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New जाग मुसाफिर भोर भई Status, Photo, Video

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उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलगा दो। जाग रहा है इश्क़ का कबूतर खत पर, तेरे अंगों की महक में बिखेर दो। मेरे होठों पे उकेर, अपनी सासों की लकीर, इस रात को मुझे अपने बदन में बसा दो। भड़क रही है आग तेरे बदन की लहरों में, तेरी छुअन से हर नस को झुलसा दो। कबसे क़ैद है इश्क़ का ये सिपाही, अपने कोमल स्पर्श से आज़ाद कर दो। हर सांस तेरे रिदम से बंधी है अब, तेरे बदन की नर्म लकीरों में खो जाने दो। हवाओं में मिलकर जलते हुए इन लम्हों को, मेरी हर शरारत को ख़ुद में समा लो। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #erotica  उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर,
इस सर्द दिसंबर को जून कर दो।
लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर,
मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलगा दो।

जाग रहा है इश्क़ का कबूतर खत पर,
तेरे अंगों की महक में बिखेर दो।
मेरे होठों पे उकेर, अपनी सासों की लकीर,
इस रात को मुझे अपने बदन में बसा दो।

भड़क रही है आग तेरे बदन की लहरों में,
तेरी छुअन से हर नस को झुलसा दो।
कबसे क़ैद है इश्क़ का ये सिपाही,
अपने कोमल स्पर्श से आज़ाद कर दो।

हर सांस तेरे रिदम से बंधी है अब,
तेरे बदन की नर्म लकीरों में खो जाने दो।
हवाओं में मिलकर जलते हुए इन लम्हों को,
मेरी हर शरारत को ख़ुद में समा लो।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#erotica उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलग

14 Love

इक सदी तक तो तमन्ना का सफ़र चलता रहा ओ नवनीत, फिर मुक़द्दर ने लिखी आख़िरी निशानी अपनी। ख़्वाब टूटे तो लगा जाग उठी है दुनिया, वरना हर नींद में थी सोई कहानी अपनी। चाहतें छोड़ के कुछ दर्द समेटे हमने, ये अमानत भी तो थी जान से प्यारी अपनी। कौन समझेगा ये अफ़साना-ए-ग़म का मंज़र, जब भी रोए हैं तो बस याद थी जवानी अपनी। जिनसे उम्मीद थी वो दूर नज़र आए हमें, छोड़ बैठे हैं वही राहगुज़ारी अपनी। हमने चाहा था जिसे, उसने भुला डाला हमें, और दुनिया से छुपा ली नज़्म सारी अपनी। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  इक सदी तक तो तमन्ना का सफ़र चलता रहा ओ नवनीत,
फिर मुक़द्दर ने लिखी आख़िरी निशानी अपनी।

ख़्वाब टूटे तो लगा जाग उठी है दुनिया,
वरना हर नींद में थी सोई कहानी अपनी।

चाहतें छोड़ के कुछ दर्द समेटे हमने,
ये अमानत भी तो थी जान से प्यारी अपनी।

कौन समझेगा ये अफ़साना-ए-ग़म का मंज़र,
जब भी रोए हैं तो बस याद थी जवानी अपनी।

जिनसे उम्मीद थी वो दूर नज़र आए हमें,
छोड़ बैठे हैं वही राहगुज़ारी अपनी।

हमने चाहा था जिसे, उसने भुला डाला हमें,
और दुनिया से छुपा ली नज़्म सारी अपनी।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर इक सदी तक तो तमन्ना का सफ़र चलता रहा ओ नवनीत, फिर मुक़द्दर ने लिखी आख़िरी निशानी अपनी। ख़्वाब टूटे तो लगा जाग उठी है दुनिया, व

15 Love

Unsplash आंधी और तूफ़ान ने काफ़ी शोरगुल मचा रखा है लेकिन ये आंधीया जानती नहीं कि मै वो मुसाफिर हू जो हर रूकावट का मुसतैदी से सामना कर सकताहै और बिना अपनी मंजिल पाए सफर अपना स्थगित कर सकता नहीं ©Parasram Arora

#Motivational  Unsplash आंधी और तूफ़ान 
ने काफ़ी
शोरगुल मचा   रखा है 
लेकिन ये आंधीया 
जानती नहीं 
कि मै वो
 मुसाफिर हू जो
हर 
रूकावट का मुसतैदी
 से सामना कर 
सकताहै और बिना 
अपनी मंजिल  पाए 
सफर अपना 
 स्थगित कर सकता नहीं

©Parasram Arora

मुसाफिर

11 Love

White ✍️ 6 वी 🙏 अभी और कर तू 1. इस रंग बिरंगी दुनियां में तू भी अपना रंग जमा उढ़ जाग अपने अंधियारे से खुद को नईं राह दिखा आँखें खोल, देख और कुछ कर तू अभी और और थोड़ा और कर तू 2. तू खुद में झाँक जरा, और खुद पर अनुसंधान कर यहां जो खुद से जागा, उसने नया दिखाया आविष्कार यहां मन बिखरा तेरा, इक्कटा कर तू अभी और कर तू 3. मन बिखरा, समय निकला, कभी खुद को पूछा, क्या किया साथ तेरे जो आज है कल कहां, पाजेब देख, क्या जमा किया कुछ नही, कुछ नही, फिर क्या तू अभी और कर तू 4. जिसने कल किया, आज उसी का तो चर्चा है तू इंशा वो भी इंशा, जिसका दरो दीवार पे पर्चा है खुद से, खुद के, समय से छल न कर तू अभी और और थोड़ा और कर तू ✍️ ©harikesh

 White ✍️ 6 वी 🙏


          अभी और कर तू

1. इस रंग बिरंगी दुनियां में तू भी अपना रंग जमा
उढ़ जाग अपने अंधियारे से खुद को नईं राह दिखा 
आँखें खोल, 
देख और कुछ कर तू 
अभी और और थोड़ा और कर तू

2. तू खुद में झाँक जरा,
और खुद पर अनुसंधान कर 
यहां जो खुद से जागा,
उसने नया दिखाया आविष्कार
यहां मन बिखरा तेरा,
 इक्कटा कर तू 
अभी और कर तू

3. मन बिखरा, 
समय निकला,
कभी खुद को पूछा, 
क्या किया 
साथ तेरे जो आज है कल कहां,
पाजेब देख, 
क्या जमा किया 
कुछ नही, 
कुछ नही,
 फिर क्या तू
अभी और कर तू

4. जिसने कल किया, 
आज उसी का तो चर्चा है
तू इंशा वो भी इंशा, 
जिसका दरो दीवार पे पर्चा है 
खुद से, 
खुद के, 
समय से छल न कर तू
अभी और और थोड़ा और कर तू

✍️

©harikesh

अभी और कर तू 1. इस रंग बिरंगी दुनियां में तू भी अपना रंग जमा उढ़ जाग अपने अंधियारे से खुद को नईं राह दिखा आँखें खोल, देख और कुछ कर तू अभी

13 Love

एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाशती हू एक वो है जो सारा दिन मेरे बगैर गुज़ार देता है..! ©Dr.Priyanka Chandra

#SAD  एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाशती हू
एक वो है जो सारा दिन मेरे बगैर गुज़ार देता है..!

©Dr.Priyanka Chandra

#SAD sad love shayari एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाशती हू एक वो है जो सारा दिन मेरे बगैर गुज़ार देता है..!

13 Love

White खूबसूरती देख उस शहर की प्यार में पड गया मुसाफिर जानता नहीं हैं वो , की शापित हैं उसका इश्क नींद न आने की बीमारी से ! ©gaTTubaba

#शायरी #sad_quotes  White खूबसूरती देख उस शहर की 
प्यार में पड गया मुसाफिर



जानता नहीं हैं वो , की शापित हैं उसका इश्क 
नींद न आने की बीमारी से  !

©gaTTubaba

#sad_quotes खूबसूरती देख उस शहर की प्यार में पड गया मुसाफिर जानता नहीं हैं वो , की शापित हैं उसका इश्क नींद न आने की बीमारी से !

18 Love

उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलगा दो। जाग रहा है इश्क़ का कबूतर खत पर, तेरे अंगों की महक में बिखेर दो। मेरे होठों पे उकेर, अपनी सासों की लकीर, इस रात को मुझे अपने बदन में बसा दो। भड़क रही है आग तेरे बदन की लहरों में, तेरी छुअन से हर नस को झुलसा दो। कबसे क़ैद है इश्क़ का ये सिपाही, अपने कोमल स्पर्श से आज़ाद कर दो। हर सांस तेरे रिदम से बंधी है अब, तेरे बदन की नर्म लकीरों में खो जाने दो। हवाओं में मिलकर जलते हुए इन लम्हों को, मेरी हर शरारत को ख़ुद में समा लो। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #erotica  उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर,
इस सर्द दिसंबर को जून कर दो।
लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर,
मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलगा दो।

जाग रहा है इश्क़ का कबूतर खत पर,
तेरे अंगों की महक में बिखेर दो।
मेरे होठों पे उकेर, अपनी सासों की लकीर,
इस रात को मुझे अपने बदन में बसा दो।

भड़क रही है आग तेरे बदन की लहरों में,
तेरी छुअन से हर नस को झुलसा दो।
कबसे क़ैद है इश्क़ का ये सिपाही,
अपने कोमल स्पर्श से आज़ाद कर दो।

हर सांस तेरे रिदम से बंधी है अब,
तेरे बदन की नर्म लकीरों में खो जाने दो।
हवाओं में मिलकर जलते हुए इन लम्हों को,
मेरी हर शरारत को ख़ुद में समा लो।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#erotica उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलग

14 Love

इक सदी तक तो तमन्ना का सफ़र चलता रहा ओ नवनीत, फिर मुक़द्दर ने लिखी आख़िरी निशानी अपनी। ख़्वाब टूटे तो लगा जाग उठी है दुनिया, वरना हर नींद में थी सोई कहानी अपनी। चाहतें छोड़ के कुछ दर्द समेटे हमने, ये अमानत भी तो थी जान से प्यारी अपनी। कौन समझेगा ये अफ़साना-ए-ग़म का मंज़र, जब भी रोए हैं तो बस याद थी जवानी अपनी। जिनसे उम्मीद थी वो दूर नज़र आए हमें, छोड़ बैठे हैं वही राहगुज़ारी अपनी। हमने चाहा था जिसे, उसने भुला डाला हमें, और दुनिया से छुपा ली नज़्म सारी अपनी। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  इक सदी तक तो तमन्ना का सफ़र चलता रहा ओ नवनीत,
फिर मुक़द्दर ने लिखी आख़िरी निशानी अपनी।

ख़्वाब टूटे तो लगा जाग उठी है दुनिया,
वरना हर नींद में थी सोई कहानी अपनी।

चाहतें छोड़ के कुछ दर्द समेटे हमने,
ये अमानत भी तो थी जान से प्यारी अपनी।

कौन समझेगा ये अफ़साना-ए-ग़म का मंज़र,
जब भी रोए हैं तो बस याद थी जवानी अपनी।

जिनसे उम्मीद थी वो दूर नज़र आए हमें,
छोड़ बैठे हैं वही राहगुज़ारी अपनी।

हमने चाहा था जिसे, उसने भुला डाला हमें,
और दुनिया से छुपा ली नज़्म सारी अपनी।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर इक सदी तक तो तमन्ना का सफ़र चलता रहा ओ नवनीत, फिर मुक़द्दर ने लिखी आख़िरी निशानी अपनी। ख़्वाब टूटे तो लगा जाग उठी है दुनिया, व

15 Love

Unsplash आंधी और तूफ़ान ने काफ़ी शोरगुल मचा रखा है लेकिन ये आंधीया जानती नहीं कि मै वो मुसाफिर हू जो हर रूकावट का मुसतैदी से सामना कर सकताहै और बिना अपनी मंजिल पाए सफर अपना स्थगित कर सकता नहीं ©Parasram Arora

#Motivational  Unsplash आंधी और तूफ़ान 
ने काफ़ी
शोरगुल मचा   रखा है 
लेकिन ये आंधीया 
जानती नहीं 
कि मै वो
 मुसाफिर हू जो
हर 
रूकावट का मुसतैदी
 से सामना कर 
सकताहै और बिना 
अपनी मंजिल  पाए 
सफर अपना 
 स्थगित कर सकता नहीं

©Parasram Arora

मुसाफिर

11 Love

White ✍️ 6 वी 🙏 अभी और कर तू 1. इस रंग बिरंगी दुनियां में तू भी अपना रंग जमा उढ़ जाग अपने अंधियारे से खुद को नईं राह दिखा आँखें खोल, देख और कुछ कर तू अभी और और थोड़ा और कर तू 2. तू खुद में झाँक जरा, और खुद पर अनुसंधान कर यहां जो खुद से जागा, उसने नया दिखाया आविष्कार यहां मन बिखरा तेरा, इक्कटा कर तू अभी और कर तू 3. मन बिखरा, समय निकला, कभी खुद को पूछा, क्या किया साथ तेरे जो आज है कल कहां, पाजेब देख, क्या जमा किया कुछ नही, कुछ नही, फिर क्या तू अभी और कर तू 4. जिसने कल किया, आज उसी का तो चर्चा है तू इंशा वो भी इंशा, जिसका दरो दीवार पे पर्चा है खुद से, खुद के, समय से छल न कर तू अभी और और थोड़ा और कर तू ✍️ ©harikesh

 White ✍️ 6 वी 🙏


          अभी और कर तू

1. इस रंग बिरंगी दुनियां में तू भी अपना रंग जमा
उढ़ जाग अपने अंधियारे से खुद को नईं राह दिखा 
आँखें खोल, 
देख और कुछ कर तू 
अभी और और थोड़ा और कर तू

2. तू खुद में झाँक जरा,
और खुद पर अनुसंधान कर 
यहां जो खुद से जागा,
उसने नया दिखाया आविष्कार
यहां मन बिखरा तेरा,
 इक्कटा कर तू 
अभी और कर तू

3. मन बिखरा, 
समय निकला,
कभी खुद को पूछा, 
क्या किया 
साथ तेरे जो आज है कल कहां,
पाजेब देख, 
क्या जमा किया 
कुछ नही, 
कुछ नही,
 फिर क्या तू
अभी और कर तू

4. जिसने कल किया, 
आज उसी का तो चर्चा है
तू इंशा वो भी इंशा, 
जिसका दरो दीवार पे पर्चा है 
खुद से, 
खुद के, 
समय से छल न कर तू
अभी और और थोड़ा और कर तू

✍️

©harikesh

अभी और कर तू 1. इस रंग बिरंगी दुनियां में तू भी अपना रंग जमा उढ़ जाग अपने अंधियारे से खुद को नईं राह दिखा आँखें खोल, देख और कुछ कर तू अभी

13 Love

एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाशती हू एक वो है जो सारा दिन मेरे बगैर गुज़ार देता है..! ©Dr.Priyanka Chandra

#SAD  एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाशती हू
एक वो है जो सारा दिन मेरे बगैर गुज़ार देता है..!

©Dr.Priyanka Chandra

#SAD sad love shayari एक मैं हुं जो भोर सवेरे से ढलती शाम तक उसे ही तलाशती हू एक वो है जो सारा दिन मेरे बगैर गुज़ार देता है..!

13 Love

White खूबसूरती देख उस शहर की प्यार में पड गया मुसाफिर जानता नहीं हैं वो , की शापित हैं उसका इश्क नींद न आने की बीमारी से ! ©gaTTubaba

#शायरी #sad_quotes  White खूबसूरती देख उस शहर की 
प्यार में पड गया मुसाफिर



जानता नहीं हैं वो , की शापित हैं उसका इश्क 
नींद न आने की बीमारी से  !

©gaTTubaba

#sad_quotes खूबसूरती देख उस शहर की प्यार में पड गया मुसाफिर जानता नहीं हैं वो , की शापित हैं उसका इश्क नींद न आने की बीमारी से !

18 Love

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