Ashok Verma

Ashok Verma "Hamdard"

Born on 29th of November Poet Story, Lyrics & Script Writter Sub Editor [News Hint]

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आंखें मूंदकर बैठे हों तसव्वुर में किसी के, ऐसे में छम से वह आ जाये तो क्या हो। लब खामोश हों, पर दिल की धड़कन बोले, उसकी मुस्कान नजरों को चुरा जाये तो क्या हो। हवा संग उसके जुल्फों की महक आकर, हर सांस को दीवाना बना जाये तो क्या हो। बात कहने से पहले ही आंखें सब कह दें, और वह हौले से मुस्कुरा जाये तो क्या हो। पलकों की चिलमन पर वो तस्वीर सी ठहरे, और वक़्त थमकर इश्क़ सिखा जाये तो क्या हो। दिल की ख्वाहिशें आसमां छूने लगें, वो प्यार से बस अपना बना जाये तो क्या हो। ©Ashok Verma "Hamdard"

#कविता  आंखें मूंदकर बैठे हों तसव्वुर में किसी के,
ऐसे में छम से वह आ जाये तो क्या हो।
लब खामोश हों, पर दिल की धड़कन बोले,
उसकी मुस्कान नजरों को चुरा जाये तो क्या हो।

हवा संग उसके जुल्फों की महक आकर,
हर सांस को दीवाना बना जाये तो क्या हो।
बात कहने से पहले ही आंखें सब कह दें,
और वह हौले से मुस्कुरा जाये तो क्या हो।

पलकों की चिलमन पर वो तस्वीर सी ठहरे,
और वक़्त थमकर इश्क़ सिखा जाये तो क्या हो।
दिल की ख्वाहिशें आसमां छूने लगें,
वो प्यार से बस अपना बना जाये तो क्या हो।

©Ashok Verma "Hamdard"

दीवानापन

10 Love

White ज़मीर अगर सच्चा हो तो झूठा नहीं होता किस्मत में जो लिखा हो, वो रूठा नहीं होता दिल से जो निभाना हो, तो रिश्ते भी सँवरते वरना कोई भी रिश्ता यहाँ पक्का नहीं होता तुम साँसों में बसते हो, ये दिल जानता है वरना तुम्हें भुलाने का इरादा नहीं होता इश्क़ में वफ़ा हो अगर, तो रक़ीब डरते हैं वरना कोई भी किसी से यूँ हारा नहीं होता चाहें जितनी मुश्किलें हों, नेता राह बनाते दुनिया में कोई दरिया यूँ आवारा नहीं होता अशोक वर्मा "हमदर्द" ©Ashok Verma "Hamdard"

#कविता #Sad_Status  White ज़मीर अगर सच्चा हो तो झूठा नहीं होता
किस्मत में जो लिखा हो, वो रूठा नहीं होता

दिल से जो निभाना हो, तो रिश्ते भी सँवरते
वरना कोई भी रिश्ता यहाँ पक्का नहीं होता

तुम साँसों में बसते हो, ये दिल जानता है
वरना तुम्हें भुलाने का इरादा नहीं होता

इश्क़ में वफ़ा हो अगर, तो रक़ीब डरते हैं
वरना कोई भी किसी से यूँ हारा नहीं होता

चाहें जितनी मुश्किलें हों, नेता राह बनाते
दुनिया में कोई दरिया यूँ आवारा नहीं होता
अशोक वर्मा "हमदर्द"

©Ashok Verma "Hamdard"

#Sad_Status

14 Love

White अच्छे थे वो, कच्चे घर भी, इमारतों में, इंतजाम बहुत है!! गाँव की गलियाँ, खाली पड़ी हैं, शहरों में, सामान बहुत है!! खुली हवा में, जो चैन मिलता, बंद कमरों में, धुआँ बहुत है!! न रिश्तों की अब, गर्मी बची है, पर तकनीकी, सम्मान बहुत है!! दादी-नानी की बातें छूटीं, मोबाईल में ही ज्ञान बहुत है!! सच्ची हंसी, कम दिखती अब, लेकिन चेहरे पर ,नकाब बहुत है!! सुख-सुविधाओं से घिरा इंसान, पर दिलों में, अरमान बहुत है!! दौड़ रही दुनिया, आगे बढ़ने को, फिर भी जीने में, थकान बहुत है!! सादगी की जो मिठास थी कभी, अब दिखावे में, ईमान बहुत है!! अकेले होते लोग भीड़ में, फिर भी दिखते, महान बहुत है!! *अशोक वर्मा "हमदर्द"*(कोलकाता) ©Ashok Verma "Hamdard"

#कविता #गांव  White अच्छे थे वो, कच्चे घर भी,
इमारतों में, इंतजाम बहुत है!!

गाँव की गलियाँ, खाली पड़ी हैं,
शहरों में, सामान बहुत है!!

खुली हवा में, जो चैन मिलता,
बंद कमरों में, धुआँ बहुत है!!

न रिश्तों की अब, गर्मी बची है,
पर तकनीकी, सम्मान बहुत है!!

दादी-नानी की बातें छूटीं,
 मोबाईल में ही ज्ञान बहुत है!!

सच्ची हंसी, कम दिखती अब,
लेकिन चेहरे पर ,नकाब बहुत है!!

सुख-सुविधाओं से घिरा इंसान,
पर दिलों में, अरमान बहुत है!!

दौड़ रही दुनिया, आगे बढ़ने को,
फिर भी जीने में, थकान बहुत है!!

सादगी की जो मिठास थी कभी,
अब दिखावे में, ईमान बहुत है!!

अकेले होते लोग भीड़ में,
फिर भी दिखते, महान बहुत है!!

*अशोक वर्मा "हमदर्द"*(कोलकाता)

©Ashok Verma "Hamdard"

#गांव और शहर

13 Love

#कविता  देखते ही देखते जीवन संगनी संग 35 वां वसंत बीत गए
खट्टे मीठे तीखे भी पर हंसते हंसते हम जीत गए,
जीत हार भी प्यार का हिस्सा, कहती वो मनोहारी है
एक दूजे के लिए बनें है यही रीत पुरानी है,
मन सुंदर तो सुंदर हो काया भौतिक सुख केवल है माया
सुख संतति दूजे का प्रेम है नहीं तो सब परेशानी है,
छोटी फुलवारी बहुत ही प्यारी राजदुलारी को लेकर
राजदुलारा प्रत्युष हमारा,मिला हमें बेटी देकर,
अभिनव सोच के साथ मिला हैअभिषेक हमारा
अब तो दो दो नतिनी मिली है प्रनू प्रविशा नाम है प्यारा,
भरा पूरा परिवार लेकर बहुत कुछ हम सीख गए
देखते ही देखते  जीवन संगिनी संग 35वां वसंत बीत गए 💕💕💕💕💕💕

©Ashok Verma "Hamdard"

शादी के वर्षगांठ की शुभ कामनाएं

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#good_evening_images #विचार  White जीवन एक वृक्ष है और हमारे संस्कार इसमें दिया जानेवाला खादपानी और आचरण इसका फल है।
जो हमें मिलता है वो हमारे संस्कार  है ,तभी तो मैं अपनों से बड़े लोगों की अवहेलना नहीं करती,पर कुछ लोगों का संस्कार है जो हमेशा मिथ्या अहंकार में डूब कर पर निन्दा में लगे रहते है ।जीवन रुपी इस वृक्ष में संस्कार रूपी खाद पानी का जितना सुन्दरतम सिंचन किया जाएगा आचरण रुपी फल भी उतना ही मधुरतम व श्रेष्ठतम होगा ।
हरियाली किसी वृक्षका सौंदर्य है फल उसकी सार्थकता है।जिस प्रकार फल
वृक्ष की उपयोगिता को बढा देते हैं
ऐसे ही हमारा आचरण भी संसार में हमारी उपयोगिता का निर्धारण भी करता है
फल जितना सुस्वादु व मधुर होगा वृक्ष की उपयोगिता उतनी ही अधिक होगी।
ठीक ऐसे हमारा आचरण भी जितना मधुर व श्रेष्ठ होगा समाज में हमारी
उपयोगिता भी उतनी ही अधिक होगी
जिस प्रकार मेरी सासु मां मेरी मां और ससुर मेरे पिता बन गए,देवर छोटा भाई ,ये मेरे संस्कार है जो मेरी मां ने सिखलाया है, 
नहीं तो आज कल एकल परिवार में लोग जीना पसंद करते है,
धन्य है वो मां जिसने हमेशा अच्छी बात सिखलाई।
I Love 💕 you मम्मी
*अनुराधा वर्मा"अनु"*🙏🙏🙏

©Ashok Verma "Hamdard"
#विचार #fathers_day  White मैं पिता हूं
ईश्वर की कृपा से परिवार का हिस्सा हूं,
कुम्हार की चाक की तरह 
परिवार को मूर्त रूप देने के लिए
बहुत तेज घूमता हूं, व
आकार देकर अपनें बच्चों को
झूमता हूं नाचता हूं गाता हूं,
कभी कभी गीत भी गुनगुनाता हूं
इस लिए की मैं पिता हूं ।
इतना होने पर भी 
बच्चों की खरी खोटी भी सुनता हूं
उन्हें खुश रखनें के लिए
ताना बाना बुनता हूं
इस लिए की मैं पिता हूं ।
बच्चे अच्छे है मन के सच्चे है
अनुराधा और अभिषेक है
प्रत्युष मेरे दामाद,उनके अपनें विवेक है,
मैं अब भी अपनें सुख के लिए
अभी भी अपनें पिता के चरण दबाता हूं और
अपनें बच्चों को दिखता हूं
इस लिए की मैं पिता हूं।।

©Ashok Verma "Hamdard"

#fathers_day

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