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White भारत के किस प्रदेश की सीमाएँ तीन देशों क्रमशः नेपाल, भूटान एवं चीन से मिलती है ? (A) मेघालय (B) अरुणाचल प्रदेश (C) पश्चिम बंगाल (D) सिक्किम ©brar saab

#सीमाएँ #भारत #ਗਿਆਨ #sad_quotes #किस  White भारत के किस प्रदेश की सीमाएँ तीन देशों क्रमशः नेपाल, भूटान एवं चीन से मिलती है ?

(A) मेघालय
(B) अरुणाचल प्रदेश
(C) पश्चिम बंगाल
(D) सिक्किम

©brar saab

#sad_quotes #भारत के #किस @प्रदेश की #सीमाएँ तीन देशों क्रमशः नेपाल, भूटान एवं चीन से मिलती है ? (A) मेघालय (B) अरुणाचल प्रदेश (C) पश्चिम

12 Love

#कविता #शौर्य #SpeakOutLoud

#SpeakOutLoud #शौर्य गाथा छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर सप्रेम भेंट...*अंशिवा* द्वितीय कड़ी/कुल तीन कड़ी

180 View

White क्रोध के तीन मुख्य कारण होते हैं 1............ 2........... 3.......... क्रोध को संपूर्ण करने के तीन मुख्य तरीके होते हैं... 1............. 2............. 3.......... ©neelu

#Sad_Status #wishes  White क्रोध  के तीन मुख्य कारण होते हैं
1............
2...........
3..........
क्रोध को संपूर्ण करने के
 तीन मुख्य तरीके होते हैं...
1.............
2.............
3..........

©neelu

#Sad_Status क्रोध को संपूर्ण करने के तीन मुख्य तरीके होते हैं

16 Love

White कितनी बड़ी है ये दुनिया लेकिन तीन कदमो मे नापी जा सकती है अब क्या फर्क पड़ता है कदम छोटे है या बड़े पर दुनिया तो फ़ासलो का नाम है ©Parasram Arora

#कविता  White कितनी  बड़ी  
है ये दुनिया 
लेकिन तीन कदमो मे
नापी जा सकती है 

अब क्या फर्क पड़ता है 
कदम छोटे है या बड़े  
पर दुनिया तो  फ़ासलो का नाम है

©Parasram Arora

तीन कदम

13 Love

White जय परमेश्वर परमेश्वर हमारी फरियाद सुनो हिंन्दुस्तांनके बनीयोंने मेहको और मोतको सहारे करलीहै काफिर सेठ सौदागर महाजन जमीनमाताके नांमका और संसारके नांमका और ८४ लाख जीवाजुनके नांमका पाप कराते हैं और दुख देके कच्ची उमर में मारते हैं और तीन लोक कि बुद्धी केद कि हैं और यह सब संसार को आप के नांम से जाहिर करते हैं कि परमेश्वर सिवाय ऐसा कोन कर सकता हैं और बदनामी परमेश्वर के सरपे लगादी हैं सो पर यह बात संसारको साध [ अनोपदास ] महाराजने बताई हैं और जो कुछ संसार में बुरा होरहा हैं वोह हिंन्दुस्तांन के बनीयें करारहेहें और हम लोंग तो भुलेहुये-और पागलके मुवाफीक हो गये हैं परमेश्वर और जमीनमाता की पहचांन साध [ अनोपदास ] महाराजने कराई हें ..... परमेश्वर हमारी फरीयाद सुनो और बनीयों का पाप छुडाने में मदद करो क्योंकि गरीबोंका तो तारनेवाला परमेश्वर होता हैं... अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.) ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५ M. No. :- 8905653801 www.jagathitkarnioriginal.org ©JAGAT HITKARNI 274

#विचार  White जय परमेश्वर  
परमेश्वर हमारी फरियाद सुनो हिंन्दुस्तांनके बनीयोंने मेहको और मोतको सहारे करलीहै काफिर सेठ सौदागर महाजन जमीनमाताके नांमका और संसारके नांमका और ८४ लाख जीवाजुनके नांमका पाप कराते हैं और दुख देके कच्ची उमर में मारते हैं  और  तीन लोक कि बुद्धी केद कि  हैं  और  यह सब संसार को आप के नांम से जाहिर करते हैं कि परमेश्वर सिवाय ऐसा कोन कर सकता हैं और बदनामी परमेश्वर के सरपे लगादी हैं सो पर यह बात संसारको  साध [ अनोपदास ] महाराजने बताई हैं और जो कुछ संसार में बुरा होरहा हैं  वोह हिंन्दुस्तांन के बनीयें करारहेहें और  हम लोंग तो भुलेहुये-और पागलके मुवाफीक हो गये हैं परमेश्वर और जमीनमाता की पहचांन  साध [ अनोपदास ] महाराजने कराई हें .....    परमेश्वर हमारी फरीयाद सुनो और बनीयों का पाप छुडाने में मदद करो   
क्योंकि गरीबोंका तो तारनेवाला परमेश्वर होता हैं...  

अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- 
कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो 
छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७  (राज.)
ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५
M. No. :- 8905653801
www.jagathitkarnioriginal.org

©JAGAT HITKARNI 274

जय परमेश्वर परमेश्वर हमारी फरियाद सुनो हिंन्दुस्तांनके बनीयोंने मेहको और मोतको सहारे करलीहै काफिर सेठ सौदागर महाजन जमीनमाताके नांमका और सं

13 Love

बीत रहा फिर वर्ष सुनहरा,नूतन आने वाला। इसने हमको यही बताया,जीवन अच्छी शाला।। पढ़ा यहाँ पे जो भी इसमें,अनुभव उसने पाया। प्रथम सदा वह ही होता है,जो कभी न भरमाया।। आना-जाना वर्षों का तो,सुनें खेल ये बहुत पुराना। जो हम सीखे और सिखाए,इसको बस अपनाना।। ©Bharat Bhushan pathak

 बीत रहा फिर वर्ष सुनहरा,नूतन आने वाला।
इसने हमको यही बताया,जीवन अच्छी शाला।।
पढ़ा यहाँ पे जो भी इसमें,अनुभव उसने पाया।
प्रथम सदा वह ही होता है,जो कभी न भरमाया।।
आना-जाना वर्षों का तो,सुनें खेल ये बहुत पुराना।
जो हम सीखे और सिखाए,इसको बस अपनाना।।

©Bharat Bhushan pathak

सार छंद चार चरणों का अत्यंत गेय मात्रिक छंद है। प्रति चरण 28 मात्रा होती है। यति 16 और 12 मात्रा पर है। दो दो चरण तुकान्त । 16 मात्रिक पद ठ

15 Love

White भारत के किस प्रदेश की सीमाएँ तीन देशों क्रमशः नेपाल, भूटान एवं चीन से मिलती है ? (A) मेघालय (B) अरुणाचल प्रदेश (C) पश्चिम बंगाल (D) सिक्किम ©brar saab

#सीमाएँ #भारत #ਗਿਆਨ #sad_quotes #किस  White भारत के किस प्रदेश की सीमाएँ तीन देशों क्रमशः नेपाल, भूटान एवं चीन से मिलती है ?

(A) मेघालय
(B) अरुणाचल प्रदेश
(C) पश्चिम बंगाल
(D) सिक्किम

©brar saab

#sad_quotes #भारत के #किस @प्रदेश की #सीमाएँ तीन देशों क्रमशः नेपाल, भूटान एवं चीन से मिलती है ? (A) मेघालय (B) अरुणाचल प्रदेश (C) पश्चिम

12 Love

#कविता #शौर्य #SpeakOutLoud

#SpeakOutLoud #शौर्य गाथा छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर सप्रेम भेंट...*अंशिवा* द्वितीय कड़ी/कुल तीन कड़ी

180 View

White क्रोध के तीन मुख्य कारण होते हैं 1............ 2........... 3.......... क्रोध को संपूर्ण करने के तीन मुख्य तरीके होते हैं... 1............. 2............. 3.......... ©neelu

#Sad_Status #wishes  White क्रोध  के तीन मुख्य कारण होते हैं
1............
2...........
3..........
क्रोध को संपूर्ण करने के
 तीन मुख्य तरीके होते हैं...
1.............
2.............
3..........

©neelu

#Sad_Status क्रोध को संपूर्ण करने के तीन मुख्य तरीके होते हैं

16 Love

White कितनी बड़ी है ये दुनिया लेकिन तीन कदमो मे नापी जा सकती है अब क्या फर्क पड़ता है कदम छोटे है या बड़े पर दुनिया तो फ़ासलो का नाम है ©Parasram Arora

#कविता  White कितनी  बड़ी  
है ये दुनिया 
लेकिन तीन कदमो मे
नापी जा सकती है 

अब क्या फर्क पड़ता है 
कदम छोटे है या बड़े  
पर दुनिया तो  फ़ासलो का नाम है

©Parasram Arora

तीन कदम

13 Love

White जय परमेश्वर परमेश्वर हमारी फरियाद सुनो हिंन्दुस्तांनके बनीयोंने मेहको और मोतको सहारे करलीहै काफिर सेठ सौदागर महाजन जमीनमाताके नांमका और संसारके नांमका और ८४ लाख जीवाजुनके नांमका पाप कराते हैं और दुख देके कच्ची उमर में मारते हैं और तीन लोक कि बुद्धी केद कि हैं और यह सब संसार को आप के नांम से जाहिर करते हैं कि परमेश्वर सिवाय ऐसा कोन कर सकता हैं और बदनामी परमेश्वर के सरपे लगादी हैं सो पर यह बात संसारको साध [ अनोपदास ] महाराजने बताई हैं और जो कुछ संसार में बुरा होरहा हैं वोह हिंन्दुस्तांन के बनीयें करारहेहें और हम लोंग तो भुलेहुये-और पागलके मुवाफीक हो गये हैं परमेश्वर और जमीनमाता की पहचांन साध [ अनोपदास ] महाराजने कराई हें ..... परमेश्वर हमारी फरीयाद सुनो और बनीयों का पाप छुडाने में मदद करो क्योंकि गरीबोंका तो तारनेवाला परमेश्वर होता हैं... अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.) ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५ M. No. :- 8905653801 www.jagathitkarnioriginal.org ©JAGAT HITKARNI 274

#विचार  White जय परमेश्वर  
परमेश्वर हमारी फरियाद सुनो हिंन्दुस्तांनके बनीयोंने मेहको और मोतको सहारे करलीहै काफिर सेठ सौदागर महाजन जमीनमाताके नांमका और संसारके नांमका और ८४ लाख जीवाजुनके नांमका पाप कराते हैं और दुख देके कच्ची उमर में मारते हैं  और  तीन लोक कि बुद्धी केद कि  हैं  और  यह सब संसार को आप के नांम से जाहिर करते हैं कि परमेश्वर सिवाय ऐसा कोन कर सकता हैं और बदनामी परमेश्वर के सरपे लगादी हैं सो पर यह बात संसारको  साध [ अनोपदास ] महाराजने बताई हैं और जो कुछ संसार में बुरा होरहा हैं  वोह हिंन्दुस्तांन के बनीयें करारहेहें और  हम लोंग तो भुलेहुये-और पागलके मुवाफीक हो गये हैं परमेश्वर और जमीनमाता की पहचांन  साध [ अनोपदास ] महाराजने कराई हें .....    परमेश्वर हमारी फरीयाद सुनो और बनीयों का पाप छुडाने में मदद करो   
क्योंकि गरीबोंका तो तारनेवाला परमेश्वर होता हैं...  

अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- 
कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो 
छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७  (राज.)
ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५
M. No. :- 8905653801
www.jagathitkarnioriginal.org

©JAGAT HITKARNI 274

जय परमेश्वर परमेश्वर हमारी फरियाद सुनो हिंन्दुस्तांनके बनीयोंने मेहको और मोतको सहारे करलीहै काफिर सेठ सौदागर महाजन जमीनमाताके नांमका और सं

13 Love

बीत रहा फिर वर्ष सुनहरा,नूतन आने वाला। इसने हमको यही बताया,जीवन अच्छी शाला।। पढ़ा यहाँ पे जो भी इसमें,अनुभव उसने पाया। प्रथम सदा वह ही होता है,जो कभी न भरमाया।। आना-जाना वर्षों का तो,सुनें खेल ये बहुत पुराना। जो हम सीखे और सिखाए,इसको बस अपनाना।। ©Bharat Bhushan pathak

 बीत रहा फिर वर्ष सुनहरा,नूतन आने वाला।
इसने हमको यही बताया,जीवन अच्छी शाला।।
पढ़ा यहाँ पे जो भी इसमें,अनुभव उसने पाया।
प्रथम सदा वह ही होता है,जो कभी न भरमाया।।
आना-जाना वर्षों का तो,सुनें खेल ये बहुत पुराना।
जो हम सीखे और सिखाए,इसको बस अपनाना।।

©Bharat Bhushan pathak

सार छंद चार चरणों का अत्यंत गेय मात्रिक छंद है। प्रति चरण 28 मात्रा होती है। यति 16 और 12 मात्रा पर है। दो दो चरण तुकान्त । 16 मात्रिक पद ठ

15 Love

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