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White बैठे-बैठे उदास मन से उसे सोच रहा, गैर-महफ़िलों में खुद को व्यस्त कर रहा। भैया-भाभी, मम्मी-पापा को सुन रही होगी, तकिए के ओट में चादर भिगो रही होगी। कितने अरमानों को सजाया था दिल ने, दोनों दिलों में अधूरी मोहब्बत दम तोड़ रही है। उठ रहे हैं दिल में ना जाने कितने सवाल, दो जवां दिलों में ख्वाहिशें दफ़्न हो रही हैं। रोशन हो रही थी मुहब्बत चंद की रोशनी में, यह कैसी घड़ी है जहां उम्मीदें बिखर रही हैं। परवान चढ़ने पर था ख्वाबों सा मुंतजिर, जैसे चांद से चकोर अलग हो रही है। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #good_night  White बैठे-बैठे उदास मन से उसे सोच रहा,
गैर-महफ़िलों में खुद को व्यस्त कर रहा।

भैया-भाभी, मम्मी-पापा को सुन रही होगी,
तकिए के ओट में चादर भिगो रही होगी।

कितने अरमानों को सजाया था दिल ने,
दोनों दिलों में अधूरी मोहब्बत दम तोड़ रही है।

उठ रहे हैं दिल में ना जाने कितने सवाल,
दो जवां दिलों में ख्वाहिशें दफ़्न हो रही हैं।

रोशन हो रही थी मुहब्बत चंद की रोशनी में,
यह कैसी घड़ी है जहां उम्मीदें बिखर रही हैं।

परवान चढ़ने पर था ख्वाबों सा मुंतजिर,
जैसे चांद से चकोर अलग हो रही है।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#good_night बैठे-बैठे उदास मन से उसे सोच रहा, गैर-महफ़िलों में खुद को व्यस्त कर रहा। भैया-भाभी, मम्मी-पापा को सुन रही होगी, तकिए के ओट मे

16 Love

Unsplash 'कल' की डोली उठाने के लिए, 'आज' को कंधा दे रहे हैं लड़के अजीब दास्तां है ज़माने की 'सानिर' . ©SANIR SINGNORI

#Quotes #Book  Unsplash 'कल' की डोली उठाने के लिए, 
'आज' को कंधा दे रहे हैं लड़के
 अजीब दास्तां है ज़माने की 'सानिर'












.

©SANIR SINGNORI

'कल' की डोली उठाने के लिए, 'आज' को कंधा दे रहे हैं लड़के अजीब दास्तां है ज़माने की 'सानिर'#Book

14 Love

बनारसी..... ©Banarasi..

#भारतीयस्वाभिमान #प्रेरणा #इतिहास #सिकंदर #वीरता #पोरस  बनारसी.....

©Banarasi..

"इतिहास की अमर गाथा" "चला था सिकंदर इस जहां में, संपूर्ण विश्व में धाक जमाने को। पोरस ने तोड़ दिया विश्वविजय अरमानों को, एक हार ने मिटाया इ

16 Love

White कई रोज़ से जिंदगी की रवानी में गुम सा हूं, ख़्वाब अधूरे हैं, हकीक़त से भी ख़फा हूं। सुबह का सूरज अब फीका सा लगता है, शाम का चाँद भी बस धोखा सा लगता है। मंज़िलें जैसे कहीं दूर खड़ी रह गईं, खुद की ख़्वाहिशें दिल में ही दफन हो गईं। कभी उड़ने की चाहत ने आसमान मांगा, आज जीने की आरज़ू ने एक ठिकाना मांगा। हर कदम गिन रहा हूं, हर सांस टटोल रहा हूं, खुद से खुद को ही जाने क्यों तोल रहा हूं। दुनिया बदलने की चाह लेकर निकला था, आज अपने हिस्से का चैन भी खो रहा हूं। दिल कहता है थम के किसी छांव में बैठूं, बिखरे अरमानों को फिर से जोड़ने का हौसला बटोरूं। चलो, कहीं दूर एक मोड़ तलाशते हैं, जहां ख्वाहिशें और सपने को फिर से बचपन की तरह संवारते है..!! ©#Mr.India

#love_shayari  White कई रोज़ से जिंदगी की रवानी में गुम सा हूं,  
ख़्वाब अधूरे हैं, हकीक़त से भी ख़फा हूं।  
सुबह का सूरज अब फीका सा लगता है,  
शाम का चाँद भी बस धोखा सा लगता है।  

मंज़िलें जैसे कहीं दूर खड़ी रह गईं,  
खुद की ख़्वाहिशें दिल में ही दफन हो गईं।  
कभी उड़ने की चाहत ने आसमान मांगा,  
आज जीने की आरज़ू ने एक ठिकाना मांगा।  

हर कदम गिन रहा हूं, हर सांस टटोल रहा हूं,  
खुद से खुद को ही जाने क्यों तोल रहा हूं।  
दुनिया बदलने की चाह लेकर निकला था,  
आज अपने हिस्से का चैन भी खो रहा हूं।  

दिल कहता है थम के किसी छांव में बैठूं,  
बिखरे अरमानों को फिर से जोड़ने का हौसला बटोरूं।  
चलो, कहीं दूर एक मोड़ तलाशते हैं,  
जहां ख्वाहिशें और सपने को फिर से बचपन की तरह संवारते है..!!

©#Mr.India

कई रोज़ से जिंदगी की रवानी में गुम सा हूं, ख़्वाब अधूरे हैं, हकीक़त से भी ख़फा हूं। सुबह का सूरज अब फीका सा लगता है, शाम का चाँद भी ब

14 Love

White बैठे-बैठे उदास मन से उसे सोच रहा, गैर-महफ़िलों में खुद को व्यस्त कर रहा। भैया-भाभी, मम्मी-पापा को सुन रही होगी, तकिए के ओट में चादर भिगो रही होगी। कितने अरमानों को सजाया था दिल ने, दोनों दिलों में अधूरी मोहब्बत दम तोड़ रही है। उठ रहे हैं दिल में ना जाने कितने सवाल, दो जवां दिलों में ख्वाहिशें दफ़्न हो रही हैं। रोशन हो रही थी मुहब्बत चंद की रोशनी में, यह कैसी घड़ी है जहां उम्मीदें बिखर रही हैं। परवान चढ़ने पर था ख्वाबों सा मुंतजिर, जैसे चांद से चकोर अलग हो रही है। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #good_night  White बैठे-बैठे उदास मन से उसे सोच रहा,
गैर-महफ़िलों में खुद को व्यस्त कर रहा।

भैया-भाभी, मम्मी-पापा को सुन रही होगी,
तकिए के ओट में चादर भिगो रही होगी।

कितने अरमानों को सजाया था दिल ने,
दोनों दिलों में अधूरी मोहब्बत दम तोड़ रही है।

उठ रहे हैं दिल में ना जाने कितने सवाल,
दो जवां दिलों में ख्वाहिशें दफ़्न हो रही हैं।

रोशन हो रही थी मुहब्बत चंद की रोशनी में,
यह कैसी घड़ी है जहां उम्मीदें बिखर रही हैं।

परवान चढ़ने पर था ख्वाबों सा मुंतजिर,
जैसे चांद से चकोर अलग हो रही है।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#good_night बैठे-बैठे उदास मन से उसे सोच रहा, गैर-महफ़िलों में खुद को व्यस्त कर रहा। भैया-भाभी, मम्मी-पापा को सुन रही होगी, तकिए के ओट मे

16 Love

Unsplash 'कल' की डोली उठाने के लिए, 'आज' को कंधा दे रहे हैं लड़के अजीब दास्तां है ज़माने की 'सानिर' . ©SANIR SINGNORI

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'आज' को कंधा दे रहे हैं लड़के
 अजीब दास्तां है ज़माने की 'सानिर'












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©SANIR SINGNORI

'कल' की डोली उठाने के लिए, 'आज' को कंधा दे रहे हैं लड़के अजीब दास्तां है ज़माने की 'सानिर'#Book

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बनारसी..... ©Banarasi..

#भारतीयस्वाभिमान #प्रेरणा #इतिहास #सिकंदर #वीरता #पोरस  बनारसी.....

©Banarasi..

"इतिहास की अमर गाथा" "चला था सिकंदर इस जहां में, संपूर्ण विश्व में धाक जमाने को। पोरस ने तोड़ दिया विश्वविजय अरमानों को, एक हार ने मिटाया इ

16 Love

White कई रोज़ से जिंदगी की रवानी में गुम सा हूं, ख़्वाब अधूरे हैं, हकीक़त से भी ख़फा हूं। सुबह का सूरज अब फीका सा लगता है, शाम का चाँद भी बस धोखा सा लगता है। मंज़िलें जैसे कहीं दूर खड़ी रह गईं, खुद की ख़्वाहिशें दिल में ही दफन हो गईं। कभी उड़ने की चाहत ने आसमान मांगा, आज जीने की आरज़ू ने एक ठिकाना मांगा। हर कदम गिन रहा हूं, हर सांस टटोल रहा हूं, खुद से खुद को ही जाने क्यों तोल रहा हूं। दुनिया बदलने की चाह लेकर निकला था, आज अपने हिस्से का चैन भी खो रहा हूं। दिल कहता है थम के किसी छांव में बैठूं, बिखरे अरमानों को फिर से जोड़ने का हौसला बटोरूं। चलो, कहीं दूर एक मोड़ तलाशते हैं, जहां ख्वाहिशें और सपने को फिर से बचपन की तरह संवारते है..!! ©#Mr.India

#love_shayari  White कई रोज़ से जिंदगी की रवानी में गुम सा हूं,  
ख़्वाब अधूरे हैं, हकीक़त से भी ख़फा हूं।  
सुबह का सूरज अब फीका सा लगता है,  
शाम का चाँद भी बस धोखा सा लगता है।  

मंज़िलें जैसे कहीं दूर खड़ी रह गईं,  
खुद की ख़्वाहिशें दिल में ही दफन हो गईं।  
कभी उड़ने की चाहत ने आसमान मांगा,  
आज जीने की आरज़ू ने एक ठिकाना मांगा।  

हर कदम गिन रहा हूं, हर सांस टटोल रहा हूं,  
खुद से खुद को ही जाने क्यों तोल रहा हूं।  
दुनिया बदलने की चाह लेकर निकला था,  
आज अपने हिस्से का चैन भी खो रहा हूं।  

दिल कहता है थम के किसी छांव में बैठूं,  
बिखरे अरमानों को फिर से जोड़ने का हौसला बटोरूं।  
चलो, कहीं दूर एक मोड़ तलाशते हैं,  
जहां ख्वाहिशें और सपने को फिर से बचपन की तरह संवारते है..!!

©#Mr.India

कई रोज़ से जिंदगी की रवानी में गुम सा हूं, ख़्वाब अधूरे हैं, हकीक़त से भी ख़फा हूं। सुबह का सूरज अब फीका सा लगता है, शाम का चाँद भी ब

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