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White एक नया किस्सा सुना गया कोई नेता को मामू बना गया कोई बड़े जतन से जुम्मन सिल रहा था टोपी उधारी का टोपा पहन गया कोई झकास लिबास में जो उजला गुलाब था उसी पर तोहमत लगा गया कोई शहर का नामी शायर बड़े नशेमन में था शेर उसी को उसका सुना गया कोई बंदर ने दिया चकमा कलंदर उदास है उस्ताद को जुमरा बना गया कोई कल मरीज बनकर दवाखाने आया था आज डॉक्टर को सुई लगा गया कोई ज्यादा गुमान में मत रहा करो बाबू बड़े-बड़ो को तोता बना गया कोई... -नरेंद्र सिंह 'नीहार' ©VED PRAKASH 73

#उस्तरा  White एक नया किस्सा सुना गया कोई नेता को मामू बना गया कोई बड़े जतन से जुम्मन सिल रहा था टोपी उधारी का टोपा पहन गया कोई झकास लिबास में जो उजला गुलाब था उसी पर तोहमत लगा गया कोई शहर का नामी शायर बड़े नशेमन में था शेर उसी को उसका सुना गया कोई बंदर ने दिया चकमा कलंदर उदास है उस्ताद को जुमरा बना गया कोई कल मरीज बनकर दवाखाने आया था आज डॉक्टर को सुई लगा गया कोई ज्यादा गुमान में मत रहा करो बाबू बड़े-बड़ो को तोता बना गया कोई... 
-नरेंद्र सिंह 'नीहार'

©VED PRAKASH 73

चीजों में कुछ चीजें बातों में कुछ बातें वो होंगी जिन्हें कभी भूल नहीं पाओगे इक्कीसवीं सदी में ढूँढ़ते रह जाओगे बच्चों में बचपन जवानों में यौवन शीशों में दर्पण जीवन में सावन गांव में अखाड़ा शहर में सिंघाड़ा टेबल की जगह पहाड़ा और पाजामे में नाड़ा ढूँढ़ते रह जाओगे... -अरुण जैमिनी ©VED PRAKASH 73

#उस्तरा  चीजों में कुछ चीजें बातों में कुछ बातें वो होंगी जिन्हें कभी भूल नहीं पाओगे इक्कीसवीं सदी में ढूँढ़ते रह जाओगे बच्चों में बचपन जवानों में
 यौवन शीशों में दर्पण जीवन में सावन गांव
 में अखाड़ा शहर में सिंघाड़ा टेबल की जगह
 पहाड़ा और पाजामे में नाड़ा ढूँढ़ते रह 
जाओगे... -अरुण जैमिनी

©VED PRAKASH 73

White खिल-खिल खिल-खिल हो रही श्रीयमुना के कूल अलि अवगुंठन खिल गए कली बन गई फूल हास्य की अद्भुत माया रंजोगम हो ध्वस्त मस्त हो जाती काया संगृहीत कवि मीत मंच पर जब-जब गांएँ हाथ मिलाने स्वयं दूरदर्शन जी आएं... -काका हाथरसी ©VED PRAKASH 73

#उस्तरा #wishes  White खिल-खिल खिल-खिल हो रही श्रीयमुना के
 कूल अलि अवगुंठन खिल गए कली बन गई 
फूल हास्य की अद्भुत माया रंजोगम हो ध्वस्त
 मस्त हो जाती काया संगृहीत कवि मीत मंच 
पर जब-जब गांएँ हाथ मिलाने स्वयं दूरदर्शन 
जी आएं... -काका हाथरसी

©VED PRAKASH 73

White पूर्ण सफलता के लिए दो चीजें रखो याद मंत्री की चमचागिरी पुलिस का आशीर्वाद नेता को कहता गधा शर्म न तुझको आए कहीं गधा इस बात का बुरा मान न जाए बुढ़ा बोला वीर रस मुझसे पढ़ा न जाए कहीं दाँत का सैट ही नीचे न गिर जाए दोहों को स्वीकारिये या दीजे ठुकराय जैसे मुझसे बन पड़े मैंने दिए बनाय... -हुल्लड़ मुरादाबादी ©VED PRAKASH 73

#उस्तरा #wishes  White पूर्ण सफलता के लिए दो चीजें रखो याद मंत्री की चमचागिरी पुलिस का आशीर्वाद नेता को कहता गधा शर्म न तुझको आए कहीं गधा इस बात का बुरा मान न जाए बुढ़ा बोला वीर रस मुझसे पढ़ा न जाए कहीं दाँत का सैट ही नीचे न गिर जाए दोहों को स्वीकारिये या दीजे ठुकराय जैसे मुझसे बन
 पड़े मैंने दिए बनाय... -हुल्लड़ मुरादाबादी

©VED PRAKASH 73

White एक मक्खी और उसकी बच्ची एक गंजे का सिर पार कर रही थी कंही पकड़ी न जाएं इसलिए डर रही थी मां बोली सुन बेटी बदल गया जमाना जब जिन्दा थे तेरे नाना तब में यंही से निकली थी यह चौड़ा रास्ता था संकरी गली थी दोनों ओर जंगल था बियाबान अब हो गया है मैदान... -शैल चतुर्वेदी ©VED PRAKASH 73

#उस्तरा #wishes  White एक मक्खी और उसकी बच्ची एक गंजे का
 सिर पार कर रही थी कंही पकड़ी न जाएं 
इसलिए डर रही थी मां बोली सुन बेटी बदल
 गया जमाना जब जिन्दा थे तेरे नाना तब में
 यंही से निकली थी यह चौड़ा रास्ता था 
संकरी गली थी दोनों ओर जंगल था 
बियाबान अब हो गया है मैदान... 
-शैल चतुर्वेदी

©VED PRAKASH 73

White एक नया किस्सा सुना गया कोई नेता को मामू बना गया कोई बड़े जतन से जुम्मन सिल रहा था टोपी उधारी का टोपा पहन गया कोई झकास लिबास में जो उजला गुलाब था उसी पर तोहमत लगा गया कोई शहर का नामी शायर बड़े नशेमन में था शेर उसी को उसका सुना गया कोई बंदर ने दिया चकमा कलंदर उदास है उस्ताद को जुमरा बना गया कोई कल मरीज बनकर दवाखाने आया था आज डॉक्टर को सुई लगा गया कोई ज्यादा गुमान में मत रहा करो बाबू बड़े-बड़ो को तोता बना गया कोई... -नरेंद्र सिंह 'नीहार' ©VED PRAKASH 73

#उस्तरा  White एक नया किस्सा सुना गया कोई नेता को मामू बना गया कोई बड़े जतन से जुम्मन सिल रहा था टोपी उधारी का टोपा पहन गया कोई झकास लिबास में जो उजला गुलाब था उसी पर तोहमत लगा गया कोई शहर का नामी शायर बड़े नशेमन में था शेर उसी को उसका सुना गया कोई बंदर ने दिया चकमा कलंदर उदास है उस्ताद को जुमरा बना गया कोई कल मरीज बनकर दवाखाने आया था आज डॉक्टर को सुई लगा गया कोई ज्यादा गुमान में मत रहा करो बाबू बड़े-बड़ो को तोता बना गया कोई... 
-नरेंद्र सिंह 'नीहार'

©VED PRAKASH 73

चीजों में कुछ चीजें बातों में कुछ बातें वो होंगी जिन्हें कभी भूल नहीं पाओगे इक्कीसवीं सदी में ढूँढ़ते रह जाओगे बच्चों में बचपन जवानों में यौवन शीशों में दर्पण जीवन में सावन गांव में अखाड़ा शहर में सिंघाड़ा टेबल की जगह पहाड़ा और पाजामे में नाड़ा ढूँढ़ते रह जाओगे... -अरुण जैमिनी ©VED PRAKASH 73

#उस्तरा  चीजों में कुछ चीजें बातों में कुछ बातें वो होंगी जिन्हें कभी भूल नहीं पाओगे इक्कीसवीं सदी में ढूँढ़ते रह जाओगे बच्चों में बचपन जवानों में
 यौवन शीशों में दर्पण जीवन में सावन गांव
 में अखाड़ा शहर में सिंघाड़ा टेबल की जगह
 पहाड़ा और पाजामे में नाड़ा ढूँढ़ते रह 
जाओगे... -अरुण जैमिनी

©VED PRAKASH 73

White खिल-खिल खिल-खिल हो रही श्रीयमुना के कूल अलि अवगुंठन खिल गए कली बन गई फूल हास्य की अद्भुत माया रंजोगम हो ध्वस्त मस्त हो जाती काया संगृहीत कवि मीत मंच पर जब-जब गांएँ हाथ मिलाने स्वयं दूरदर्शन जी आएं... -काका हाथरसी ©VED PRAKASH 73

#उस्तरा #wishes  White खिल-खिल खिल-खिल हो रही श्रीयमुना के
 कूल अलि अवगुंठन खिल गए कली बन गई 
फूल हास्य की अद्भुत माया रंजोगम हो ध्वस्त
 मस्त हो जाती काया संगृहीत कवि मीत मंच 
पर जब-जब गांएँ हाथ मिलाने स्वयं दूरदर्शन 
जी आएं... -काका हाथरसी

©VED PRAKASH 73

White पूर्ण सफलता के लिए दो चीजें रखो याद मंत्री की चमचागिरी पुलिस का आशीर्वाद नेता को कहता गधा शर्म न तुझको आए कहीं गधा इस बात का बुरा मान न जाए बुढ़ा बोला वीर रस मुझसे पढ़ा न जाए कहीं दाँत का सैट ही नीचे न गिर जाए दोहों को स्वीकारिये या दीजे ठुकराय जैसे मुझसे बन पड़े मैंने दिए बनाय... -हुल्लड़ मुरादाबादी ©VED PRAKASH 73

#उस्तरा #wishes  White पूर्ण सफलता के लिए दो चीजें रखो याद मंत्री की चमचागिरी पुलिस का आशीर्वाद नेता को कहता गधा शर्म न तुझको आए कहीं गधा इस बात का बुरा मान न जाए बुढ़ा बोला वीर रस मुझसे पढ़ा न जाए कहीं दाँत का सैट ही नीचे न गिर जाए दोहों को स्वीकारिये या दीजे ठुकराय जैसे मुझसे बन
 पड़े मैंने दिए बनाय... -हुल्लड़ मुरादाबादी

©VED PRAKASH 73

White एक मक्खी और उसकी बच्ची एक गंजे का सिर पार कर रही थी कंही पकड़ी न जाएं इसलिए डर रही थी मां बोली सुन बेटी बदल गया जमाना जब जिन्दा थे तेरे नाना तब में यंही से निकली थी यह चौड़ा रास्ता था संकरी गली थी दोनों ओर जंगल था बियाबान अब हो गया है मैदान... -शैल चतुर्वेदी ©VED PRAKASH 73

#उस्तरा #wishes  White एक मक्खी और उसकी बच्ची एक गंजे का
 सिर पार कर रही थी कंही पकड़ी न जाएं 
इसलिए डर रही थी मां बोली सुन बेटी बदल
 गया जमाना जब जिन्दा थे तेरे नाना तब में
 यंही से निकली थी यह चौड़ा रास्ता था 
संकरी गली थी दोनों ओर जंगल था 
बियाबान अब हो गया है मैदान... 
-शैल चतुर्वेदी

©VED PRAKASH 73
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