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New ओ मेरी मोहब्बत Status, Photo, Video

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White मुलाकातें हों या गुफ़्तगू मुझे मालूम है अब मुमकिन नहीं मगर याद बस इतना ही रखना बेहद मोहब्बत की है तुम से ©हिमांशु Kulshreshtha

 White मुलाकातें हों या गुफ़्तगू 
मुझे मालूम है 
अब मुमकिन नहीं 
मगर याद 
बस इतना ही रखना 
बेहद मोहब्बत की है तुम से

©हिमांशु Kulshreshtha

मोहब्बत..

18 Love

हम वो पीढ़ी हैं, जिसने महाकुम्भ भी देखा है। तपस्वीनी इस धारा को हमने, सजते-संवारते देखा है। पतित-पावनी इस धरती पर पतितों को पावन होते देखा है। साधु सन्तों से सजी धरती को, खुद पर इतराते देखा है। नर-नारी और किन्नर को एक घाट पर बसते देखा है। अर्पण-तर्पण की भूमि पर हमने, पूर्ण समर्पण देखा है। मोह-माया में फसे जनों को भक्ति में डूबा देखा है। नेता-अभिनेताओं को भी हमने, संगम में डुबकी लगाते देखा है। हाड़ कपाती सर्दी में हमने शाही स्नान भी देखा है। संगम की नदियों को हमने, मिलकर नृत्य करते देखा है। ‘गूगल बाबा’ को भी हमने ‘महाकुंभ’ का दीवाना देखा है, ‘महाकुंभ’ के नाम पर, पुष्प वर्षा करते देखा है। 144 साल बाद आने वाले इस पर्व को हमारी पीढ़ी ने देखा है। धन्य हैं हम! जो इस भूमि,इस पीढ़ी में जन्मे, हा हमने भी, ‘जन्नत’ को धरती पर देखा है। ‘जन्नत, को धरती पर देखा है। ©ANURAG

#सबको_हक़_हैं_इससे_आजाद_होना_ज़रूरी_हैं #पीढी_दर_पीढी #महाकुंभ2025 #सबको #wishes  हम वो पीढ़ी हैं, जिसने महाकुम्भ भी देखा है।
तपस्वीनी इस धारा को हमने,
सजते-संवारते देखा है।

पतित-पावनी इस धरती पर पतितों को पावन होते देखा है।
साधु सन्तों से सजी धरती को,
खुद पर इतराते देखा है।

नर-नारी और किन्नर को एक घाट पर बसते देखा है।
अर्पण-तर्पण की भूमि पर हमने,
पूर्ण समर्पण देखा है।

मोह-माया में फसे जनों को भक्ति में डूबा देखा है।
नेता-अभिनेताओं को भी हमने,
संगम में डुबकी लगाते देखा है।

हाड़ कपाती सर्दी में हमने शाही स्नान भी देखा है।
संगम की नदियों को हमने,
मिलकर नृत्य करते देखा है।

‘गूगल बाबा’ को भी हमने ‘महाकुंभ’ का दीवाना देखा है,
‘महाकुंभ’ के नाम पर,
पुष्प वर्षा करते देखा है।

144 साल बाद आने वाले इस पर्व को हमारी पीढ़ी ने देखा है।
धन्य हैं हम!
जो इस भूमि,इस पीढ़ी में जन्मे,
हा हमने भी, ‘जन्नत’ को धरती पर देखा है।
‘जन्नत, को धरती पर देखा है।

©ANURAG

White मोहब्बत् का तो पता नही बस् लगाव् सा है। जो भी कह् को बस् बेहिसाब् सा है । ©Sunil कुजूर

#love_shayari  White मोहब्बत् का तो पता नही बस् लगाव् सा है।
जो भी कह् को बस् बेहिसाब् सा है ।

©Sunil कुजूर

#love_shayari मोहब्बत

7 Love

आख़िर ये मोहब्बत तुम्हारे लिए थी क्या? सिर्फ़ एक लम्हा, एक हसीन ख्वाब, या सिर्फ़ वक़्त का गुज़रना? क्यों थक गए क्या ? मोहब्बत मोहब्बत करते फिरते हो, कभी मोहब्बत करके देखो न जिस्म की परछाई में गोते तो खूब लगाएं है कभी इश्क़ में मर के भी देखो न क्या हुआ वो चली गई ? क्या उसे अब फ़रेबी बुलाते हो ? ©बदनाम

 आख़िर ये मोहब्बत तुम्हारे लिए थी क्या?
सिर्फ़ एक लम्हा, एक हसीन ख्वाब, या
सिर्फ़ वक़्त का गुज़रना?

क्यों थक गए क्या ?
मोहब्बत मोहब्बत करते फिरते हो,
कभी मोहब्बत करके देखो न
जिस्म की परछाई में गोते तो खूब लगाएं है
कभी इश्क़ में मर के भी देखो न
क्या हुआ वो चली गई ?
क्या उसे अब फ़रेबी बुलाते हो ?

©बदनाम

मोहब्बत

19 Love

White अपनी पलकों से करेंगे सजदा तुम्हारा आ भी जाओ कि रस्म ए मोहब्बत निभानी है ©हिमांशु Kulshreshtha

 White अपनी पलकों से
करेंगे सजदा तुम्हारा
आ भी जाओ कि
रस्म ए मोहब्बत निभानी है

©हिमांशु Kulshreshtha

मोहब्बत..

11 Love

New Year Resolutions जैसे हर साल गुज़र जाता है.. दर्द-ओ-ग़म क्यों गुज़र नहीं जाते.. यूसुफ़ आर खान. ©F M POETRY

#newyearresolutions  New Year Resolutions जैसे हर साल गुज़र जाता है..

दर्द-ओ-ग़म क्यों गुज़र नहीं जाते..

यूसुफ़ आर खान.

©F M POETRY

#newyearresolutions दर्द-ओ-ग़म....

14 Love

White मुलाकातें हों या गुफ़्तगू मुझे मालूम है अब मुमकिन नहीं मगर याद बस इतना ही रखना बेहद मोहब्बत की है तुम से ©हिमांशु Kulshreshtha

 White मुलाकातें हों या गुफ़्तगू 
मुझे मालूम है 
अब मुमकिन नहीं 
मगर याद 
बस इतना ही रखना 
बेहद मोहब्बत की है तुम से

©हिमांशु Kulshreshtha

मोहब्बत..

18 Love

हम वो पीढ़ी हैं, जिसने महाकुम्भ भी देखा है। तपस्वीनी इस धारा को हमने, सजते-संवारते देखा है। पतित-पावनी इस धरती पर पतितों को पावन होते देखा है। साधु सन्तों से सजी धरती को, खुद पर इतराते देखा है। नर-नारी और किन्नर को एक घाट पर बसते देखा है। अर्पण-तर्पण की भूमि पर हमने, पूर्ण समर्पण देखा है। मोह-माया में फसे जनों को भक्ति में डूबा देखा है। नेता-अभिनेताओं को भी हमने, संगम में डुबकी लगाते देखा है। हाड़ कपाती सर्दी में हमने शाही स्नान भी देखा है। संगम की नदियों को हमने, मिलकर नृत्य करते देखा है। ‘गूगल बाबा’ को भी हमने ‘महाकुंभ’ का दीवाना देखा है, ‘महाकुंभ’ के नाम पर, पुष्प वर्षा करते देखा है। 144 साल बाद आने वाले इस पर्व को हमारी पीढ़ी ने देखा है। धन्य हैं हम! जो इस भूमि,इस पीढ़ी में जन्मे, हा हमने भी, ‘जन्नत’ को धरती पर देखा है। ‘जन्नत, को धरती पर देखा है। ©ANURAG

#सबको_हक़_हैं_इससे_आजाद_होना_ज़रूरी_हैं #पीढी_दर_पीढी #महाकुंभ2025 #सबको #wishes  हम वो पीढ़ी हैं, जिसने महाकुम्भ भी देखा है।
तपस्वीनी इस धारा को हमने,
सजते-संवारते देखा है।

पतित-पावनी इस धरती पर पतितों को पावन होते देखा है।
साधु सन्तों से सजी धरती को,
खुद पर इतराते देखा है।

नर-नारी और किन्नर को एक घाट पर बसते देखा है।
अर्पण-तर्पण की भूमि पर हमने,
पूर्ण समर्पण देखा है।

मोह-माया में फसे जनों को भक्ति में डूबा देखा है।
नेता-अभिनेताओं को भी हमने,
संगम में डुबकी लगाते देखा है।

हाड़ कपाती सर्दी में हमने शाही स्नान भी देखा है।
संगम की नदियों को हमने,
मिलकर नृत्य करते देखा है।

‘गूगल बाबा’ को भी हमने ‘महाकुंभ’ का दीवाना देखा है,
‘महाकुंभ’ के नाम पर,
पुष्प वर्षा करते देखा है।

144 साल बाद आने वाले इस पर्व को हमारी पीढ़ी ने देखा है।
धन्य हैं हम!
जो इस भूमि,इस पीढ़ी में जन्मे,
हा हमने भी, ‘जन्नत’ को धरती पर देखा है।
‘जन्नत, को धरती पर देखा है।

©ANURAG

White मोहब्बत् का तो पता नही बस् लगाव् सा है। जो भी कह् को बस् बेहिसाब् सा है । ©Sunil कुजूर

#love_shayari  White मोहब्बत् का तो पता नही बस् लगाव् सा है।
जो भी कह् को बस् बेहिसाब् सा है ।

©Sunil कुजूर

#love_shayari मोहब्बत

7 Love

आख़िर ये मोहब्बत तुम्हारे लिए थी क्या? सिर्फ़ एक लम्हा, एक हसीन ख्वाब, या सिर्फ़ वक़्त का गुज़रना? क्यों थक गए क्या ? मोहब्बत मोहब्बत करते फिरते हो, कभी मोहब्बत करके देखो न जिस्म की परछाई में गोते तो खूब लगाएं है कभी इश्क़ में मर के भी देखो न क्या हुआ वो चली गई ? क्या उसे अब फ़रेबी बुलाते हो ? ©बदनाम

 आख़िर ये मोहब्बत तुम्हारे लिए थी क्या?
सिर्फ़ एक लम्हा, एक हसीन ख्वाब, या
सिर्फ़ वक़्त का गुज़रना?

क्यों थक गए क्या ?
मोहब्बत मोहब्बत करते फिरते हो,
कभी मोहब्बत करके देखो न
जिस्म की परछाई में गोते तो खूब लगाएं है
कभी इश्क़ में मर के भी देखो न
क्या हुआ वो चली गई ?
क्या उसे अब फ़रेबी बुलाते हो ?

©बदनाम

मोहब्बत

19 Love

White अपनी पलकों से करेंगे सजदा तुम्हारा आ भी जाओ कि रस्म ए मोहब्बत निभानी है ©हिमांशु Kulshreshtha

 White अपनी पलकों से
करेंगे सजदा तुम्हारा
आ भी जाओ कि
रस्म ए मोहब्बत निभानी है

©हिमांशु Kulshreshtha

मोहब्बत..

11 Love

New Year Resolutions जैसे हर साल गुज़र जाता है.. दर्द-ओ-ग़म क्यों गुज़र नहीं जाते.. यूसुफ़ आर खान. ©F M POETRY

#newyearresolutions  New Year Resolutions जैसे हर साल गुज़र जाता है..

दर्द-ओ-ग़म क्यों गुज़र नहीं जाते..

यूसुफ़ आर खान.

©F M POETRY

#newyearresolutions दर्द-ओ-ग़म....

14 Love

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