संग पार्वती, शक्ति की पहचान,
तप का प्रताप और प्रेम का श्रृंगार,
उनके मिलन का है दिव्य आधार।
वैराग्य में बसा अनंत का प्रकाश,
शिव का धैर्य और पार्वती का विश्वास।
प्रकृति और पुरुष का यह अनूठा मेल।
जो करते ध्यान, उन्हें मिलती राह,
शिव-पार्वती बनें हर जीवन की चाह।
शिव की जटाओं से जीवन की धारा,
पार्वती की ममता से सजी है धरा।
जो इनके भजन में मग्न हो जाए,
वो सांसारिक बंधन से मुक्त हो जाए।
अमर यह युगल, जग के पालनहार,
इनके चरणों में झुके हर संसार।
शिव का वैराग्य और शक्ति का रूप,
भक्तों के संकट में देते संपूर्ण छूप।
©नवनीत ठाकुर
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