White पल्लव की डायरी
ज्वलंत समस्या के बादल,जब घिर जाते है
सरकारों के सरोकार जनता से हट जाते है
संसाधनों पर कुंडली मार
नॉकरशाही बैठ जाती है
हालातो के कारण जनता त्राहि त्राहि करती है
ध्यान समस्याओं से भटकाने के लिये
दंगा बलबा साम्प्रदायिक जहर उगलती है
खूब विश्व संगठन शांती शांती करता हो
यूक्रेन के विनाश में दम अमेरिका भरता हो
डॉलर की चमक बढ़ाने
खाड़ी देशों को निशाने पर लेता हो
आधुनिक हथियारों की खेप खपाने
युद्धों का संचालन खुद करता हो
मानवता वादी चेहरा,शातिराना हरकते करता हो
विश्वशांति का तमगा लेकर,कितने राष्ट्रों को निगलता है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here