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#कविता #SadStorytelling

#SadStorytelling मुझे डर लगता है

324 View

#कविता

सारी मुस्किले मुझे मिटाने पर तूली है।

162 View

#मोटिवेशनल

मुझे जाने दो मेरी मां इंतजार कर रही है

126 View

White ख्वाब सजा कर आखों में अब चलना है मुझे, इन जंजीरों को तोड़ कर अब कहीं दुर जाना है मुझे, अधुरी सी है मेरी कहानी इस अधुरी कहानी को पूरा भी तो करना है मुझे, जिंदगी की रंग अब फीके पड़ गए हैं इस फीकी ज़िंदगी में रंग भरना है मुझे, लोग क्या कहेंगे और क्या सोचेंगे इस बात को भूल कर अब बस खुदके ही लिए सोचना है मुझे, ख्वाब सजा कर आखों में अब चलना है मुझे... ©Lili Dey

#चलना  White ख्वाब सजा कर आखों में 
अब चलना है मुझे,
इन जंजीरों को तोड़ कर 
अब कहीं दुर जाना है मुझे,
अधुरी सी है मेरी कहानी 
इस अधुरी कहानी को पूरा भी तो करना है मुझे,
जिंदगी की रंग अब फीके पड़ गए हैं 
इस फीकी ज़िंदगी में रंग भरना है मुझे,
लोग क्या कहेंगे और क्या सोचेंगे इस बात को भूल कर 
अब बस खुदके ही लिए सोचना है मुझे,
ख्वाब सजा कर आखों में 
अब चलना है मुझे...

©Lili Dey

#चलना है मुझे

14 Love

White मेरा ग़म अब मुझे महसूस कम होता है, जैसे मछली को न हो ख़बर कि समंदर क्या होता है। वो गहराइयाँ अब मेरे हिस्से में यूँ समा गई हैं, जिनमें दर्द का दरिया है, पर कोई असर नहीं होता है। हर मौज का थपेड़ा अब आहिस्ता सा लगता है, दर्द का भी अपना अलग ही सफर होता है। जिसमें डूब कर कभी साँस थम जाने का ख़ौफ था, अब वही ग़म मेरा साथी, मेरा हमसफ़र होता है। अब तो अश्क भी आँखों में ठहरे रहते हैं, दिल के हर ज़ख्म पर जैसे बेअसर होता है। दर्द का दरिया बहता है, पर कोई तासीर नहीं, इस दिल की वीरानी में अब कोई असर नहीं होता है। मेरा ग़म अब मुझे महसूस कम होता है, जैसे मछली को न हो ख़बर कि समंदर क्या होता है। ©नवनीत ठाकुर

#शायरी #मेरा  White मेरा ग़म अब मुझे महसूस कम होता है,
जैसे मछली को न हो ख़बर कि समंदर क्या होता है।
वो गहराइयाँ अब मेरे हिस्से में यूँ समा गई हैं,
जिनमें दर्द का दरिया है, पर कोई असर नहीं होता है।

हर मौज का थपेड़ा अब आहिस्ता सा लगता है,
दर्द का भी अपना अलग ही सफर होता है।
जिसमें डूब कर कभी साँस थम जाने का ख़ौफ था,
अब वही ग़म मेरा साथी, मेरा हमसफ़र होता है।

अब तो अश्क भी आँखों में ठहरे रहते हैं,
दिल के हर ज़ख्म पर जैसे बेअसर होता है।
दर्द का दरिया बहता है, पर कोई तासीर नहीं,
इस दिल की वीरानी में अब कोई असर नहीं होता है।

मेरा ग़म अब मुझे महसूस कम होता है,
जैसे मछली को न हो ख़बर कि समंदर क्या होता है।

©नवनीत ठाकुर

#मेरा दर्द अब मुझे कम महसूस होता है

14 Love

#मोटिवेशनल #दुनिया #फ़र्क़ #क्या #मुझे #कहती
#कविता #SadStorytelling

#SadStorytelling मुझे डर लगता है

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#कविता

सारी मुस्किले मुझे मिटाने पर तूली है।

162 View

#मोटिवेशनल

मुझे जाने दो मेरी मां इंतजार कर रही है

126 View

White ख्वाब सजा कर आखों में अब चलना है मुझे, इन जंजीरों को तोड़ कर अब कहीं दुर जाना है मुझे, अधुरी सी है मेरी कहानी इस अधुरी कहानी को पूरा भी तो करना है मुझे, जिंदगी की रंग अब फीके पड़ गए हैं इस फीकी ज़िंदगी में रंग भरना है मुझे, लोग क्या कहेंगे और क्या सोचेंगे इस बात को भूल कर अब बस खुदके ही लिए सोचना है मुझे, ख्वाब सजा कर आखों में अब चलना है मुझे... ©Lili Dey

#चलना  White ख्वाब सजा कर आखों में 
अब चलना है मुझे,
इन जंजीरों को तोड़ कर 
अब कहीं दुर जाना है मुझे,
अधुरी सी है मेरी कहानी 
इस अधुरी कहानी को पूरा भी तो करना है मुझे,
जिंदगी की रंग अब फीके पड़ गए हैं 
इस फीकी ज़िंदगी में रंग भरना है मुझे,
लोग क्या कहेंगे और क्या सोचेंगे इस बात को भूल कर 
अब बस खुदके ही लिए सोचना है मुझे,
ख्वाब सजा कर आखों में 
अब चलना है मुझे...

©Lili Dey

#चलना है मुझे

14 Love

White मेरा ग़म अब मुझे महसूस कम होता है, जैसे मछली को न हो ख़बर कि समंदर क्या होता है। वो गहराइयाँ अब मेरे हिस्से में यूँ समा गई हैं, जिनमें दर्द का दरिया है, पर कोई असर नहीं होता है। हर मौज का थपेड़ा अब आहिस्ता सा लगता है, दर्द का भी अपना अलग ही सफर होता है। जिसमें डूब कर कभी साँस थम जाने का ख़ौफ था, अब वही ग़म मेरा साथी, मेरा हमसफ़र होता है। अब तो अश्क भी आँखों में ठहरे रहते हैं, दिल के हर ज़ख्म पर जैसे बेअसर होता है। दर्द का दरिया बहता है, पर कोई तासीर नहीं, इस दिल की वीरानी में अब कोई असर नहीं होता है। मेरा ग़म अब मुझे महसूस कम होता है, जैसे मछली को न हो ख़बर कि समंदर क्या होता है। ©नवनीत ठाकुर

#शायरी #मेरा  White मेरा ग़म अब मुझे महसूस कम होता है,
जैसे मछली को न हो ख़बर कि समंदर क्या होता है।
वो गहराइयाँ अब मेरे हिस्से में यूँ समा गई हैं,
जिनमें दर्द का दरिया है, पर कोई असर नहीं होता है।

हर मौज का थपेड़ा अब आहिस्ता सा लगता है,
दर्द का भी अपना अलग ही सफर होता है।
जिसमें डूब कर कभी साँस थम जाने का ख़ौफ था,
अब वही ग़म मेरा साथी, मेरा हमसफ़र होता है।

अब तो अश्क भी आँखों में ठहरे रहते हैं,
दिल के हर ज़ख्म पर जैसे बेअसर होता है।
दर्द का दरिया बहता है, पर कोई तासीर नहीं,
इस दिल की वीरानी में अब कोई असर नहीं होता है।

मेरा ग़म अब मुझे महसूस कम होता है,
जैसे मछली को न हो ख़बर कि समंदर क्या होता है।

©नवनीत ठाकुर

#मेरा दर्द अब मुझे कम महसूस होता है

14 Love

#मोटिवेशनल #दुनिया #फ़र्क़ #क्या #मुझे #कहती
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