White तानाशाह समझ रहा जन अब उसके साथ नहीं !
ऐसे में सुधरे बिना सत्ता टिकने के आसार नहीं !!
छुट पुट छूट दे देकर बहलाने की कोशिशें जारी है !
छोटी मोटी बीमारी नहीं, जन को गंभीर बीमारी है !!
जुए के विज्ञापनों को अविलंब बंद करे तानाशाह !
वरना रह न सकेगा तनके अब सत्ता में तानाशाह !!
जुए में बरबाद युवा, अपराध में लिप्त होना ही है !
घर घर जन जन की आंखों को इसने भिगोना ही है !!
नशे के बाजार भी सत्ता संज्ञान, संरक्षण में फल फूल रहे !
इक्का दुक्का इनसे हटके कर ले, उसको ही ये पकड़ रहे !!
नैतिकता की होली हो रही फूहड़ फिल्मों व सीरियलों से !
खुलेआम अश्लीलता पसर रही प्रसारित कई विज्ञापनों से !!
पढ़ाई हेतु तरुणाई को बड़े शहरों में अकेले रखना आम है !
पब प्रचलन सिगरेट चलन अब लड़कियों में भी आम है !!
शादी होती नहीं समय पर, हुई तो भी अक्सर टिकती नहीं !
समाज की लापरवाही से ये समस्या कदापि हल होनी नहीं !!
एकल परिवार अक्सर एक दूजे से निभा न पाते !
बात बिन बात लड़ झगड़ कर तलाक़ की ओर बढ़ जाते !!
स्वार्थसनी मानसिकता परिवार संस्कार भुला रही !
बच्चों में मां बाप प्रति आदर सम्मान रहा नहीं !!
उम्रदराज बनी जोड़ियां प्रजनन में अमूमन असफल है !
कईयों के मन में तो बच्चे पैदा ही न करने ललक है !!
समाज की सुदृढ़ता जग संचलन के लिए है जरूरी !
कुंभकरण अनुसरण करते बुद्धिजीवियों में भरी है मगरूरी !!
हे राम...हे कृष्ण... असंभव दीखे जनहित जश्न..
- आवेश हिन्दुस्तानी 26.8.24
©Ashok Mangal
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