tags

New गजल टीना परवीन की आवाज में Status, Photo, Video

Find the latest Status about गजल टीना परवीन की आवाज में from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about गजल टीना परवीन की आवाज में.

  • Latest
  • Popular
  • Video

White ग़ज़ल लगाकर आग वो कैसे बचे हैं उन्हे ढ़ूँढ़ो कहीं पर वो छुपे हैं मेंरी बस्ती के सब घर जल रहे हैं ताहफ़्फुज़ में मेरे दुश्मन खड़े हैं वही अवक़ात अपनी भूल बैठे हैं जो पौधे सामने फूले फले हैं लगेगी आह उनको इक न इक दिन गरीबों के लहू पर जो पले हैं बनाता मैं नहीं दुश्मन किसी को तरक़्की से मेंरी दुश्मन बने हैं ज़रा अपने गिरेबाँ में वो देखें जो तोहमत हम पे रखते आ रहे हैं तेरी महफिल में जब से आ गया हूँ मेंरे हमराज सब जलने लगे हैं भली थी या बुरी थी छोड़ये भी ज़रा सी बात लेकर क्या पड़े हैं बुराई की तरफ "हरदीन" न जाऐं वहाँ हर राह पर काँटे बिछे हैं चौधरी हरदीन कूकना मकराना, राजस्थान ©CHOUDHARY HARDIN KUKNA

#शायरी #sad_quotes #गजल  White ग़ज़ल 

लगाकर आग वो कैसे बचे हैं 
उन्हे ढ़ूँढ़ो कहीं पर वो छुपे हैं 

मेंरी बस्ती के सब घर जल रहे हैं 
ताहफ़्फुज़ में मेरे दुश्मन खड़े हैं 

वही अवक़ात अपनी भूल बैठे हैं 
जो पौधे सामने फूले फले हैं 

लगेगी आह उनको इक न इक दिन 
गरीबों के लहू पर जो पले हैं 

बनाता मैं नहीं दुश्मन किसी को 
तरक़्की से मेंरी दुश्मन बने हैं 

ज़रा अपने गिरेबाँ में वो देखें
जो तोहमत हम पे रखते आ रहे हैं 

तेरी महफिल में जब से आ गया हूँ 
मेंरे हमराज सब जलने लगे हैं 

भली थी या बुरी थी छोड़ये भी 
ज़रा सी बात लेकर क्या पड़े हैं 

बुराई की तरफ "हरदीन" न जाऐं 
वहाँ हर राह पर काँटे बिछे हैं 

चौधरी हरदीन कूकना 
मकराना, राजस्थान

©CHOUDHARY HARDIN KUKNA

#sad_quotes #गजल शेरो शायरी शायरी हिंदी में

12 Love

White भला दूसरों का भी क्या सोचता है सदा अपना ही तो भला सोचता है बशर तो बस अपना भला सोचता है सभी का भला बस "तेजा" सोचता है बुरा आदमी बस बुरा सोचता है जो नेक है वो नेक ही सदा सोचता है रहें शान्ति से जगत में हमेशा सभी के लिये वो सदा सोचता है कभी मुँह से कुछ बोलता ही नहीं क्यों खड़ा होके वो जाने क्या सोचता है रूलाकर उसे खिलखिला कर वो अब उसी हँसी की दवा सोचता है नऐ सविधानों कि उसको पड़ी अब तो फितनों का अब रास्ता सोचता है उजाड़ो किसी को बसाओ किसी को यही तो वो "हरदीन" सदा सोचता है चौधरी हरदीन कूकना मकराना, राजस्थान ©CHOUDHARY HARDIN KUKNA

#शायरी #गजल  White 
भला दूसरों का भी क्या सोचता है 
सदा अपना ही तो भला सोचता है 

बशर तो बस अपना भला सोचता है 
सभी का भला बस "तेजा" सोचता है 

बुरा आदमी बस बुरा सोचता है 
जो नेक है वो नेक ही सदा सोचता है 

रहें शान्ति से जगत में हमेशा 
सभी के लिये वो सदा सोचता है 

कभी मुँह से कुछ बोलता ही नहीं क्यों 
खड़ा होके वो जाने क्या सोचता है 

रूलाकर उसे खिलखिला कर वो 
अब उसी हँसी की दवा सोचता है 

नऐ सविधानों कि उसको पड़ी अब 
तो फितनों का अब रास्ता सोचता है 

उजाड़ो किसी को बसाओ किसी को 
यही तो वो "हरदीन" सदा सोचता है 

चौधरी हरदीन कूकना 
मकराना, राजस्थान

©CHOUDHARY HARDIN KUKNA

#गजल शायरी हिंदी में

15 Love

तेरे ही रूप को आखों में भर रहे है हम तू ही बता कि कोई भूल कर रहे है हम। सफर तमाम हुआ जब तो यह ख्याल आया कि एक उम्र न जाने किधर रहे है हम। बड़े अदब से जो झुक कर सलाम करता है उस शख्स से क्यूं आज डर रहे है हम। जिधर भी देखे कही आद‌मी नहीं मिलता ये कैसा शहर है जिससे गुजर रहे है हम। करो न रंज तुम्हारा जो साथ न दे सके खुद अपने आप के कब हमसफर रहे है हम। खुद अपने आप से गाफिल रहे मगर रमजानी तुम्हारी याद में कब बेखबर रहे है हम। 4/10/15 ©MSA RAMZANI

 तेरे ही रूप को आखों में भर रहे है हम 
तू ही बता कि कोई भूल कर रहे है हम।

सफर तमाम हुआ जब तो यह ख्याल आया 
कि एक उम्र न जाने किधर रहे है हम।

बड़े अदब से जो झुक कर सलाम करता है 
उस शख्स से क्यूं आज डर रहे है हम।

जिधर भी देखे कही आद‌मी नहीं मिलता 
ये कैसा शहर है जिससे गुजर रहे है हम।

करो न रंज तुम्हारा जो साथ न दे सके 
खुद अपने आप के कब हमसफर रहे है हम।

खुद अपने आप से गाफिल रहे मगर रमजानी 
तुम्हारी याद में कब बेखबर रहे है हम।
4/10/15

©MSA RAMZANI

गजल

14 Love

पल में दूर हो जाती है जात अधूरी हो जाती है आखों में नींद नहीं आती रात पूरी हो जाती है पहले तो होती है चाहत फिर मजबूरी हो जाती है कुछ लोगों की पल भर मे ख्वाहिशे पूरी हो जाती है हद से प्यार गुजर जाये तो अक्सर दूरी हो जाती है 8/10/15 ©MSA RAMZANI

 पल में दूर हो जाती है 
जात अधूरी हो जाती है

आखों में नींद नहीं आती 
रात पूरी हो जाती है

पहले तो होती है चाहत 
फिर मजबूरी हो जाती है

कुछ लोगों की पल भर मे 
ख्वाहिशे पूरी हो जाती है

हद से प्यार गुजर जाये तो 
अक्सर दूरी हो जाती है
8/10/15

©MSA RAMZANI

गजल

16 Love

Unsplash दोस्तों से मुश्किल है हकीकत छुपाना जैसे हवा से अलग रवानी को रखना। जिंदगी के अनुभव बेशक अलग-अलग होंगे मुश्किल नहीं मगर एक दूजे की कहानी समझना। इशारों में समझाना बहुत कर लिया चलो दोस्तों से करते हैं वही व्यवहार बचकाना। यदि कभी कुछ सुनाना पड़े दोस्तों को बस याद उनकी एक-एक शैतानी दिलाना। मिलकर यदि किसी दोस्त से छलक जाए आंसू शाम को उड़ा देना उनको तेरे नाम के पैमाना। देखी होंगी दशकों में कई नायाब इमारतें तूने होना हो रूबरू जवानी से, बार-२ तेरे कॉलेज जरूर जाना।। ©Mohan Sardarshahari

#शायरी  Unsplash दोस्तों से मुश्किल है हकीकत छुपाना 
जैसे हवा से अलग रवानी को रखना। 

जिंदगी के अनुभव बेशक अलग-अलग होंगे 
मुश्किल नहीं मगर एक दूजे की कहानी समझना। 

इशारों में समझाना बहुत कर लिया 
चलो दोस्तों से करते हैं वही व्यवहार बचकाना। 

यदि कभी कुछ सुनाना पड़े दोस्तों को 
बस याद उनकी एक-एक शैतानी दिलाना। 

मिलकर यदि किसी दोस्त से छलक जाए आंसू 
शाम को उड़ा देना उनको तेरे नाम के पैमाना। 

देखी होंगी दशकों में कई नायाब इमारतें तूने 
होना हो रूबरू जवानी से, बार-२ तेरे कॉलेज जरूर जाना।।

©Mohan Sardarshahari

# गजल

13 Love

White गजल सहर के आँचल में चाँद सोया, फिज़ा में नर्मी नई नई है, घरों में जलती हैं आरतियाँ, दुआ में गर्मी नई नई है। सफर में साथी बने हैं तारे, ख़ुशी के क़िस्से कहें न थमते, जो चाँदनी है ये चुपके चुपके, अभी वो राहत नई नई है। लगे हैं बगिया में फूल महके, सुना है जुगनू मिले उजाले, जो रुत है बदली हवाओं से, अभी तो रंगत नई नई है। नज़र से छलका जो इश्क़ गहरा, वो बात लफ़्ज़ों से फिर न निकली, जो हाल दिल का बयाँ हुआ है, अभी तो हालत नई नई है। हुनर को पहचाना दुनिया ने, जमीं पे क़दमों का जादू छाया, अभी जो रुतबा मिला है तुमको, ये सारी शोहरत नई नई है। जहाँ में उठती हैं आज आँधियाँ, जलें हैं दीपक बने सहारे, अभी जो सूरज चमक रहा है, उसकी ये हिम्मत नई नई है। ©Ashok Verma "Hamdard"

#शायरी  White गजल

सहर के आँचल में चाँद सोया, फिज़ा में नर्मी नई नई है,
घरों में जलती हैं आरतियाँ, दुआ में गर्मी नई नई है।

सफर में साथी बने हैं तारे, ख़ुशी के क़िस्से कहें न थमते,
जो चाँदनी है ये चुपके चुपके, अभी वो राहत नई नई है।

लगे हैं बगिया में फूल महके, सुना है जुगनू मिले उजाले,
जो रुत है बदली हवाओं से, अभी तो रंगत नई नई है।

नज़र से छलका जो इश्क़ गहरा, वो बात लफ़्ज़ों से फिर न निकली,
जो हाल दिल का बयाँ हुआ है, अभी तो हालत नई नई है।

हुनर को पहचाना दुनिया ने, जमीं पे क़दमों का जादू छाया,
अभी जो रुतबा मिला है तुमको, ये सारी शोहरत नई नई है।

जहाँ में उठती हैं आज आँधियाँ, जलें हैं दीपक बने सहारे,
अभी जो सूरज चमक रहा है, उसकी ये हिम्मत नई नई है।

©Ashok Verma "Hamdard"

गजल

11 Love

White ग़ज़ल लगाकर आग वो कैसे बचे हैं उन्हे ढ़ूँढ़ो कहीं पर वो छुपे हैं मेंरी बस्ती के सब घर जल रहे हैं ताहफ़्फुज़ में मेरे दुश्मन खड़े हैं वही अवक़ात अपनी भूल बैठे हैं जो पौधे सामने फूले फले हैं लगेगी आह उनको इक न इक दिन गरीबों के लहू पर जो पले हैं बनाता मैं नहीं दुश्मन किसी को तरक़्की से मेंरी दुश्मन बने हैं ज़रा अपने गिरेबाँ में वो देखें जो तोहमत हम पे रखते आ रहे हैं तेरी महफिल में जब से आ गया हूँ मेंरे हमराज सब जलने लगे हैं भली थी या बुरी थी छोड़ये भी ज़रा सी बात लेकर क्या पड़े हैं बुराई की तरफ "हरदीन" न जाऐं वहाँ हर राह पर काँटे बिछे हैं चौधरी हरदीन कूकना मकराना, राजस्थान ©CHOUDHARY HARDIN KUKNA

#शायरी #sad_quotes #गजल  White ग़ज़ल 

लगाकर आग वो कैसे बचे हैं 
उन्हे ढ़ूँढ़ो कहीं पर वो छुपे हैं 

मेंरी बस्ती के सब घर जल रहे हैं 
ताहफ़्फुज़ में मेरे दुश्मन खड़े हैं 

वही अवक़ात अपनी भूल बैठे हैं 
जो पौधे सामने फूले फले हैं 

लगेगी आह उनको इक न इक दिन 
गरीबों के लहू पर जो पले हैं 

बनाता मैं नहीं दुश्मन किसी को 
तरक़्की से मेंरी दुश्मन बने हैं 

ज़रा अपने गिरेबाँ में वो देखें
जो तोहमत हम पे रखते आ रहे हैं 

तेरी महफिल में जब से आ गया हूँ 
मेंरे हमराज सब जलने लगे हैं 

भली थी या बुरी थी छोड़ये भी 
ज़रा सी बात लेकर क्या पड़े हैं 

बुराई की तरफ "हरदीन" न जाऐं 
वहाँ हर राह पर काँटे बिछे हैं 

चौधरी हरदीन कूकना 
मकराना, राजस्थान

©CHOUDHARY HARDIN KUKNA

#sad_quotes #गजल शेरो शायरी शायरी हिंदी में

12 Love

White भला दूसरों का भी क्या सोचता है सदा अपना ही तो भला सोचता है बशर तो बस अपना भला सोचता है सभी का भला बस "तेजा" सोचता है बुरा आदमी बस बुरा सोचता है जो नेक है वो नेक ही सदा सोचता है रहें शान्ति से जगत में हमेशा सभी के लिये वो सदा सोचता है कभी मुँह से कुछ बोलता ही नहीं क्यों खड़ा होके वो जाने क्या सोचता है रूलाकर उसे खिलखिला कर वो अब उसी हँसी की दवा सोचता है नऐ सविधानों कि उसको पड़ी अब तो फितनों का अब रास्ता सोचता है उजाड़ो किसी को बसाओ किसी को यही तो वो "हरदीन" सदा सोचता है चौधरी हरदीन कूकना मकराना, राजस्थान ©CHOUDHARY HARDIN KUKNA

#शायरी #गजल  White 
भला दूसरों का भी क्या सोचता है 
सदा अपना ही तो भला सोचता है 

बशर तो बस अपना भला सोचता है 
सभी का भला बस "तेजा" सोचता है 

बुरा आदमी बस बुरा सोचता है 
जो नेक है वो नेक ही सदा सोचता है 

रहें शान्ति से जगत में हमेशा 
सभी के लिये वो सदा सोचता है 

कभी मुँह से कुछ बोलता ही नहीं क्यों 
खड़ा होके वो जाने क्या सोचता है 

रूलाकर उसे खिलखिला कर वो 
अब उसी हँसी की दवा सोचता है 

नऐ सविधानों कि उसको पड़ी अब 
तो फितनों का अब रास्ता सोचता है 

उजाड़ो किसी को बसाओ किसी को 
यही तो वो "हरदीन" सदा सोचता है 

चौधरी हरदीन कूकना 
मकराना, राजस्थान

©CHOUDHARY HARDIN KUKNA

#गजल शायरी हिंदी में

15 Love

तेरे ही रूप को आखों में भर रहे है हम तू ही बता कि कोई भूल कर रहे है हम। सफर तमाम हुआ जब तो यह ख्याल आया कि एक उम्र न जाने किधर रहे है हम। बड़े अदब से जो झुक कर सलाम करता है उस शख्स से क्यूं आज डर रहे है हम। जिधर भी देखे कही आद‌मी नहीं मिलता ये कैसा शहर है जिससे गुजर रहे है हम। करो न रंज तुम्हारा जो साथ न दे सके खुद अपने आप के कब हमसफर रहे है हम। खुद अपने आप से गाफिल रहे मगर रमजानी तुम्हारी याद में कब बेखबर रहे है हम। 4/10/15 ©MSA RAMZANI

 तेरे ही रूप को आखों में भर रहे है हम 
तू ही बता कि कोई भूल कर रहे है हम।

सफर तमाम हुआ जब तो यह ख्याल आया 
कि एक उम्र न जाने किधर रहे है हम।

बड़े अदब से जो झुक कर सलाम करता है 
उस शख्स से क्यूं आज डर रहे है हम।

जिधर भी देखे कही आद‌मी नहीं मिलता 
ये कैसा शहर है जिससे गुजर रहे है हम।

करो न रंज तुम्हारा जो साथ न दे सके 
खुद अपने आप के कब हमसफर रहे है हम।

खुद अपने आप से गाफिल रहे मगर रमजानी 
तुम्हारी याद में कब बेखबर रहे है हम।
4/10/15

©MSA RAMZANI

गजल

14 Love

पल में दूर हो जाती है जात अधूरी हो जाती है आखों में नींद नहीं आती रात पूरी हो जाती है पहले तो होती है चाहत फिर मजबूरी हो जाती है कुछ लोगों की पल भर मे ख्वाहिशे पूरी हो जाती है हद से प्यार गुजर जाये तो अक्सर दूरी हो जाती है 8/10/15 ©MSA RAMZANI

 पल में दूर हो जाती है 
जात अधूरी हो जाती है

आखों में नींद नहीं आती 
रात पूरी हो जाती है

पहले तो होती है चाहत 
फिर मजबूरी हो जाती है

कुछ लोगों की पल भर मे 
ख्वाहिशे पूरी हो जाती है

हद से प्यार गुजर जाये तो 
अक्सर दूरी हो जाती है
8/10/15

©MSA RAMZANI

गजल

16 Love

Unsplash दोस्तों से मुश्किल है हकीकत छुपाना जैसे हवा से अलग रवानी को रखना। जिंदगी के अनुभव बेशक अलग-अलग होंगे मुश्किल नहीं मगर एक दूजे की कहानी समझना। इशारों में समझाना बहुत कर लिया चलो दोस्तों से करते हैं वही व्यवहार बचकाना। यदि कभी कुछ सुनाना पड़े दोस्तों को बस याद उनकी एक-एक शैतानी दिलाना। मिलकर यदि किसी दोस्त से छलक जाए आंसू शाम को उड़ा देना उनको तेरे नाम के पैमाना। देखी होंगी दशकों में कई नायाब इमारतें तूने होना हो रूबरू जवानी से, बार-२ तेरे कॉलेज जरूर जाना।। ©Mohan Sardarshahari

#शायरी  Unsplash दोस्तों से मुश्किल है हकीकत छुपाना 
जैसे हवा से अलग रवानी को रखना। 

जिंदगी के अनुभव बेशक अलग-अलग होंगे 
मुश्किल नहीं मगर एक दूजे की कहानी समझना। 

इशारों में समझाना बहुत कर लिया 
चलो दोस्तों से करते हैं वही व्यवहार बचकाना। 

यदि कभी कुछ सुनाना पड़े दोस्तों को 
बस याद उनकी एक-एक शैतानी दिलाना। 

मिलकर यदि किसी दोस्त से छलक जाए आंसू 
शाम को उड़ा देना उनको तेरे नाम के पैमाना। 

देखी होंगी दशकों में कई नायाब इमारतें तूने 
होना हो रूबरू जवानी से, बार-२ तेरे कॉलेज जरूर जाना।।

©Mohan Sardarshahari

# गजल

13 Love

White गजल सहर के आँचल में चाँद सोया, फिज़ा में नर्मी नई नई है, घरों में जलती हैं आरतियाँ, दुआ में गर्मी नई नई है। सफर में साथी बने हैं तारे, ख़ुशी के क़िस्से कहें न थमते, जो चाँदनी है ये चुपके चुपके, अभी वो राहत नई नई है। लगे हैं बगिया में फूल महके, सुना है जुगनू मिले उजाले, जो रुत है बदली हवाओं से, अभी तो रंगत नई नई है। नज़र से छलका जो इश्क़ गहरा, वो बात लफ़्ज़ों से फिर न निकली, जो हाल दिल का बयाँ हुआ है, अभी तो हालत नई नई है। हुनर को पहचाना दुनिया ने, जमीं पे क़दमों का जादू छाया, अभी जो रुतबा मिला है तुमको, ये सारी शोहरत नई नई है। जहाँ में उठती हैं आज आँधियाँ, जलें हैं दीपक बने सहारे, अभी जो सूरज चमक रहा है, उसकी ये हिम्मत नई नई है। ©Ashok Verma "Hamdard"

#शायरी  White गजल

सहर के आँचल में चाँद सोया, फिज़ा में नर्मी नई नई है,
घरों में जलती हैं आरतियाँ, दुआ में गर्मी नई नई है।

सफर में साथी बने हैं तारे, ख़ुशी के क़िस्से कहें न थमते,
जो चाँदनी है ये चुपके चुपके, अभी वो राहत नई नई है।

लगे हैं बगिया में फूल महके, सुना है जुगनू मिले उजाले,
जो रुत है बदली हवाओं से, अभी तो रंगत नई नई है।

नज़र से छलका जो इश्क़ गहरा, वो बात लफ़्ज़ों से फिर न निकली,
जो हाल दिल का बयाँ हुआ है, अभी तो हालत नई नई है।

हुनर को पहचाना दुनिया ने, जमीं पे क़दमों का जादू छाया,
अभी जो रुतबा मिला है तुमको, ये सारी शोहरत नई नई है।

जहाँ में उठती हैं आज आँधियाँ, जलें हैं दीपक बने सहारे,
अभी जो सूरज चमक रहा है, उसकी ये हिम्मत नई नई है।

©Ashok Verma "Hamdard"

गजल

11 Love

Trending Topic