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New इज्जत का पर्यायवाची Status, Photo, Video

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Unsplash आज कल तन से तन का स्पर्श जानते हैं और चाहते हैं मन से मन का कोई मतलब नहीं, प्यार की परिभाषा बदल गई अब,प्यार को तोला जाता हैं धन से, status से, लक्मी कैसे भी कहाँ से भी आई हो इम्पोर्टेन्ट हैं, इज्जत भले जाए, शर्म तो पहली बार आई होंगी रिश्वत खाने मे और कपड़े उतारने मे उसके बाद कोई शर्म नहीं, एक नहीं कर रहा सब कर रहे ये excuse हैं ना बोलने को, ये हैं आज के समाज का आइना....... ©puja udeshi

#इज्जत #Motivational #पैसा #pujaudeshi #lovelife  Unsplash आज कल तन से तन का स्पर्श जानते हैं 
और चाहते हैं मन से मन का कोई मतलब 
नहीं, प्यार की परिभाषा बदल गई अब,प्यार 
को तोला जाता हैं धन से, status से, लक्मी 
कैसे भी कहाँ से भी आई हो इम्पोर्टेन्ट हैं, 
इज्जत भले जाए, शर्म तो पहली बार आई 
होंगी रिश्वत खाने मे और कपड़े उतारने मे 
उसके बाद कोई शर्म नहीं, एक नहीं कर रहा 
सब कर रहे ये excuse हैं ना बोलने को, ये 
हैं आज के समाज का आइना.......

©puja udeshi

आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain

#विचार  आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है 
भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है
 अपनी सुख सुविधाओं के लिए....
फिर स्वयं विवश होती है
 अपने दुःख और दुविधाओं से...!!

©Anjali Jain

आज का विचार 08.12.24 आज का विचार

17 Love

कठिन उद्यमों से,मैंने जीवन की माटी ,सींची हैं तकदीरों के मस्तक पर मेहनत की ,रेखा खींची हैं जब जब घाव लगा हैं बढ़ने थोड़ी आंखें भींची हैं अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी ये दुनिया,कांच सरीखी हैं दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं रही धरा पर वास किए सभी कंटकों से जूझी स्वयं विजयश्री की हासिल नहीं कोई इक भी अखियां मेरे घावों पर भीगी हैं कठिन उद्यमों से,मैने जीवन की माटी,सींची हैं ©ashita pandey बेबाक़

#विचार #sad_quotes  कठिन उद्यमों से,मैंने
जीवन की माटी ,सींची हैं 
तकदीरों के मस्तक पर 
मेहनत की ,रेखा खींची हैं
जब जब घाव लगा हैं बढ़ने
थोड़ी आंखें भींची हैं 
अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी
ये दुनिया,कांच सरीखी हैं
दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं 
रही धरा पर वास किए
सभी कंटकों से जूझी
स्वयं विजयश्री की हासिल
नहीं कोई इक भी अखियां
मेरे घावों पर भीगी हैं
कठिन उद्यमों से,मैने
जीवन की माटी,सींची हैं

©ashita pandey  बेबाक़

#sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार

15 Love

#विचार

आज का विचार

126 View

कहते हैं किसी के घर रोजाना जाने से इज्जत घटती है मगर भगवान के घर मंदिर जाने से इज्जत बढ़ती है ©Dinesh Sharma Jind Haryana

#इज्जत #भक्ति  कहते हैं किसी के घर रोजाना जाने से इज्जत घटती है 
मगर भगवान के घर मंदिर जाने से इज्जत बढ़ती है

©Dinesh Sharma Jind Haryana

वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।‌। ©Dev

#शायरी  वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।‌।

©Dev

दिल का अहसास

14 Love

Unsplash आज कल तन से तन का स्पर्श जानते हैं और चाहते हैं मन से मन का कोई मतलब नहीं, प्यार की परिभाषा बदल गई अब,प्यार को तोला जाता हैं धन से, status से, लक्मी कैसे भी कहाँ से भी आई हो इम्पोर्टेन्ट हैं, इज्जत भले जाए, शर्म तो पहली बार आई होंगी रिश्वत खाने मे और कपड़े उतारने मे उसके बाद कोई शर्म नहीं, एक नहीं कर रहा सब कर रहे ये excuse हैं ना बोलने को, ये हैं आज के समाज का आइना....... ©puja udeshi

#इज्जत #Motivational #पैसा #pujaudeshi #lovelife  Unsplash आज कल तन से तन का स्पर्श जानते हैं 
और चाहते हैं मन से मन का कोई मतलब 
नहीं, प्यार की परिभाषा बदल गई अब,प्यार 
को तोला जाता हैं धन से, status से, लक्मी 
कैसे भी कहाँ से भी आई हो इम्पोर्टेन्ट हैं, 
इज्जत भले जाए, शर्म तो पहली बार आई 
होंगी रिश्वत खाने मे और कपड़े उतारने मे 
उसके बाद कोई शर्म नहीं, एक नहीं कर रहा 
सब कर रहे ये excuse हैं ना बोलने को, ये 
हैं आज के समाज का आइना.......

©puja udeshi

आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain

#विचार  आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है 
भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है
 अपनी सुख सुविधाओं के लिए....
फिर स्वयं विवश होती है
 अपने दुःख और दुविधाओं से...!!

©Anjali Jain

आज का विचार 08.12.24 आज का विचार

17 Love

कठिन उद्यमों से,मैंने जीवन की माटी ,सींची हैं तकदीरों के मस्तक पर मेहनत की ,रेखा खींची हैं जब जब घाव लगा हैं बढ़ने थोड़ी आंखें भींची हैं अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी ये दुनिया,कांच सरीखी हैं दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं रही धरा पर वास किए सभी कंटकों से जूझी स्वयं विजयश्री की हासिल नहीं कोई इक भी अखियां मेरे घावों पर भीगी हैं कठिन उद्यमों से,मैने जीवन की माटी,सींची हैं ©ashita pandey बेबाक़

#विचार #sad_quotes  कठिन उद्यमों से,मैंने
जीवन की माटी ,सींची हैं 
तकदीरों के मस्तक पर 
मेहनत की ,रेखा खींची हैं
जब जब घाव लगा हैं बढ़ने
थोड़ी आंखें भींची हैं 
अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी
ये दुनिया,कांच सरीखी हैं
दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं 
रही धरा पर वास किए
सभी कंटकों से जूझी
स्वयं विजयश्री की हासिल
नहीं कोई इक भी अखियां
मेरे घावों पर भीगी हैं
कठिन उद्यमों से,मैने
जीवन की माटी,सींची हैं

©ashita pandey  बेबाक़

#sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार

15 Love

#विचार

आज का विचार

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कहते हैं किसी के घर रोजाना जाने से इज्जत घटती है मगर भगवान के घर मंदिर जाने से इज्जत बढ़ती है ©Dinesh Sharma Jind Haryana

#इज्जत #भक्ति  कहते हैं किसी के घर रोजाना जाने से इज्जत घटती है 
मगर भगवान के घर मंदिर जाने से इज्जत बढ़ती है

©Dinesh Sharma Jind Haryana

वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।‌। ©Dev

#शायरी  वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।‌।

©Dev

दिल का अहसास

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