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New दुखियों का करम फरमा Status, Photo, Video

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White हाँ परेशान तो रहता हुँ मैं.. फिर भी कहता हुँ करम है तेरा.. यूसुफ आर खान... ©F M POETRY

#करम  White हाँ परेशान तो रहता हुँ मैं..

फिर भी कहता हुँ करम है तेरा..


यूसुफ आर खान...

©F M POETRY

#करम है तेरा..

17 Love

#SAD

👍🌱करम पर्व में नाचते हुए Ladies Dance😎

144 View

#शायरी #sad_shayari  White दिल को भी करार आ जाए तो फिर 
तू जाए बहार आ जाए तो फिर 

तू मुझे छोड़े देख पैदल चलता 
मेरे पास कार  आ जाए तो फिर 

तेरा होके मैं  हकीम हो जाऊं 
कोई बीमार आ जाए तो फिर 

आशिकी में नाम तेरा छप  जाए 
घर पे अखबार आ जाए तो फिर 

यह परचम रख कर करार कर लें 
अपनी सरकार आ जाए तो फिर 

यह वस्ल में खेलने वाले लड़के  
किस्मत में छिनाल आ जाए तो फिर 

मेरे मरने की दुआ ना कर निर्भय 
मुझसे कोई दरकार आ जाए तो फिर

©निर्भय चौहान
#शायरी

मशहूर @@_hardik Mahajan Pyare ji Yash Mehta अmit कोठारी "राही" करम गोरखपुरिया

135 View

#मोटिवेशनल

शिकायत Dheeraj Bakshi करम गोरखपुरिया Yash Mehta @Gautam @Kumar Shaurya मोटिवेशनल कोट्स

144 View

White जिंदगी के सफर में भला आदमी, दोष का बोझ सर पे उठाता रहा। मसखरी हो गई दर्द का फलसफा, उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।। उसने साथी चुने रूठने वाले सब उसने तारे चुने टूटने वाले सब। उसने चाहा जो कम है वो ज्यादा बने। राजा रानी बने न कि प्यादा बने। बस यही सोच कर आगे बढ़ता रहा, बस यही सोच खुद को घटाता रहा। जिंदगी के सफर में भला आदमी, दोष का बोझ सर पे उठाता रहा। मसखरी हो गई दर्द का फलसफा, उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।। एक जमाना लगा भूलने में उसे, याद जिसको जमाने से छुप के किया। आज नाकारा नामर्द सुनना पड़ा, रात दिन जो बुलाती थी मेरे पिया। दौलतों के अंधेरे ये घर खा गए, देहरी पे दिया वो जलाता रहा। जिंदगी के सफर में भला आदमी, दोष का बोझ सर पे उठाता रहा। मसखरी हो गई दर्द का फलसफा, उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।। एक माली के आंगन के दो फूल थे, फूल दोनों बहुत उसको मकबूल थे। एक कांटा भी उस बाग में था पला। फूल का चाहता रात दिन था भला।। चार कांधों का था बोझ पर बाबला, खुद को तन्हा ही कांधा लगाता रहा। जिंदगी के सफर में भला आदमी, दोष का बोझ सर पे उठाता रहा। मसखरी हो गई दर्द का फलसफा, उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।। निर्भय चौहान(निरपुरिया) ©निर्भय चौहान

#कविता #sad_shayari  White जिंदगी के सफर में भला आदमी,
दोष का बोझ सर पे उठाता रहा।
मसखरी हो गई दर्द का फलसफा,
उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।।

उसने साथी चुने रूठने वाले सब
उसने तारे चुने टूटने वाले सब।
उसने चाहा जो कम है वो ज्यादा बने।
राजा रानी बने न कि प्यादा बने।
बस यही सोच कर आगे बढ़ता रहा,
बस यही सोच खुद को घटाता रहा।

जिंदगी के सफर में भला आदमी,
दोष का बोझ सर पे उठाता रहा।
मसखरी हो गई दर्द का फलसफा,
उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।।

एक जमाना लगा भूलने में उसे,
याद जिसको जमाने से छुप के किया।
आज नाकारा नामर्द सुनना पड़ा,
रात दिन जो बुलाती थी मेरे पिया।
दौलतों के अंधेरे ये घर खा गए,
देहरी पे दिया वो जलाता रहा।

जिंदगी के सफर में भला आदमी,
दोष का बोझ सर पे उठाता रहा।
मसखरी हो गई दर्द का फलसफा,
उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।।

एक माली के आंगन के दो फूल थे,
फूल दोनों बहुत उसको मकबूल थे।
एक कांटा भी उस बाग में था पला।
फूल का चाहता रात दिन था भला।।

चार कांधों का था बोझ पर बाबला,
खुद को तन्हा ही कांधा लगाता रहा।

जिंदगी के सफर में भला आदमी,
दोष का बोझ सर पे उठाता रहा।
मसखरी हो गई दर्द का फलसफा,
उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।।

निर्भय चौहान(निरपुरिया)

©निर्भय चौहान

#sad_shayari @Vishalkumar "Vishal" @Kumar Shaurya करम गोरखपुरिया @Nazar @Madhusudan Shrivastava

13 Love

White हाँ परेशान तो रहता हुँ मैं.. फिर भी कहता हुँ करम है तेरा.. यूसुफ आर खान... ©F M POETRY

#करम  White हाँ परेशान तो रहता हुँ मैं..

फिर भी कहता हुँ करम है तेरा..


यूसुफ आर खान...

©F M POETRY

#करम है तेरा..

17 Love

#SAD

👍🌱करम पर्व में नाचते हुए Ladies Dance😎

144 View

#शायरी #sad_shayari  White दिल को भी करार आ जाए तो फिर 
तू जाए बहार आ जाए तो फिर 

तू मुझे छोड़े देख पैदल चलता 
मेरे पास कार  आ जाए तो फिर 

तेरा होके मैं  हकीम हो जाऊं 
कोई बीमार आ जाए तो फिर 

आशिकी में नाम तेरा छप  जाए 
घर पे अखबार आ जाए तो फिर 

यह परचम रख कर करार कर लें 
अपनी सरकार आ जाए तो फिर 

यह वस्ल में खेलने वाले लड़के  
किस्मत में छिनाल आ जाए तो फिर 

मेरे मरने की दुआ ना कर निर्भय 
मुझसे कोई दरकार आ जाए तो फिर

©निर्भय चौहान
#शायरी

मशहूर @@_hardik Mahajan Pyare ji Yash Mehta अmit कोठारी "राही" करम गोरखपुरिया

135 View

#मोटिवेशनल

शिकायत Dheeraj Bakshi करम गोरखपुरिया Yash Mehta @Gautam @Kumar Shaurya मोटिवेशनल कोट्स

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White जिंदगी के सफर में भला आदमी, दोष का बोझ सर पे उठाता रहा। मसखरी हो गई दर्द का फलसफा, उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।। उसने साथी चुने रूठने वाले सब उसने तारे चुने टूटने वाले सब। उसने चाहा जो कम है वो ज्यादा बने। राजा रानी बने न कि प्यादा बने। बस यही सोच कर आगे बढ़ता रहा, बस यही सोच खुद को घटाता रहा। जिंदगी के सफर में भला आदमी, दोष का बोझ सर पे उठाता रहा। मसखरी हो गई दर्द का फलसफा, उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।। एक जमाना लगा भूलने में उसे, याद जिसको जमाने से छुप के किया। आज नाकारा नामर्द सुनना पड़ा, रात दिन जो बुलाती थी मेरे पिया। दौलतों के अंधेरे ये घर खा गए, देहरी पे दिया वो जलाता रहा। जिंदगी के सफर में भला आदमी, दोष का बोझ सर पे उठाता रहा। मसखरी हो गई दर्द का फलसफा, उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।। एक माली के आंगन के दो फूल थे, फूल दोनों बहुत उसको मकबूल थे। एक कांटा भी उस बाग में था पला। फूल का चाहता रात दिन था भला।। चार कांधों का था बोझ पर बाबला, खुद को तन्हा ही कांधा लगाता रहा। जिंदगी के सफर में भला आदमी, दोष का बोझ सर पे उठाता रहा। मसखरी हो गई दर्द का फलसफा, उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।। निर्भय चौहान(निरपुरिया) ©निर्भय चौहान

#कविता #sad_shayari  White जिंदगी के सफर में भला आदमी,
दोष का बोझ सर पे उठाता रहा।
मसखरी हो गई दर्द का फलसफा,
उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।।

उसने साथी चुने रूठने वाले सब
उसने तारे चुने टूटने वाले सब।
उसने चाहा जो कम है वो ज्यादा बने।
राजा रानी बने न कि प्यादा बने।
बस यही सोच कर आगे बढ़ता रहा,
बस यही सोच खुद को घटाता रहा।

जिंदगी के सफर में भला आदमी,
दोष का बोझ सर पे उठाता रहा।
मसखरी हो गई दर्द का फलसफा,
उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।।

एक जमाना लगा भूलने में उसे,
याद जिसको जमाने से छुप के किया।
आज नाकारा नामर्द सुनना पड़ा,
रात दिन जो बुलाती थी मेरे पिया।
दौलतों के अंधेरे ये घर खा गए,
देहरी पे दिया वो जलाता रहा।

जिंदगी के सफर में भला आदमी,
दोष का बोझ सर पे उठाता रहा।
मसखरी हो गई दर्द का फलसफा,
उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।।

एक माली के आंगन के दो फूल थे,
फूल दोनों बहुत उसको मकबूल थे।
एक कांटा भी उस बाग में था पला।
फूल का चाहता रात दिन था भला।।

चार कांधों का था बोझ पर बाबला,
खुद को तन्हा ही कांधा लगाता रहा।

जिंदगी के सफर में भला आदमी,
दोष का बोझ सर पे उठाता रहा।
मसखरी हो गई दर्द का फलसफा,
उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।।

निर्भय चौहान(निरपुरिया)

©निर्भय चौहान

#sad_shayari @Vishalkumar "Vishal" @Kumar Shaurya करम गोरखपुरिया @Nazar @Madhusudan Shrivastava

13 Love

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