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Unsplash हर आस टूट कर बिखरती जा रही है! ©Bhawana dixit

#विचार #L  Unsplash हर आस टूट कर बिखरती जा रही है!

©Bhawana dixit

#L आस

11 Love

White jindgi के हर लम्हें को मै ौरी समग्रता से जी लेना चाहता हू. क्योकि नहीं रहीं लम्बा जी वन जीनेq की मुझमे कोई आस 👌👌p ©Parasram Arora

#sad_quotes  White jindgi के हर लम्हें को मै 
ौरी समग्रता से जी लेना चाहता हू.
क्योकि नहीं रहीं लम्बा जी वन जीनेq 
की मुझमे कोई आस 
👌👌p

©Parasram Arora

#sad_quotes आस

14 Love

White स्वच्छंद विचरण को छोड़ा था पंछी उम्मीद थी शाम तलक घर लोट आने की संग भेजी थी उसके दुआ,खुशियों का जहां पाने की जिद थी उसकी उड़ जाने की चाह उन्मुक्त गगन में खो जाने की मोह होता तो जाल बिछा लेते, पिंजरे के घेरे डाल देते पर प्रेम इजाजत नहीं देता, बंधन में अपने बांधने की बस आस की डोरी से बांधा है ,और एकटक निहारे बैठे है प्रतीक्षा में परिंदे के लोट आने की ........ ©seema patidar

 White स्वच्छंद विचरण को छोड़ा था पंछी
उम्मीद थी शाम तलक घर लोट आने की
संग भेजी थी उसके दुआ,खुशियों का जहां पाने की 
जिद थी उसकी उड़ जाने की 
चाह उन्मुक्त गगन में खो जाने की
मोह होता तो जाल बिछा लेते, पिंजरे के घेरे डाल देते
पर प्रेम इजाजत नहीं देता, बंधन में अपने बांधने की
बस आस की डोरी से बांधा है ,और एकटक निहारे बैठे है
प्रतीक्षा में परिंदे के लोट आने की ........

©seema patidar

आस की डोर....उम्मीद का बंधन निश्छल,निस्वार्थ .......

11 Love

Unsplash हर आस टूट कर बिखरती जा रही है! ©Bhawana dixit

#विचार #L  Unsplash हर आस टूट कर बिखरती जा रही है!

©Bhawana dixit

#L आस

11 Love

White jindgi के हर लम्हें को मै ौरी समग्रता से जी लेना चाहता हू. क्योकि नहीं रहीं लम्बा जी वन जीनेq की मुझमे कोई आस 👌👌p ©Parasram Arora

#sad_quotes  White jindgi के हर लम्हें को मै 
ौरी समग्रता से जी लेना चाहता हू.
क्योकि नहीं रहीं लम्बा जी वन जीनेq 
की मुझमे कोई आस 
👌👌p

©Parasram Arora

#sad_quotes आस

14 Love

White स्वच्छंद विचरण को छोड़ा था पंछी उम्मीद थी शाम तलक घर लोट आने की संग भेजी थी उसके दुआ,खुशियों का जहां पाने की जिद थी उसकी उड़ जाने की चाह उन्मुक्त गगन में खो जाने की मोह होता तो जाल बिछा लेते, पिंजरे के घेरे डाल देते पर प्रेम इजाजत नहीं देता, बंधन में अपने बांधने की बस आस की डोरी से बांधा है ,और एकटक निहारे बैठे है प्रतीक्षा में परिंदे के लोट आने की ........ ©seema patidar

 White स्वच्छंद विचरण को छोड़ा था पंछी
उम्मीद थी शाम तलक घर लोट आने की
संग भेजी थी उसके दुआ,खुशियों का जहां पाने की 
जिद थी उसकी उड़ जाने की 
चाह उन्मुक्त गगन में खो जाने की
मोह होता तो जाल बिछा लेते, पिंजरे के घेरे डाल देते
पर प्रेम इजाजत नहीं देता, बंधन में अपने बांधने की
बस आस की डोरी से बांधा है ,और एकटक निहारे बैठे है
प्रतीक्षा में परिंदे के लोट आने की ........

©seema patidar

आस की डोर....उम्मीद का बंधन निश्छल,निस्वार्थ .......

11 Love

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