White कई रोज़ से जिंदगी की रवानी में गुम सा हूं,
ख़्वाब अधूरे हैं, हकीक़त से भी ख़फा हूं।
सुबह का सूरज अब फीका सा लगता है,
शाम का चाँद भी बस धोखा सा लगता है।
मंज़िलें जैसे कहीं दूर खड़ी रह गईं,
खुद की ख़्वाहिशें दिल में ही दफन हो गईं।
कभी उड़ने की चाहत ने आसमान मांगा,
आज जीने की आरज़ू ने एक ठिकाना मांगा।
हर कदम गिन रहा हूं, हर सांस टटोल रहा हूं,
खुद से खुद को ही जाने क्यों तोल रहा हूं।
दुनिया बदलने की चाह लेकर निकला था,
आज अपने हिस्से का चैन भी खो रहा हूं।
दिल कहता है थम के किसी छांव में बैठूं,
बिखरे अरमानों को फिर से जोड़ने का हौसला बटोरूं।
चलो, कहीं दूर एक मोड़ तलाशते हैं,
जहां ख्वाहिशें और सपने को फिर से बचपन की तरह संवारते है..!!
©#Mr.India
कई रोज़ से जिंदगी की रवानी में गुम सा हूं,
ख़्वाब अधूरे हैं, हकीक़त से भी ख़फा हूं।
सुबह का सूरज अब फीका सा लगता है,
शाम का चाँद भी बस धोखा सा लगता है।
मंज़िलें जैसे कहीं दूर खड़ी रह गईं,
खुद की ख़्वाहिशें दिल में ही दफन हो गईं।
कभी उड़ने की चाहत ने आसमान मांगा,