White पल्लव की डायरी मानवतावाद की सोच लिये क्रियाक | हिंदी कविता

"White पल्लव की डायरी मानवतावाद की सोच लिये क्रियाकलाप भारत मे पनपे है त्योहारों और परम्पराओ की घुट्टी पिलाकर सर्वोदयी के भाव से पालन पोषण के गरीबो तक संसाधन कमाने के पहुँचे है धन तेरस को कुछ खरीदी करना जुगाड़ गरीबो की खुशियों की करता है वैश्विक भारत की आत्मनिर्भरता ही जग को आकर्षित करता है धन नही ये धन्यतेरस है समाजवाद की सम्रगता को विकसित करता है ©Praveen Jain "पल्लव""

 White पल्लव की डायरी
मानवतावाद की सोच लिये
क्रियाकलाप भारत मे पनपे है
त्योहारों और परम्पराओ की घुट्टी पिलाकर
सर्वोदयी के भाव से पालन पोषण के
गरीबो तक संसाधन कमाने के पहुँचे है
धन तेरस को कुछ खरीदी करना
जुगाड़ गरीबो की खुशियों की करता है
वैश्विक भारत की आत्मनिर्भरता ही
जग को आकर्षित करता है
धन नही ये धन्यतेरस है
समाजवाद की सम्रगता को विकसित करता है

©Praveen Jain "पल्लव"

White पल्लव की डायरी मानवतावाद की सोच लिये क्रियाकलाप भारत मे पनपे है त्योहारों और परम्पराओ की घुट्टी पिलाकर सर्वोदयी के भाव से पालन पोषण के गरीबो तक संसाधन कमाने के पहुँचे है धन तेरस को कुछ खरीदी करना जुगाड़ गरीबो की खुशियों की करता है वैश्विक भारत की आत्मनिर्भरता ही जग को आकर्षित करता है धन नही ये धन्यतेरस है समाजवाद की सम्रगता को विकसित करता है ©Praveen Jain "पल्लव"

#Dhanteras धन नही ये धन्यतेरस है
#nojotohindipoetry

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