सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर । लख कर जलधर , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर । परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर। सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर। ©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'

#रक्षाबंधन #भक्ति #शिवजी #सावन  सावन
डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द)

सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर ।
लख कर जलधर  , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर ।
परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर।
सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर।

©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'
#सावन #लव #Videos #Savan
#सावन_का_महीना #भोलेनाथ #सावन  White गुज़रो किसी भी गली से,
 गुज़रो किसी भी गली से बस हरियाली और जल ही नज़र आता है ....
हर हर महादेव की है
गूंज हर जगह 
यह सावन का महीना है 
मेरे भोलेनाथ जी को बहुत भाता है

©Bindu Sharma
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