मैं प्रजा हूँ..
मुझ पर शासन करने वालों
ये कभी मत भूलना कि
मुझ पर तुम्हारी हुकूमत हमेशा चलेगी..!
स्मरण रहे,मैंने तुम्हें अपनी सेवा हेतु नियुक्त किया है
सो मैं तुम्हारी स्वामिनी और तुम मेरे सेवक ही रहोगे..!
कभी भी स्वयं पर इस बात का गर्व मत करना
कि तुम मुझ पर हुकूमत करते हो,
जब तक मेरी सेवा अपनी पूर्ण निष्ठा से करते रहोगे
तभी तक तुम्हारे सर पर ताज होगा..!
जिस दिन से मेरे प्रति उपेक्षा करते नज़र आओगे उसी दिन से
अपनी उलटी गिनती गिनना आरम्भ कर देना..!
मैं अगर सर का ताज बनाती हूँ तो धूल में भी मिला सकती हूँ..!
और एक बात, माना कि पहले मैं अशिक्षित थी, सुसुप्त थी, निष्क्रिय थी..
मगर अब मैं शिक्षित हूँ, जागरूक भी हूँ और तुम्हारे प्रत्येक क्रियाकलापों पर
अपनी पैनी निगाह रखती हूँ..!
सो, सावधान..! मैंने जो पांच वर्ष की अवधि तुम्हें दी है
उसमें सच्चे सेवा भाव से
मुझे प्रसन्न कर दिखाओ, मैं भी तुमसे वादा करती हूँ,
हमेशा मेरे सर का ताज रहोगे..!
©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
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