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New हसले गाले ये दिन ना मिलेंगे Status, Photo, Video

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#वीडियो #घरवाली #ये

#घरवाली कहना माने या ना #ये आपका कहना मानेगी

90 View

#Motivational #Motivation

कभी ना कहो अपने दिन ख़राब हैं।#poetry #Motivation

90 View

White पल्लव की डायरी उदय और अस्त होता सूरज धरा को प्रभावित करता है किरणे जब होती तीव्र तब अनाज खेतो का पकता है मौसमो की उपलब्धि से ही मानव जीवन निखरता फिरता है भले आसमान पर चमकता हो संसार मे सौन्दर्य भरता है इसके बिना धरती होती बंजर है दिन रात अगर ना होते तो अंत सबके जीवन का है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #GoodMorning #nojotohindi  White पल्लव की डायरी
उदय और अस्त होता सूरज
धरा को प्रभावित करता है
किरणे जब होती तीव्र 
तब अनाज खेतो का पकता है
मौसमो की उपलब्धि  से ही
मानव जीवन निखरता फिरता है
भले आसमान पर चमकता हो
संसार मे सौन्दर्य भरता है
इसके बिना धरती होती बंजर है
दिन रात अगर ना होते
तो अंत सबके जीवन का है
                                         प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#GoodMorning दिन रात अगर ना होते #nojotohindi

17 Love

White ना रात हूँ मैं ना दिन हूँ मैं जो टूट रहा वो दिल हूँ मैं 💔 ©Mahesh Chekhaliya

#sad_shayari #SAD  White ना रात हूँ मैं
 ना दिन हूँ मैं
 जो टूट रहा वो दिल हूँ मैं 💔

©Mahesh Chekhaliya

#sad_shayari ना रात हूँ मैं ना दिन हूँ मैं जो टूट रहा वो दिल हूँ मैं

15 Love

White जन्मभूमि राम की, राम को ना जानते। कुछ मंदबुद्धि है यहां, जो राम को ना मानते । जन्म भूमि राम की, और राम को न जानते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां , जो राम को ना मानते । रघुकुल की एक मर्यादा थी, वचनों पर जीवन सादा थी। दुःख की सीमा का अंत नहीं सुख जैसे आधा आधा थी। खुद भगवन जिसके कायल थे ये उन पर कीच उछालते। कुछ मंद बुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। जो शिव धनुष को तोड़े थे, जो सबको पीछे छोड़े थे। जो शिव धनुष को तोड़े थे, जो सबको पीछे छोड़े थे। कुछ मानवी पिशाच हैं, जो देव को ललकारते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते । जो लांघ गई अग्नि को, जो धरती में विलीन है। जो लांघ गई अग्नि को, जो धरती में विलीन है। यह मांगते हैं साक्ष्य, और अंजाम को न जानते । कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते । जो धू - धू करके जल गई , वह लंका भी एक गाथा है । जो धू धू करके जल गई, वह लंका भी एक गाथा है । कलयुग के रावण तुम सुन लो, हमें मजा चखाना आता है। जिसके वीर भक्त हनुमान हुए, तुम उनको ना पहचानते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। थे राजपूत पर दंभ न था, वानर, केेंवट भी मित्र हुए। पग जहां जहां भी राम धरे धरती से नभ सब इत्र हुए। गुणगान नहीं कर सकते हैं, ये अपनी राग आलापते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। कुछ मंद बुद्धि हैं यहां, जो खुद को ना पहचानते। ये श्री राम को ना जानते। हर्षा मिश्रा ©harsha mishra

#कविता  White जन्मभूमि राम की,
 राम को ना जानते।
 कुछ मंदबुद्धि है यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जन्म भूमि राम की,
 और राम को न जानते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां ,
जो राम को ना मानते ।

रघुकुल की एक मर्यादा थी,
वचनों पर जीवन सादा थी।
दुःख की सीमा का अंत नहीं
सुख जैसे आधा आधा थी।
खुद भगवन जिसके कायल थे
ये उन पर कीच उछालते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।


जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 कुछ मानवी पिशाच हैं,
 जो देव को ललकारते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 यह मांगते हैं साक्ष्य,
 और अंजाम को न जानते ।

कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो धू - धू करके जल गई ,
वह लंका भी एक गाथा है ।
जो धू धू करके जल गई,
 वह लंका भी एक गाथा है ।
कलयुग के रावण तुम सुन लो,
 हमें मजा चखाना आता है।
 जिसके वीर भक्त हनुमान हुए,
 तुम उनको ना पहचानते।
 
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

थे राजपूत पर दंभ न था,
वानर, केेंवट भी मित्र हुए।
पग जहां जहां भी राम धरे
धरती से नभ सब इत्र हुए।

गुणगान नहीं कर सकते हैं,
ये अपनी राग आलापते।
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
जो खुद को ना पहचानते।
ये श्री राम को ना जानते।

हर्षा मिश्रा

©harsha mishra

ये श्री राम को ना मानते,,,,,,

15 Love

वो दिन भी क्या दिन थे । चोट लगती मुझे दर्द तुझे होता था । आंसू मेरे आंखों से आते थे । पोछने  के लिए हात तेरा होता था । कोई मुझे गलत बोले । उसका मुह तोड़े तू । कोई मुझसे झगडे । उससे मुंह मोड लेती तू । क्या भूल गई तू वो वादा । जो हमने अपनी दोस्ती में किया था । ना रूठेंगे ना टूटेंगे कभी । हमे है अपनी दोस्ती की कसम । मेरा दुश्मन तेरा होता था । मेरा दोस्त तेरा दोस्त होता था । फिर आज क्या हुआ । जो तुमने दोस्त को दुश्मन बना लिया ।   एक वक्त ऐसा था ।   लोग हमारे दोस्ती पे जलते थे ।   आज एक वक्त एैसा आया है ।   जहा दोस्त ही दोस्त के दुश्मन बन गये ।   बस करो अब नादानी ।   लौट आओ में हूं यही  ।   हमारी दोस्ती ना टूटे कभी ।   भूल जाओ सभी है मिन्नत यही । ©Shailee Rodrigues

#कविता #FriendshipDay  वो दिन भी क्या दिन थे ।
चोट लगती मुझे दर्द तुझे होता था ।
आंसू मेरे आंखों से आते थे ।
पोछने  के लिए हात तेरा होता था ।

कोई मुझे गलत बोले ।
उसका मुह तोड़े तू । 
कोई मुझसे झगडे । 
उससे मुंह मोड लेती तू ।

क्या भूल गई तू वो वादा ।
जो हमने अपनी दोस्ती में किया था ।
ना रूठेंगे ना टूटेंगे कभी ।
हमे है अपनी दोस्ती की कसम ।


मेरा दुश्मन तेरा होता था । 
मेरा दोस्त तेरा दोस्त होता था । 
फिर आज क्या हुआ । 
जो तुमने दोस्त को दुश्मन बना लिया ।

  एक वक्त ऐसा था ।
  लोग हमारे दोस्ती पे जलते थे ।
  आज एक वक्त एैसा आया है ।
  जहा दोस्त ही दोस्त के दुश्मन बन गये ।

  बस करो अब नादानी । 
  लौट आओ में हूं यही  ।
  हमारी दोस्ती ना टूटे कभी ।
  भूल जाओ सभी है मिन्नत यही ।

©Shailee Rodrigues

ये दोस्ती ना तोड़ो #FriendshipDay

19 Love

#वीडियो #घरवाली #ये

#घरवाली कहना माने या ना #ये आपका कहना मानेगी

90 View

#Motivational #Motivation

कभी ना कहो अपने दिन ख़राब हैं।#poetry #Motivation

90 View

White पल्लव की डायरी उदय और अस्त होता सूरज धरा को प्रभावित करता है किरणे जब होती तीव्र तब अनाज खेतो का पकता है मौसमो की उपलब्धि से ही मानव जीवन निखरता फिरता है भले आसमान पर चमकता हो संसार मे सौन्दर्य भरता है इसके बिना धरती होती बंजर है दिन रात अगर ना होते तो अंत सबके जीवन का है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #GoodMorning #nojotohindi  White पल्लव की डायरी
उदय और अस्त होता सूरज
धरा को प्रभावित करता है
किरणे जब होती तीव्र 
तब अनाज खेतो का पकता है
मौसमो की उपलब्धि  से ही
मानव जीवन निखरता फिरता है
भले आसमान पर चमकता हो
संसार मे सौन्दर्य भरता है
इसके बिना धरती होती बंजर है
दिन रात अगर ना होते
तो अंत सबके जीवन का है
                                         प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#GoodMorning दिन रात अगर ना होते #nojotohindi

17 Love

White ना रात हूँ मैं ना दिन हूँ मैं जो टूट रहा वो दिल हूँ मैं 💔 ©Mahesh Chekhaliya

#sad_shayari #SAD  White ना रात हूँ मैं
 ना दिन हूँ मैं
 जो टूट रहा वो दिल हूँ मैं 💔

©Mahesh Chekhaliya

#sad_shayari ना रात हूँ मैं ना दिन हूँ मैं जो टूट रहा वो दिल हूँ मैं

15 Love

White जन्मभूमि राम की, राम को ना जानते। कुछ मंदबुद्धि है यहां, जो राम को ना मानते । जन्म भूमि राम की, और राम को न जानते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां , जो राम को ना मानते । रघुकुल की एक मर्यादा थी, वचनों पर जीवन सादा थी। दुःख की सीमा का अंत नहीं सुख जैसे आधा आधा थी। खुद भगवन जिसके कायल थे ये उन पर कीच उछालते। कुछ मंद बुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। जो शिव धनुष को तोड़े थे, जो सबको पीछे छोड़े थे। जो शिव धनुष को तोड़े थे, जो सबको पीछे छोड़े थे। कुछ मानवी पिशाच हैं, जो देव को ललकारते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते । जो लांघ गई अग्नि को, जो धरती में विलीन है। जो लांघ गई अग्नि को, जो धरती में विलीन है। यह मांगते हैं साक्ष्य, और अंजाम को न जानते । कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते । जो धू - धू करके जल गई , वह लंका भी एक गाथा है । जो धू धू करके जल गई, वह लंका भी एक गाथा है । कलयुग के रावण तुम सुन लो, हमें मजा चखाना आता है। जिसके वीर भक्त हनुमान हुए, तुम उनको ना पहचानते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। थे राजपूत पर दंभ न था, वानर, केेंवट भी मित्र हुए। पग जहां जहां भी राम धरे धरती से नभ सब इत्र हुए। गुणगान नहीं कर सकते हैं, ये अपनी राग आलापते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। कुछ मंद बुद्धि हैं यहां, जो खुद को ना पहचानते। ये श्री राम को ना जानते। हर्षा मिश्रा ©harsha mishra

#कविता  White जन्मभूमि राम की,
 राम को ना जानते।
 कुछ मंदबुद्धि है यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जन्म भूमि राम की,
 और राम को न जानते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां ,
जो राम को ना मानते ।

रघुकुल की एक मर्यादा थी,
वचनों पर जीवन सादा थी।
दुःख की सीमा का अंत नहीं
सुख जैसे आधा आधा थी।
खुद भगवन जिसके कायल थे
ये उन पर कीच उछालते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।


जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 कुछ मानवी पिशाच हैं,
 जो देव को ललकारते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 यह मांगते हैं साक्ष्य,
 और अंजाम को न जानते ।

कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो धू - धू करके जल गई ,
वह लंका भी एक गाथा है ।
जो धू धू करके जल गई,
 वह लंका भी एक गाथा है ।
कलयुग के रावण तुम सुन लो,
 हमें मजा चखाना आता है।
 जिसके वीर भक्त हनुमान हुए,
 तुम उनको ना पहचानते।
 
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

थे राजपूत पर दंभ न था,
वानर, केेंवट भी मित्र हुए।
पग जहां जहां भी राम धरे
धरती से नभ सब इत्र हुए।

गुणगान नहीं कर सकते हैं,
ये अपनी राग आलापते।
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
जो खुद को ना पहचानते।
ये श्री राम को ना जानते।

हर्षा मिश्रा

©harsha mishra

ये श्री राम को ना मानते,,,,,,

15 Love

वो दिन भी क्या दिन थे । चोट लगती मुझे दर्द तुझे होता था । आंसू मेरे आंखों से आते थे । पोछने  के लिए हात तेरा होता था । कोई मुझे गलत बोले । उसका मुह तोड़े तू । कोई मुझसे झगडे । उससे मुंह मोड लेती तू । क्या भूल गई तू वो वादा । जो हमने अपनी दोस्ती में किया था । ना रूठेंगे ना टूटेंगे कभी । हमे है अपनी दोस्ती की कसम । मेरा दुश्मन तेरा होता था । मेरा दोस्त तेरा दोस्त होता था । फिर आज क्या हुआ । जो तुमने दोस्त को दुश्मन बना लिया ।   एक वक्त ऐसा था ।   लोग हमारे दोस्ती पे जलते थे ।   आज एक वक्त एैसा आया है ।   जहा दोस्त ही दोस्त के दुश्मन बन गये ।   बस करो अब नादानी ।   लौट आओ में हूं यही  ।   हमारी दोस्ती ना टूटे कभी ।   भूल जाओ सभी है मिन्नत यही । ©Shailee Rodrigues

#कविता #FriendshipDay  वो दिन भी क्या दिन थे ।
चोट लगती मुझे दर्द तुझे होता था ।
आंसू मेरे आंखों से आते थे ।
पोछने  के लिए हात तेरा होता था ।

कोई मुझे गलत बोले ।
उसका मुह तोड़े तू । 
कोई मुझसे झगडे । 
उससे मुंह मोड लेती तू ।

क्या भूल गई तू वो वादा ।
जो हमने अपनी दोस्ती में किया था ।
ना रूठेंगे ना टूटेंगे कभी ।
हमे है अपनी दोस्ती की कसम ।


मेरा दुश्मन तेरा होता था । 
मेरा दोस्त तेरा दोस्त होता था । 
फिर आज क्या हुआ । 
जो तुमने दोस्त को दुश्मन बना लिया ।

  एक वक्त ऐसा था ।
  लोग हमारे दोस्ती पे जलते थे ।
  आज एक वक्त एैसा आया है ।
  जहा दोस्त ही दोस्त के दुश्मन बन गये ।

  बस करो अब नादानी । 
  लौट आओ में हूं यही  ।
  हमारी दोस्ती ना टूटे कभी ।
  भूल जाओ सभी है मिन्नत यही ।

©Shailee Rodrigues

ये दोस्ती ना तोड़ो #FriendshipDay

19 Love

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