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Unsplash बदल जाते हैं नज़ारे, बदलने वाले चाहिए, झुकता है आसमान, झुकाने वाला चाहिए, जिद्द आगे बढ़ने की है, कोशिश करने वाला चाहिए, जीत तो तुम्हारी होगी ही, मेहनत करने वाला होना चाहिए। ©Anukaran

#बदल #Quotes  Unsplash बदल जाते हैं नज़ारे, बदलने वाले चाहिए,
झुकता है आसमान, झुकाने वाला चाहिए,
जिद्द आगे बढ़ने की है, कोशिश करने वाला चाहिए,
जीत तो तुम्हारी होगी ही, मेहनत करने वाला होना चाहिए।

©Anukaran

#बदल जाते हैं नज़ारे, बदलने वाले चाहिए, झुकता है आसमान, झुकाने वाला चाहिए, जिद्द आगे बढ़ने की, कोशिश करने वाला चाहिए, जीत तो तुम्हारी होगी ही,

10 Love

आँधियों ने भी कई बार राह रोकनी चाही, पर मेरे हौसले ने हर दिवार तोड़ दी। दुनिया ने पूछा कैसे जीते हो हर जंग, मैंने कहा, खुद से हारने की बात छोड़ दी। जो गिरते हैं, वही उड़ना सीखते हैं, जो जलते हैं, वही सूरज बनते हैं। मुझे गिराने की साज़िश हर तूफ़ान ने की, पर मैं हर बार और मज़बूत होकर उठता हूँ। मंज़िलों ने कहा, तुमने हम तक पहुँचने का हक़ पाया, रास्तों ने कहा, तुम्हारे जज़्बे ने हमें झुकाया। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  आँधियों ने भी कई बार राह रोकनी चाही,
पर मेरे हौसले ने हर दिवार तोड़ दी।

दुनिया ने पूछा कैसे जीते हो हर जंग,
मैंने कहा, खुद से हारने की बात छोड़ दी।

जो गिरते हैं, वही उड़ना सीखते हैं,
जो जलते हैं, वही सूरज बनते हैं।

मुझे गिराने की साज़िश हर तूफ़ान ने की,
पर मैं हर बार और मज़बूत होकर उठता हूँ।

मंज़िलों ने कहा, तुमने हम तक पहुँचने का हक़ पाया,
रास्तों ने कहा, तुम्हारे जज़्बे ने हमें झुकाया।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर आँधियों ने भी कई बार राह रोकनी चाही, पर मेरे हौसले ने हर दिवार तोड़ दी। दुनिया ने पूछा कैसे जीते हो हर जंग, मैंने कहा, खुद से

10 Love

सिर झुका कर मोहतरमा की सारी बातें सुनी जाती हैं... पसंदीदा स्त्री से कभी बहस नहीं की जाती... #Veer_Ki_Shayari ©VEER NIRVEL

#Veer_ki_Shayari  सिर झुका कर मोहतरमा की सारी बातें सुनी जाती हैं...
पसंदीदा स्त्री से कभी बहस नहीं की जाती...
#Veer_Ki_Shayari

©VEER NIRVEL

सिर झुका कर मोहतरमा की सारी बातें सुनी जाती हैं... पसंदीदा स्त्री से कभी बहस नहीं की जाती... #Veer_ki_Shayari

16 Love

//सुकुन आँचल का// एक बार नही आपको मैं सौ बार लिखूंगा मांँ तुझे ही अपने जीवन का वो सार लिखूंगा बाबू बाबू कह कर जब मुझें यु पालना में झुलाती है स्वर्ग के अप्सरा भी यु मंद मंद कर वो मुस्कुराती है मां की गोद में आकर भगवान भी यु बच्चे बन जाते हैं मां की ममता का सुख ईश्वर भी खूब मजा उठाते हैं ईश्वर ने खुद को बनाया है एक ख्याल उनके मन में आया है अपने जैसा ही हर किसी को खुद को पहुंचाया है जिसका नाम माँ बतलाया है समंदर से गहरी ममता का होती है उठते तूफान को शांत वो करती है न छोटा न बड़ा इस भेदभाव में मांँ कहाँ पड़ती है मीठे सपनो को अपने बच्चे के लिए मांँ संजोती है वक्त बदल जाए हालात बदल जाए पर मांँ की ममता को कोई न बदल पाए है आज तक उसकी आवाज में ऐसा जादू होता है की किसी के मुर्झाया चेहरा भी यु खिल जाता है जब मांँ की आवाज कानों में आती है सारी दुनिया से लड़ने की हिम्मत दे जाती है घर से निकल कर सर को झुका देते है मांँ का आशीर्वाद लेकर बिगड़े काम भी बना देते हैं बचपन में हो या हो बड़े आज भी मांँ के उस आंँचल में पड़े रहते है मुझे तो सुकून आँचल का मिलता है मांँ तेरी उस गोद में आ कर धनंजय शुक्ला✍ ©बेजुबान शायर shivkumar

 //सुकुन आँचल का//

एक बार नही आपको मैं सौ बार लिखूंगा
मांँ तुझे ही अपने जीवन का वो सार लिखूंगा

बाबू बाबू कह कर जब मुझें यु पालना में झुलाती है
स्वर्ग के अप्सरा भी यु मंद मंद कर वो मुस्कुराती है
मां की गोद में आकर भगवान भी यु बच्चे बन जाते हैं 
मां की ममता का सुख ईश्वर भी खूब मजा उठाते हैं

ईश्वर ने खुद को बनाया है 
एक ख्याल उनके मन में आया है 
अपने जैसा ही हर किसी को खुद को पहुंचाया है 
जिसका नाम माँ बतलाया है 

समंदर से गहरी ममता का होती है 
उठते तूफान को शांत वो करती है 
न छोटा न बड़ा इस भेदभाव में मांँ कहाँ पड़ती है 
मीठे सपनो को अपने बच्चे के लिए मांँ संजोती है

वक्त बदल जाए हालात बदल जाए 
पर मांँ की ममता को कोई न बदल पाए है आज तक
उसकी आवाज में ऐसा जादू होता है
की किसी के मुर्झाया चेहरा भी यु खिल जाता है

जब मांँ की आवाज कानों में आती है 
सारी दुनिया से लड़ने की हिम्मत दे जाती है 
घर से निकल कर सर को झुका देते है 
मांँ का आशीर्वाद लेकर बिगड़े काम भी बना देते हैं

बचपन में हो या हो बड़े आज भी
मांँ के उस आंँचल में पड़े रहते है
मुझे तो सुकून आँचल का मिलता है 
मांँ तेरी उस गोद में आ कर 


धनंजय शुक्ला✍

©बेजुबान शायर shivkumar

//सुकुन आँचल का// एक बार नही आपको मैं सौ बार लिखूंगा मांँ तुझे ही अपने जीवन का वो सार लिखूंगा बाबू बाबू कह कर जब मुझें यु पालना में झुलाती

9 Love

Unsplash बदल जाते हैं नज़ारे, बदलने वाले चाहिए, झुकता है आसमान, झुकाने वाला चाहिए, जिद्द आगे बढ़ने की है, कोशिश करने वाला चाहिए, जीत तो तुम्हारी होगी ही, मेहनत करने वाला होना चाहिए। ©Anukaran

#बदल #Quotes  Unsplash बदल जाते हैं नज़ारे, बदलने वाले चाहिए,
झुकता है आसमान, झुकाने वाला चाहिए,
जिद्द आगे बढ़ने की है, कोशिश करने वाला चाहिए,
जीत तो तुम्हारी होगी ही, मेहनत करने वाला होना चाहिए।

©Anukaran

#बदल जाते हैं नज़ारे, बदलने वाले चाहिए, झुकता है आसमान, झुकाने वाला चाहिए, जिद्द आगे बढ़ने की, कोशिश करने वाला चाहिए, जीत तो तुम्हारी होगी ही,

10 Love

आँधियों ने भी कई बार राह रोकनी चाही, पर मेरे हौसले ने हर दिवार तोड़ दी। दुनिया ने पूछा कैसे जीते हो हर जंग, मैंने कहा, खुद से हारने की बात छोड़ दी। जो गिरते हैं, वही उड़ना सीखते हैं, जो जलते हैं, वही सूरज बनते हैं। मुझे गिराने की साज़िश हर तूफ़ान ने की, पर मैं हर बार और मज़बूत होकर उठता हूँ। मंज़िलों ने कहा, तुमने हम तक पहुँचने का हक़ पाया, रास्तों ने कहा, तुम्हारे जज़्बे ने हमें झुकाया। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  आँधियों ने भी कई बार राह रोकनी चाही,
पर मेरे हौसले ने हर दिवार तोड़ दी।

दुनिया ने पूछा कैसे जीते हो हर जंग,
मैंने कहा, खुद से हारने की बात छोड़ दी।

जो गिरते हैं, वही उड़ना सीखते हैं,
जो जलते हैं, वही सूरज बनते हैं।

मुझे गिराने की साज़िश हर तूफ़ान ने की,
पर मैं हर बार और मज़बूत होकर उठता हूँ।

मंज़िलों ने कहा, तुमने हम तक पहुँचने का हक़ पाया,
रास्तों ने कहा, तुम्हारे जज़्बे ने हमें झुकाया।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर आँधियों ने भी कई बार राह रोकनी चाही, पर मेरे हौसले ने हर दिवार तोड़ दी। दुनिया ने पूछा कैसे जीते हो हर जंग, मैंने कहा, खुद से

10 Love

सिर झुका कर मोहतरमा की सारी बातें सुनी जाती हैं... पसंदीदा स्त्री से कभी बहस नहीं की जाती... #Veer_Ki_Shayari ©VEER NIRVEL

#Veer_ki_Shayari  सिर झुका कर मोहतरमा की सारी बातें सुनी जाती हैं...
पसंदीदा स्त्री से कभी बहस नहीं की जाती...
#Veer_Ki_Shayari

©VEER NIRVEL

सिर झुका कर मोहतरमा की सारी बातें सुनी जाती हैं... पसंदीदा स्त्री से कभी बहस नहीं की जाती... #Veer_ki_Shayari

16 Love

//सुकुन आँचल का// एक बार नही आपको मैं सौ बार लिखूंगा मांँ तुझे ही अपने जीवन का वो सार लिखूंगा बाबू बाबू कह कर जब मुझें यु पालना में झुलाती है स्वर्ग के अप्सरा भी यु मंद मंद कर वो मुस्कुराती है मां की गोद में आकर भगवान भी यु बच्चे बन जाते हैं मां की ममता का सुख ईश्वर भी खूब मजा उठाते हैं ईश्वर ने खुद को बनाया है एक ख्याल उनके मन में आया है अपने जैसा ही हर किसी को खुद को पहुंचाया है जिसका नाम माँ बतलाया है समंदर से गहरी ममता का होती है उठते तूफान को शांत वो करती है न छोटा न बड़ा इस भेदभाव में मांँ कहाँ पड़ती है मीठे सपनो को अपने बच्चे के लिए मांँ संजोती है वक्त बदल जाए हालात बदल जाए पर मांँ की ममता को कोई न बदल पाए है आज तक उसकी आवाज में ऐसा जादू होता है की किसी के मुर्झाया चेहरा भी यु खिल जाता है जब मांँ की आवाज कानों में आती है सारी दुनिया से लड़ने की हिम्मत दे जाती है घर से निकल कर सर को झुका देते है मांँ का आशीर्वाद लेकर बिगड़े काम भी बना देते हैं बचपन में हो या हो बड़े आज भी मांँ के उस आंँचल में पड़े रहते है मुझे तो सुकून आँचल का मिलता है मांँ तेरी उस गोद में आ कर धनंजय शुक्ला✍ ©बेजुबान शायर shivkumar

 //सुकुन आँचल का//

एक बार नही आपको मैं सौ बार लिखूंगा
मांँ तुझे ही अपने जीवन का वो सार लिखूंगा

बाबू बाबू कह कर जब मुझें यु पालना में झुलाती है
स्वर्ग के अप्सरा भी यु मंद मंद कर वो मुस्कुराती है
मां की गोद में आकर भगवान भी यु बच्चे बन जाते हैं 
मां की ममता का सुख ईश्वर भी खूब मजा उठाते हैं

ईश्वर ने खुद को बनाया है 
एक ख्याल उनके मन में आया है 
अपने जैसा ही हर किसी को खुद को पहुंचाया है 
जिसका नाम माँ बतलाया है 

समंदर से गहरी ममता का होती है 
उठते तूफान को शांत वो करती है 
न छोटा न बड़ा इस भेदभाव में मांँ कहाँ पड़ती है 
मीठे सपनो को अपने बच्चे के लिए मांँ संजोती है

वक्त बदल जाए हालात बदल जाए 
पर मांँ की ममता को कोई न बदल पाए है आज तक
उसकी आवाज में ऐसा जादू होता है
की किसी के मुर्झाया चेहरा भी यु खिल जाता है

जब मांँ की आवाज कानों में आती है 
सारी दुनिया से लड़ने की हिम्मत दे जाती है 
घर से निकल कर सर को झुका देते है 
मांँ का आशीर्वाद लेकर बिगड़े काम भी बना देते हैं

बचपन में हो या हो बड़े आज भी
मांँ के उस आंँचल में पड़े रहते है
मुझे तो सुकून आँचल का मिलता है 
मांँ तेरी उस गोद में आ कर 


धनंजय शुक्ला✍

©बेजुबान शायर shivkumar

//सुकुन आँचल का// एक बार नही आपको मैं सौ बार लिखूंगा मांँ तुझे ही अपने जीवन का वो सार लिखूंगा बाबू बाबू कह कर जब मुझें यु पालना में झुलाती

9 Love

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