White लो गुज़र गया ये वर्ष भी,
अब लोट के न आएगा।
इसका हर लम्हा किस्सा बन गया,
जो अगले वर्ष में सताएगा,
कुछ खामियां संग गुजर गया।
कुछ गलतियां सुधार जाएगा,
कहीं कहीं बहुत रुलाया है।
जिसे खोया है इस वर्ष,
उसका एक इतिहास बना जाएगा।
उम्मीदों की किरण जगी फिर से,
2024 नव वर्ष आगमन पर मिट जायेगा।
यादें जुड़ गई एक किताब की तरह,
जो कोई भूला न पाएगा ।
खुशी संग, थोड़ा सा गम भूलकर,
हर कोई नव उल्लास मनाएगा।
यादों की पोटली देकर चला गया,
अब लोट के न आयेगा।
किसी को बांट गया खुशियां,
किसी को हर गम में याद आयेगा।
नई भोर में जब पलके खुलेगी,
तब तक ये विदा हो जायेगा।
अलविदा 2024🤝
©आधुनिक कवयित्री
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