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New जाऊं तोरे चरण कमल Status, Photo, Video

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किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... भूल कर खुदको इन हवाओं में समा जाऊं, कभी तो इन हवाओं के मिठास में घुलमिल जाऊं, एक पंछी बनके इन हवाओं में रहे जाऊं, किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... बादलों के बीच हवाओं के साथ साथ उड़ता जाऊं, मेरे आख़िरी सांस तक इन हवाओं के बीच ठहर जाऊं, हां कभी तो में इन हवाओं में जुड़ जाऊं, किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... ©Lili Dey

 किसी रोज़ इन हवाओं में 
गुम हो जाऊं...
भूल कर खुदको इन हवाओं में समा जाऊं,
कभी तो इन हवाओं के मिठास में घुलमिल जाऊं,
एक पंछी बनके इन हवाओं में रहे जाऊं,
किसी रोज़ इन हवाओं में 
गुम हो जाऊं...
बादलों के बीच हवाओं के साथ साथ उड़ता जाऊं,
मेरे आख़िरी सांस तक इन हवाओं के बीच ठहर जाऊं,
हां कभी तो में इन हवाओं में जुड़ जाऊं,
किसी रोज़ इन हवाओं में 
गुम हो जाऊं...

©Lili Dey

हवाओं में गुम हो जाऊं

17 Love

तेरी ज़िन्दगी की, मैं एक कहानी बन जाऊं। उस कहानी में, तूं राजा, मैं रानी बन जाऊं। घर तेरा तालाब हों, तूं मछली, मैं पानी बन जाऊं। तेरी ज़िन्दगी की, मैं एक कहानी बन जाऊं। तुम्हें पसन्द है अगर कुछ नया, कुछ पुराना, तो मैं कुछ नई, कुछ पुरानी बन जाऊं। तूं राम जैसा बन जाना, मैं सीता जैसी सयानी बन जाऊं। तेरी ज़िन्दगी की मैं एक कहानी बन जाऊं। ©Priyanka Poetry

#कविता  तेरी ज़िन्दगी की,
मैं एक कहानी बन जाऊं।
उस कहानी में,
तूं राजा, मैं रानी बन जाऊं।
घर तेरा तालाब हों,
तूं मछली, मैं पानी बन जाऊं।
तेरी ज़िन्दगी की,
मैं एक कहानी बन जाऊं।
तुम्हें पसन्द है अगर कुछ नया, कुछ पुराना,
तो मैं कुछ नई, कुछ पुरानी बन जाऊं।
तूं राम जैसा बन जाना,
मैं सीता जैसी सयानी बन जाऊं।
तेरी ज़िन्दगी की
मैं एक कहानी बन जाऊं।

©Priyanka Poetry

तेरी कहानी बन जाऊं

21 Love

White शीर्षक : ऐसे ही अब जीना है.... खुशहाल रहे जीवन, ये अहसास हर कोई करता प्रश्न गहन, फुर्सत में कौन जिंदगी से ये बात करता ! दौड़ रही राहें, पांवों का रुकना अब मुश्किल लगता अगर भूल से गिर गये तो आजकल कौन किसे उठाता ! हसरतों भरे आशियाने सज कर भी वीराने से लगते दुनियादारी निभाने कभी मुस्कुराते चेहरे संग दिख जाते रिश्तों के संसार में मजबूरी की आह रोज सुनाई देती राजनीति की बीमारी जग बंधनों में भी अब नजर आती उम्र की कोई कद्र न हो तो रिश्तों में मिठास नहीं रहती किसे समझाएं ! टूटे सूखे पत्तों से महक कम ही आती फलसफा जीने का, आज में ही अब सब कुछ पाना है धोखा दे रही सांसे, उन पर भी अब विश्वास का रोना है "कमल", सुख अब संसार का सुंदर टूटा सा खिलौना है कल्पना में ही सब कुछ पाना, ऐसा ही अब ये जमाना है ✍️ कमल भंसाली ©Kamal bhansali

#कविता  White 
शीर्षक : ऐसे ही अब जीना है....

खुशहाल रहे जीवन, ये अहसास हर कोई करता
प्रश्न गहन, फुर्सत में कौन जिंदगी से ये बात करता !

दौड़ रही राहें, पांवों का रुकना अब मुश्किल लगता
अगर भूल से गिर गये तो आजकल कौन किसे उठाता !

हसरतों भरे आशियाने सज कर भी वीराने से लगते
दुनियादारी निभाने कभी मुस्कुराते चेहरे संग दिख जाते 

रिश्तों के संसार में मजबूरी की आह रोज सुनाई देती
राजनीति की बीमारी जग बंधनों में भी अब नजर आती

उम्र की कोई कद्र न हो तो रिश्तों में मिठास नहीं रहती
किसे समझाएं !  टूटे सूखे पत्तों से महक कम ही आती

फलसफा जीने का, आज में ही अब सब कुछ पाना है
धोखा दे रही सांसे, उन पर भी अब विश्वास का रोना है

"कमल", सुख अब संसार का सुंदर टूटा सा खिलौना है
कल्पना में ही सब कुछ पाना, ऐसा ही अब ये जमाना है
✍️ कमल भंसाली

©Kamal bhansali

# ऐसे ही अब जीना है#कमल भंसाली

10 Love

#वीडियो

मेरे कमल

162 View

#विष्णु# के #चरणों# में #लक्ष्मी# जी के# चरण#

243 View

फिक्र.... " हाल बेहाल हुई जिंदगी अब समझा रही अपनों से ज्यादा गैरों को तेरी फिक्र रही " ✍️ कमल भंसाली ©Kamal bhansali

 फिक्र....

" हाल बेहाल हुई जिंदगी अब समझा रही
अपनों से ज्यादा गैरों को तेरी फिक्र रही "
✍️ कमल भंसाली

©Kamal bhansali

# फिक्र # गैर # कमल भंसाली

16 Love

किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... भूल कर खुदको इन हवाओं में समा जाऊं, कभी तो इन हवाओं के मिठास में घुलमिल जाऊं, एक पंछी बनके इन हवाओं में रहे जाऊं, किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... बादलों के बीच हवाओं के साथ साथ उड़ता जाऊं, मेरे आख़िरी सांस तक इन हवाओं के बीच ठहर जाऊं, हां कभी तो में इन हवाओं में जुड़ जाऊं, किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... ©Lili Dey

 किसी रोज़ इन हवाओं में 
गुम हो जाऊं...
भूल कर खुदको इन हवाओं में समा जाऊं,
कभी तो इन हवाओं के मिठास में घुलमिल जाऊं,
एक पंछी बनके इन हवाओं में रहे जाऊं,
किसी रोज़ इन हवाओं में 
गुम हो जाऊं...
बादलों के बीच हवाओं के साथ साथ उड़ता जाऊं,
मेरे आख़िरी सांस तक इन हवाओं के बीच ठहर जाऊं,
हां कभी तो में इन हवाओं में जुड़ जाऊं,
किसी रोज़ इन हवाओं में 
गुम हो जाऊं...

©Lili Dey

हवाओं में गुम हो जाऊं

17 Love

तेरी ज़िन्दगी की, मैं एक कहानी बन जाऊं। उस कहानी में, तूं राजा, मैं रानी बन जाऊं। घर तेरा तालाब हों, तूं मछली, मैं पानी बन जाऊं। तेरी ज़िन्दगी की, मैं एक कहानी बन जाऊं। तुम्हें पसन्द है अगर कुछ नया, कुछ पुराना, तो मैं कुछ नई, कुछ पुरानी बन जाऊं। तूं राम जैसा बन जाना, मैं सीता जैसी सयानी बन जाऊं। तेरी ज़िन्दगी की मैं एक कहानी बन जाऊं। ©Priyanka Poetry

#कविता  तेरी ज़िन्दगी की,
मैं एक कहानी बन जाऊं।
उस कहानी में,
तूं राजा, मैं रानी बन जाऊं।
घर तेरा तालाब हों,
तूं मछली, मैं पानी बन जाऊं।
तेरी ज़िन्दगी की,
मैं एक कहानी बन जाऊं।
तुम्हें पसन्द है अगर कुछ नया, कुछ पुराना,
तो मैं कुछ नई, कुछ पुरानी बन जाऊं।
तूं राम जैसा बन जाना,
मैं सीता जैसी सयानी बन जाऊं।
तेरी ज़िन्दगी की
मैं एक कहानी बन जाऊं।

©Priyanka Poetry

तेरी कहानी बन जाऊं

21 Love

White शीर्षक : ऐसे ही अब जीना है.... खुशहाल रहे जीवन, ये अहसास हर कोई करता प्रश्न गहन, फुर्सत में कौन जिंदगी से ये बात करता ! दौड़ रही राहें, पांवों का रुकना अब मुश्किल लगता अगर भूल से गिर गये तो आजकल कौन किसे उठाता ! हसरतों भरे आशियाने सज कर भी वीराने से लगते दुनियादारी निभाने कभी मुस्कुराते चेहरे संग दिख जाते रिश्तों के संसार में मजबूरी की आह रोज सुनाई देती राजनीति की बीमारी जग बंधनों में भी अब नजर आती उम्र की कोई कद्र न हो तो रिश्तों में मिठास नहीं रहती किसे समझाएं ! टूटे सूखे पत्तों से महक कम ही आती फलसफा जीने का, आज में ही अब सब कुछ पाना है धोखा दे रही सांसे, उन पर भी अब विश्वास का रोना है "कमल", सुख अब संसार का सुंदर टूटा सा खिलौना है कल्पना में ही सब कुछ पाना, ऐसा ही अब ये जमाना है ✍️ कमल भंसाली ©Kamal bhansali

#कविता  White 
शीर्षक : ऐसे ही अब जीना है....

खुशहाल रहे जीवन, ये अहसास हर कोई करता
प्रश्न गहन, फुर्सत में कौन जिंदगी से ये बात करता !

दौड़ रही राहें, पांवों का रुकना अब मुश्किल लगता
अगर भूल से गिर गये तो आजकल कौन किसे उठाता !

हसरतों भरे आशियाने सज कर भी वीराने से लगते
दुनियादारी निभाने कभी मुस्कुराते चेहरे संग दिख जाते 

रिश्तों के संसार में मजबूरी की आह रोज सुनाई देती
राजनीति की बीमारी जग बंधनों में भी अब नजर आती

उम्र की कोई कद्र न हो तो रिश्तों में मिठास नहीं रहती
किसे समझाएं !  टूटे सूखे पत्तों से महक कम ही आती

फलसफा जीने का, आज में ही अब सब कुछ पाना है
धोखा दे रही सांसे, उन पर भी अब विश्वास का रोना है

"कमल", सुख अब संसार का सुंदर टूटा सा खिलौना है
कल्पना में ही सब कुछ पाना, ऐसा ही अब ये जमाना है
✍️ कमल भंसाली

©Kamal bhansali

# ऐसे ही अब जीना है#कमल भंसाली

10 Love

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मेरे कमल

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#विष्णु# के #चरणों# में #लक्ष्मी# जी के# चरण#

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फिक्र.... " हाल बेहाल हुई जिंदगी अब समझा रही अपनों से ज्यादा गैरों को तेरी फिक्र रही " ✍️ कमल भंसाली ©Kamal bhansali

 फिक्र....

" हाल बेहाल हुई जिंदगी अब समझा रही
अपनों से ज्यादा गैरों को तेरी फिक्र रही "
✍️ कमल भंसाली

©Kamal bhansali

# फिक्र # गैर # कमल भंसाली

16 Love

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