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White पल्लव की डायरी सर फिर से उठा चुके अधर्मी मर्यादा तब तार तार है होती तपस्या भंग सच्चाई की राक्षसों की प्रव्रत्ति सर उठा रही है माँस और सुरा सुंदरी का बढ़ा प्रचलन साधु भेष में हठधर्मिता पनपायी जा रही है असत्यता का कद बढ़ा कर त्यागी तपस्वी को मिटाने की धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है चीटी भी ना मारी हो जिसने उसे विधर्मी बताकर नींव धर्म की हिलायी जा रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #sad_quotes  White पल्लव की डायरी
सर फिर से उठा चुके अधर्मी
मर्यादा तब तार तार है
होती तपस्या भंग सच्चाई की
राक्षसों की प्रव्रत्ति सर उठा रही है
माँस और सुरा सुंदरी का बढ़ा प्रचलन
साधु भेष में हठधर्मिता पनपायी जा रही है
असत्यता का कद बढ़ा कर
त्यागी तपस्वी को मिटाने की 
धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है
चीटी भी ना मारी हो जिसने
उसे विधर्मी बताकर
नींव धर्म की हिलायी जा रही है
                                          प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#sad_quotes धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है

19 Love

आज, कल, परसों पे टलता जा रहा, साईं पल-पल दिन निकलता जा रहा, तैरने वाले गये उस पार कबके, कुछ किनारे हाथ मलता जा रहा, भूलने वाले भुला बैठे अदावत, टीसने वाले को खलता जा रहा, जम गई है बर्फ़ सी संवेदनाएं, वेदना से ग़म पिघलता जा रहा, कोई बच पाया नहीं इस काल से, समय की चक्की में दलता जा रहा, संभलकर ही कर्म करना जगत में, भाग्य बनकर बीज फलता जा रहा, ज्ञान दीपक से मिटे अंधियार 'गुंजन', हृदय में सुख-शांति पलता जा रहा, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #दिन  आज, कल, परसों पे  टलता जा रहा,
साईं पल-पल दिन निकलता जा रहा,

तैरने   वाले   गये   उस  पार   कबके,
कुछ  किनारे   हाथ  मलता   जा रहा,

भूलने   वाले   भुला    बैठे   अदावत,
टीसने   वाले   को   खलता   जा रहा,

जम   गई   है    बर्फ़   सी   संवेदनाएं,
वेदना   से    ग़म   पिघलता   जा रहा,

कोई   बच  पाया  नहीं  इस  काल से,
समय  की  चक्की में  दलता  जा रहा,

संभलकर  ही   कर्म  करना  जगत में,
भाग्य  बनकर  बीज  फलता  जा रहा,

ज्ञान दीपक  से मिटे  अंधियार 'गुंजन',
हृदय  में  सुख-शांति  पलता  जा रहा,
  ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
           प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#दिन निकलता जा रहा#

10 Love

White मुझे अंदर से खाये जा रही है... तुम्हारी याद आये जा रही है... यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY

#तुम्हारी  White मुझे अंदर से खाये जा रही है...

तुम्हारी याद आये जा रही है...



यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY

#तुम्हारी याद आये जा रही है......

18 Love

White {Bolo Ji Radhey Radhey} अच्छी व सुंदर बुद्धि से रुपये कमाए जा सकते हैं, निर्मल मन से भगवान की भक्ति की कमाई जा सकती है, लेकिन रुपयो से भक्ति व बुद्धि नहीं कमाई जा सकती। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #Sad_Status  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
अच्छी व सुंदर बुद्धि से रुपये
कमाए जा सकते हैं, निर्मल मन
से भगवान की भक्ति की कमाई
जा सकती है, लेकिन रुपयो से 
भक्ति व बुद्धि नहीं कमाई जा 
सकती। जय श्री राधेकृष्ण जी।।

©N S Yadav GoldMine

#Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} अच्छी व सुंदर बुद्धि से रुपये कमाए जा सकते हैं, निर्मल मन से भगवान की भक्ति की कमाई जा सकती है, लेकिन रु

13 Love

White मेरा दिल ग़म में डूबा जा रहा है.. तुम्हारी याद फिर से आ रही है.. यूसुफ़ आर खान..... ©F M POETRY

#मेरा  White मेरा दिल ग़म में डूबा जा रहा है..

तुम्हारी याद फिर से आ रही है..


यूसुफ़ आर खान.....

©F M POETRY

#मेरा दिल ग़म में डूबा जा रहा है...

14 Love

White क्या चल रहा जीवन में बस ये ना पूछ काटों भरे रस्तों पर चलता जा रहा हूं हसीन थे वो लम्हे जो गुजर गए अरसो पहले चन्द यादों के सहारे संभलता आ रहा हूँ ये दिल टूटने का गम अब तू मुझसे ना पूछ परिवार के लिए कोई अपना ढूंढता जा रहा हूं मै अपना हुआ और पराया भी कई दफ़ा पहले बस अब हमसफ़र की तलाश में घुमता आ रहा हूँ सोचे थे जो सारे सपने एक चेहरे के साथ मैंने अब उस चेहरे की याद को ठुकराता जा रहा हूँ तोड़ा मेरा दिल और वो सारे सपने जिसने उस दर्द को छुपाते मुस्कुराता आ रहा हूँ अब दोबारा दिल्लगी की कोई जरूरत नहीं मुझको मैं सबको अपनी दास्तां सुनाता जा रहा हूं मेरी साथी मेरी मंजिल मैंने सब पाकर देखा हकीकत मे कुछ वादे मैं अकेले गुनगुनाते आ रहा हूं... ©Bhupendra Deep

#sad_dp  White क्या चल रहा जीवन में बस ये ना पूछ
काटों भरे रस्तों पर चलता जा रहा हूं
हसीन थे वो लम्हे जो गुजर गए अरसो पहले
चन्द यादों के सहारे संभलता आ रहा हूँ

ये दिल टूटने का गम अब तू मुझसे ना पूछ
परिवार के लिए कोई अपना ढूंढता जा रहा हूं
मै अपना हुआ और पराया भी कई दफ़ा पहले
बस अब हमसफ़र की तलाश में घुमता आ रहा हूँ

सोचे थे जो सारे सपने एक चेहरे के साथ मैंने
अब उस चेहरे की याद को ठुकराता जा रहा हूँ
तोड़ा मेरा दिल और वो सारे सपने जिसने
उस दर्द को छुपाते  मुस्कुराता आ रहा हूँ

अब दोबारा दिल्लगी की कोई जरूरत नहीं मुझको
मैं सबको अपनी दास्तां सुनाता जा रहा हूं
मेरी साथी मेरी मंजिल मैंने सब पाकर देखा
 हकीकत मे कुछ वादे मैं अकेले गुनगुनाते आ रहा हूं...

©Bhupendra Deep

#sad_dp जा रहा हूँ

9 Love

White पल्लव की डायरी सर फिर से उठा चुके अधर्मी मर्यादा तब तार तार है होती तपस्या भंग सच्चाई की राक्षसों की प्रव्रत्ति सर उठा रही है माँस और सुरा सुंदरी का बढ़ा प्रचलन साधु भेष में हठधर्मिता पनपायी जा रही है असत्यता का कद बढ़ा कर त्यागी तपस्वी को मिटाने की धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है चीटी भी ना मारी हो जिसने उसे विधर्मी बताकर नींव धर्म की हिलायी जा रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #sad_quotes  White पल्लव की डायरी
सर फिर से उठा चुके अधर्मी
मर्यादा तब तार तार है
होती तपस्या भंग सच्चाई की
राक्षसों की प्रव्रत्ति सर उठा रही है
माँस और सुरा सुंदरी का बढ़ा प्रचलन
साधु भेष में हठधर्मिता पनपायी जा रही है
असत्यता का कद बढ़ा कर
त्यागी तपस्वी को मिटाने की 
धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है
चीटी भी ना मारी हो जिसने
उसे विधर्मी बताकर
नींव धर्म की हिलायी जा रही है
                                          प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#sad_quotes धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है

19 Love

आज, कल, परसों पे टलता जा रहा, साईं पल-पल दिन निकलता जा रहा, तैरने वाले गये उस पार कबके, कुछ किनारे हाथ मलता जा रहा, भूलने वाले भुला बैठे अदावत, टीसने वाले को खलता जा रहा, जम गई है बर्फ़ सी संवेदनाएं, वेदना से ग़म पिघलता जा रहा, कोई बच पाया नहीं इस काल से, समय की चक्की में दलता जा रहा, संभलकर ही कर्म करना जगत में, भाग्य बनकर बीज फलता जा रहा, ज्ञान दीपक से मिटे अंधियार 'गुंजन', हृदय में सुख-शांति पलता जा रहा, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #दिन  आज, कल, परसों पे  टलता जा रहा,
साईं पल-पल दिन निकलता जा रहा,

तैरने   वाले   गये   उस  पार   कबके,
कुछ  किनारे   हाथ  मलता   जा रहा,

भूलने   वाले   भुला    बैठे   अदावत,
टीसने   वाले   को   खलता   जा रहा,

जम   गई   है    बर्फ़   सी   संवेदनाएं,
वेदना   से    ग़म   पिघलता   जा रहा,

कोई   बच  पाया  नहीं  इस  काल से,
समय  की  चक्की में  दलता  जा रहा,

संभलकर  ही   कर्म  करना  जगत में,
भाग्य  बनकर  बीज  फलता  जा रहा,

ज्ञान दीपक  से मिटे  अंधियार 'गुंजन',
हृदय  में  सुख-शांति  पलता  जा रहा,
  ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
           प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#दिन निकलता जा रहा#

10 Love

White मुझे अंदर से खाये जा रही है... तुम्हारी याद आये जा रही है... यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY

#तुम्हारी  White मुझे अंदर से खाये जा रही है...

तुम्हारी याद आये जा रही है...



यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY

#तुम्हारी याद आये जा रही है......

18 Love

White {Bolo Ji Radhey Radhey} अच्छी व सुंदर बुद्धि से रुपये कमाए जा सकते हैं, निर्मल मन से भगवान की भक्ति की कमाई जा सकती है, लेकिन रुपयो से भक्ति व बुद्धि नहीं कमाई जा सकती। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #Sad_Status  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
अच्छी व सुंदर बुद्धि से रुपये
कमाए जा सकते हैं, निर्मल मन
से भगवान की भक्ति की कमाई
जा सकती है, लेकिन रुपयो से 
भक्ति व बुद्धि नहीं कमाई जा 
सकती। जय श्री राधेकृष्ण जी।।

©N S Yadav GoldMine

#Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} अच्छी व सुंदर बुद्धि से रुपये कमाए जा सकते हैं, निर्मल मन से भगवान की भक्ति की कमाई जा सकती है, लेकिन रु

13 Love

White मेरा दिल ग़म में डूबा जा रहा है.. तुम्हारी याद फिर से आ रही है.. यूसुफ़ आर खान..... ©F M POETRY

#मेरा  White मेरा दिल ग़म में डूबा जा रहा है..

तुम्हारी याद फिर से आ रही है..


यूसुफ़ आर खान.....

©F M POETRY

#मेरा दिल ग़म में डूबा जा रहा है...

14 Love

White क्या चल रहा जीवन में बस ये ना पूछ काटों भरे रस्तों पर चलता जा रहा हूं हसीन थे वो लम्हे जो गुजर गए अरसो पहले चन्द यादों के सहारे संभलता आ रहा हूँ ये दिल टूटने का गम अब तू मुझसे ना पूछ परिवार के लिए कोई अपना ढूंढता जा रहा हूं मै अपना हुआ और पराया भी कई दफ़ा पहले बस अब हमसफ़र की तलाश में घुमता आ रहा हूँ सोचे थे जो सारे सपने एक चेहरे के साथ मैंने अब उस चेहरे की याद को ठुकराता जा रहा हूँ तोड़ा मेरा दिल और वो सारे सपने जिसने उस दर्द को छुपाते मुस्कुराता आ रहा हूँ अब दोबारा दिल्लगी की कोई जरूरत नहीं मुझको मैं सबको अपनी दास्तां सुनाता जा रहा हूं मेरी साथी मेरी मंजिल मैंने सब पाकर देखा हकीकत मे कुछ वादे मैं अकेले गुनगुनाते आ रहा हूं... ©Bhupendra Deep

#sad_dp  White क्या चल रहा जीवन में बस ये ना पूछ
काटों भरे रस्तों पर चलता जा रहा हूं
हसीन थे वो लम्हे जो गुजर गए अरसो पहले
चन्द यादों के सहारे संभलता आ रहा हूँ

ये दिल टूटने का गम अब तू मुझसे ना पूछ
परिवार के लिए कोई अपना ढूंढता जा रहा हूं
मै अपना हुआ और पराया भी कई दफ़ा पहले
बस अब हमसफ़र की तलाश में घुमता आ रहा हूँ

सोचे थे जो सारे सपने एक चेहरे के साथ मैंने
अब उस चेहरे की याद को ठुकराता जा रहा हूँ
तोड़ा मेरा दिल और वो सारे सपने जिसने
उस दर्द को छुपाते  मुस्कुराता आ रहा हूँ

अब दोबारा दिल्लगी की कोई जरूरत नहीं मुझको
मैं सबको अपनी दास्तां सुनाता जा रहा हूं
मेरी साथी मेरी मंजिल मैंने सब पाकर देखा
 हकीकत मे कुछ वादे मैं अकेले गुनगुनाते आ रहा हूं...

©Bhupendra Deep

#sad_dp जा रहा हूँ

9 Love

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