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New धडकता है सिटी बजा ये Status, Photo, Video

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जिसे कोई छू न पाया, उसी आकाश को नीले और सफेद के संग रंग डाला, ये कौन चित्रकार है।। कांटों को हर फूल के संग बगिया में जिसने बसाया, वो किसका विचार है।। मछलियों को जिसने गहरे सागर में खेलना सिखाया, हर लहर में जीने का नया अंदाज़ दिखाया, ये किसका चमत्कार है।। जमीन को काट कर जिसने पहाड़ों को ऊंचा बनाया, ये कैसा अद्भुत शिल्पकार है।। नदी छल-छल कर कानों में संगीत जो सुनाए, हर बहाव में छुपा कोई तो अनदेखा गीतकार है।। चांद जो रात भर सबको अपनी निगरानी में रखता, खामोश रात का वो मौन पहरेदार है।। अनगिनत तारे भी दिन में आने की हिम्मत नहीं कर पाते, सूरज को अकेले जिसने आकाश में जलना सिखाया, वो ही तो प्रकृति का महान आधार है।। वो अदृश्य है, पर हर जगह है रचा-बसा, हर सांस में, हर धड़कन में उसी का उपकार है।। कुदरत के हर कण , हर रंग, हर रूप में बस उसी का अधिकार है।। ©Navneet Thakur

#कविता #ये  जिसे कोई छू न पाया, उसी आकाश को
नीले और सफेद के संग रंग डाला, 
ये कौन चित्रकार है।।
कांटों को हर फूल के संग बगिया में जिसने बसाया,
 वो किसका विचार है।।
मछलियों को जिसने गहरे सागर में खेलना सिखाया,
हर लहर में जीने का नया अंदाज़ दिखाया, 
ये किसका चमत्कार है।।
जमीन को काट कर जिसने पहाड़ों को ऊंचा बनाया,
ये कैसा अद्भुत शिल्पकार है।।
नदी छल-छल कर कानों में संगीत जो सुनाए,
हर बहाव में छुपा कोई तो अनदेखा गीतकार है।।
चांद जो रात भर सबको अपनी निगरानी में रखता,
खामोश रात का वो  मौन पहरेदार है।।
अनगिनत तारे भी दिन में आने की हिम्मत नहीं कर पाते,
सूरज को अकेले जिसने आकाश में जलना सिखाया,
वो ही तो प्रकृति का महान आधार है।।
वो अदृश्य है, पर हर जगह है रचा-बसा,
हर सांस में, हर धड़कन में उसी का उपकार है।।
कुदरत के हर कण ,
हर रंग, हर रूप में बस उसी का अधिकार है।।

©Navneet Thakur

#ये कौन चित्रकार है हिंदी कविता

15 Love

White पल्लव की डायरी मानवतावाद की सोच लिये क्रियाकलाप भारत मे पनपे है त्योहारों और परम्पराओ की घुट्टी पिलाकर सर्वोदयी के भाव से पालन पोषण के गरीबो तक संसाधन कमाने के पहुँचे है धन तेरस को कुछ खरीदी करना जुगाड़ गरीबो की खुशियों की करता है वैश्विक भारत की आत्मनिर्भरता ही जग को आकर्षित करता है धन नही ये धन्यतेरस है समाजवाद की सम्रगता को विकसित करता है ©Praveen Jain "पल्लव"

#nojotohindipoetry #कविता #Dhanteras  White पल्लव की डायरी
मानवतावाद की सोच लिये
क्रियाकलाप भारत मे पनपे है
त्योहारों और परम्पराओ की घुट्टी पिलाकर
सर्वोदयी के भाव से पालन पोषण के
गरीबो तक संसाधन कमाने के पहुँचे है
धन तेरस को कुछ खरीदी करना
जुगाड़ गरीबो की खुशियों की करता है
वैश्विक भारत की आत्मनिर्भरता ही
जग को आकर्षित करता है
धन नही ये धन्यतेरस है
समाजवाद की सम्रगता को विकसित करता है

©Praveen Jain "पल्लव"

#Dhanteras धन नही ये धन्यतेरस है #nojotohindipoetry

20 Love

नई-नई आंखें हो तो हर मंजर अच्छा लगता है कुछ दिन शहर में भूमे लेकिन अब घर अच्छा लगता है मिलने-जुलने वालों में तो सब ही अपने जैसे हैं जिस से अब तक मिले नहीं वो अक्सर ही अच्छा लगता है हम ने भी सो कर देखा है नए पुराने शहरों में जैसा भी है पर अपने घर का बिस्तर अच्छा लगता है ©dixit_love_

#जीमादारी #सिटी #घर #sadak  नई-नई आंखें हो तो हर मंजर अच्छा लगता है
कुछ दिन शहर में भूमे लेकिन अब घर अच्छा लगता है



मिलने-जुलने वालों में तो सब ही अपने जैसे हैं
जिस से अब तक मिले नहीं वो अक्सर ही अच्छा लगता है



हम ने भी सो कर देखा है नए पुराने शहरों में
जैसा भी है पर अपने घर का बिस्तर अच्छा लगता है

©dixit_love_
#Country #Videos

ये प्यास है बड़ी #Love #Country

108 View

 White जो बिछड़े हो तुम
जल्दबाजी में मुझसे

ज़रा सोचते जो तुम
रूठ भी तो सकते थे...

हर रास्ते को मोड़कर
हर वास्ता तक तोड़ लिया

शिकायत जो थी मुझसे
तुम बोल भी तो सकते थे....

अपनी कही, न मेरी सुनी
हर बात पर जैसे अनबनी

गिरहें दिल की जो थी
कभी खोल भी तो सकते थे...

©Ajay Bhan Patel

उसको मुझसे ये शिकायत है

144 View

#ये  किसी ने पूछा सिगरेट क्यों पीते हो,
क्या ये प्यास बुझाती है?
मैंने कहा, नहीं दिल में एक बेवफा की तस्वीर बसी है,
ये धीरे-धीरे उसे जलाती है।

©Vic@tory

#ये धीरे-धीरे उसे जलाती है।

117 View

जिसे कोई छू न पाया, उसी आकाश को नीले और सफेद के संग रंग डाला, ये कौन चित्रकार है।। कांटों को हर फूल के संग बगिया में जिसने बसाया, वो किसका विचार है।। मछलियों को जिसने गहरे सागर में खेलना सिखाया, हर लहर में जीने का नया अंदाज़ दिखाया, ये किसका चमत्कार है।। जमीन को काट कर जिसने पहाड़ों को ऊंचा बनाया, ये कैसा अद्भुत शिल्पकार है।। नदी छल-छल कर कानों में संगीत जो सुनाए, हर बहाव में छुपा कोई तो अनदेखा गीतकार है।। चांद जो रात भर सबको अपनी निगरानी में रखता, खामोश रात का वो मौन पहरेदार है।। अनगिनत तारे भी दिन में आने की हिम्मत नहीं कर पाते, सूरज को अकेले जिसने आकाश में जलना सिखाया, वो ही तो प्रकृति का महान आधार है।। वो अदृश्य है, पर हर जगह है रचा-बसा, हर सांस में, हर धड़कन में उसी का उपकार है।। कुदरत के हर कण , हर रंग, हर रूप में बस उसी का अधिकार है।। ©Navneet Thakur

#कविता #ये  जिसे कोई छू न पाया, उसी आकाश को
नीले और सफेद के संग रंग डाला, 
ये कौन चित्रकार है।।
कांटों को हर फूल के संग बगिया में जिसने बसाया,
 वो किसका विचार है।।
मछलियों को जिसने गहरे सागर में खेलना सिखाया,
हर लहर में जीने का नया अंदाज़ दिखाया, 
ये किसका चमत्कार है।।
जमीन को काट कर जिसने पहाड़ों को ऊंचा बनाया,
ये कैसा अद्भुत शिल्पकार है।।
नदी छल-छल कर कानों में संगीत जो सुनाए,
हर बहाव में छुपा कोई तो अनदेखा गीतकार है।।
चांद जो रात भर सबको अपनी निगरानी में रखता,
खामोश रात का वो  मौन पहरेदार है।।
अनगिनत तारे भी दिन में आने की हिम्मत नहीं कर पाते,
सूरज को अकेले जिसने आकाश में जलना सिखाया,
वो ही तो प्रकृति का महान आधार है।।
वो अदृश्य है, पर हर जगह है रचा-बसा,
हर सांस में, हर धड़कन में उसी का उपकार है।।
कुदरत के हर कण ,
हर रंग, हर रूप में बस उसी का अधिकार है।।

©Navneet Thakur

#ये कौन चित्रकार है हिंदी कविता

15 Love

White पल्लव की डायरी मानवतावाद की सोच लिये क्रियाकलाप भारत मे पनपे है त्योहारों और परम्पराओ की घुट्टी पिलाकर सर्वोदयी के भाव से पालन पोषण के गरीबो तक संसाधन कमाने के पहुँचे है धन तेरस को कुछ खरीदी करना जुगाड़ गरीबो की खुशियों की करता है वैश्विक भारत की आत्मनिर्भरता ही जग को आकर्षित करता है धन नही ये धन्यतेरस है समाजवाद की सम्रगता को विकसित करता है ©Praveen Jain "पल्लव"

#nojotohindipoetry #कविता #Dhanteras  White पल्लव की डायरी
मानवतावाद की सोच लिये
क्रियाकलाप भारत मे पनपे है
त्योहारों और परम्पराओ की घुट्टी पिलाकर
सर्वोदयी के भाव से पालन पोषण के
गरीबो तक संसाधन कमाने के पहुँचे है
धन तेरस को कुछ खरीदी करना
जुगाड़ गरीबो की खुशियों की करता है
वैश्विक भारत की आत्मनिर्भरता ही
जग को आकर्षित करता है
धन नही ये धन्यतेरस है
समाजवाद की सम्रगता को विकसित करता है

©Praveen Jain "पल्लव"

#Dhanteras धन नही ये धन्यतेरस है #nojotohindipoetry

20 Love

नई-नई आंखें हो तो हर मंजर अच्छा लगता है कुछ दिन शहर में भूमे लेकिन अब घर अच्छा लगता है मिलने-जुलने वालों में तो सब ही अपने जैसे हैं जिस से अब तक मिले नहीं वो अक्सर ही अच्छा लगता है हम ने भी सो कर देखा है नए पुराने शहरों में जैसा भी है पर अपने घर का बिस्तर अच्छा लगता है ©dixit_love_

#जीमादारी #सिटी #घर #sadak  नई-नई आंखें हो तो हर मंजर अच्छा लगता है
कुछ दिन शहर में भूमे लेकिन अब घर अच्छा लगता है



मिलने-जुलने वालों में तो सब ही अपने जैसे हैं
जिस से अब तक मिले नहीं वो अक्सर ही अच्छा लगता है



हम ने भी सो कर देखा है नए पुराने शहरों में
जैसा भी है पर अपने घर का बिस्तर अच्छा लगता है

©dixit_love_
#Country #Videos

ये प्यास है बड़ी #Love #Country

108 View

 White जो बिछड़े हो तुम
जल्दबाजी में मुझसे

ज़रा सोचते जो तुम
रूठ भी तो सकते थे...

हर रास्ते को मोड़कर
हर वास्ता तक तोड़ लिया

शिकायत जो थी मुझसे
तुम बोल भी तो सकते थे....

अपनी कही, न मेरी सुनी
हर बात पर जैसे अनबनी

गिरहें दिल की जो थी
कभी खोल भी तो सकते थे...

©Ajay Bhan Patel

उसको मुझसे ये शिकायत है

144 View

#ये  किसी ने पूछा सिगरेट क्यों पीते हो,
क्या ये प्यास बुझाती है?
मैंने कहा, नहीं दिल में एक बेवफा की तस्वीर बसी है,
ये धीरे-धीरे उसे जलाती है।

©Vic@tory

#ये धीरे-धीरे उसे जलाती है।

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