tags

New kavi kalash poem Status, Photo, Video

Find the latest Status about kavi kalash poem from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about kavi kalash poem.

  • Latest
  • Popular
  • Video

White एक पत्थर झरने की भावनाओं में डूब जाना चाहता है। मगर अफसोस वो हर बार उसे भिगो कर चली जाती है। खेल यह नदियों से चला आ रहा है , और बहाव सदियों से चला आ रहा है , एक उम्मीद लिए वो पत्थर घाट बन जाते हैं, किसी के चाहत की बात बन जाते हैं,। पुनः उन घाटों पर कई उम्मीदें जन्म लेती हैं। किनारा नदी का देख सहारा लेती हैं। हर कोई उन उम्मीदों पर बैठ नज़ारा लेता है मगर वह घाट सब कुछ देखकर भी मौन है उसे पता है आज के तो सब मगर कल का कौन है बाहर की दुनियां बाहर से सुंदर है, जाकर भीतर देख गहरा समुंदर है। दूसरों से पहले खुद को जानो तुम। यह बात पुरानी है बात तो मानो तुम Aakash dwivedi ✍️ ©Aakash Dwivedi

#कविता #शायरी #AakashDwivedi #sunset_time #Quotes  White एक पत्थर झरने की भावनाओं में डूब जाना चाहता है।
मगर अफसोस वो हर बार उसे भिगो कर चली जाती है।
खेल यह नदियों से चला आ रहा है ,
और बहाव सदियों से चला आ रहा है ,
एक उम्मीद लिए वो पत्थर घाट बन जाते हैं, 
किसी के चाहत की बात बन जाते हैं,।
पुनः उन घाटों पर कई उम्मीदें जन्म लेती हैं।
किनारा नदी का देख सहारा लेती हैं। 
हर कोई उन उम्मीदों पर बैठ नज़ारा लेता है 
मगर वह घाट सब कुछ देखकर भी मौन है 
उसे पता है आज के तो सब मगर कल का कौन है 
बाहर की दुनियां बाहर से सुंदर है,
जाकर भीतर देख गहरा समुंदर है। 
दूसरों से पहले खुद को जानो तुम।
यह बात पुरानी है बात तो मानो तुम

                                Aakash dwivedi ✍️

©Aakash Dwivedi

Diwali Mela .Kavi sammelan 2024, udaipur

144 View

#sad_quotes #Shaayari #Dard #kavi  White आवाज  दे  रहा हूं  जगाता  नहीं  कोई 
आंखे  तो सर्द नम हैं बताता नहीं कोई


देखो  कहीं  खबर  खैरात  की  ना  हो 
ख़ानकते चंद सिक्के  उठाता नहीं कोई 


हम  जानते हैं अपने  हर  मर्ज की दवा 
मर्ज ए दिल, पर  सहलाता  नहीं  कोई 

जाहिर  किसे  करें  वो  दर्द  थी  गुज़र 
रस्ते के अब निशां  दिखाता नहीं कोई

©Shivam mishra

White एक पत्थर झरने की भावनाओं में डूब जाना चाहता है। मगर अफसोस वो हर बार उसे भिगो कर चली जाती है। खेल यह नदियों से चला आ रहा है , और बहाव सदियों से चला आ रहा है , एक उम्मीद लिए वो पत्थर घाट बन जाते हैं, किसी के चाहत की बात बन जाते हैं,। पुनः उन घाटों पर कई उम्मीदें जन्म लेती हैं। किनारा नदी का देख सहारा लेती हैं। हर कोई उन उम्मीदों पर बैठ नज़ारा लेता है मगर वह घाट सब कुछ देखकर भी मौन है उसे पता है आज के तो सब मगर कल का कौन है बाहर की दुनियां बाहर से सुंदर है, जाकर भीतर देख गहरा समुंदर है। दूसरों से पहले खुद को जानो तुम। यह बात पुरानी है बात तो मानो तुम Aakash dwivedi ✍️ ©Aakash Dwivedi

#कविता #शायरी #AakashDwivedi #sunset_time #Quotes  White एक पत्थर झरने की भावनाओं में डूब जाना चाहता है।
मगर अफसोस वो हर बार उसे भिगो कर चली जाती है।
खेल यह नदियों से चला आ रहा है ,
और बहाव सदियों से चला आ रहा है ,
एक उम्मीद लिए वो पत्थर घाट बन जाते हैं, 
किसी के चाहत की बात बन जाते हैं,।
पुनः उन घाटों पर कई उम्मीदें जन्म लेती हैं।
किनारा नदी का देख सहारा लेती हैं। 
हर कोई उन उम्मीदों पर बैठ नज़ारा लेता है 
मगर वह घाट सब कुछ देखकर भी मौन है 
उसे पता है आज के तो सब मगर कल का कौन है 
बाहर की दुनियां बाहर से सुंदर है,
जाकर भीतर देख गहरा समुंदर है। 
दूसरों से पहले खुद को जानो तुम।
यह बात पुरानी है बात तो मानो तुम

                                Aakash dwivedi ✍️

©Aakash Dwivedi

Diwali Mela .Kavi sammelan 2024, udaipur

144 View

#sad_quotes #Shaayari #Dard #kavi  White आवाज  दे  रहा हूं  जगाता  नहीं  कोई 
आंखे  तो सर्द नम हैं बताता नहीं कोई


देखो  कहीं  खबर  खैरात  की  ना  हो 
ख़ानकते चंद सिक्के  उठाता नहीं कोई 


हम  जानते हैं अपने  हर  मर्ज की दवा 
मर्ज ए दिल, पर  सहलाता  नहीं  कोई 

जाहिर  किसे  करें  वो  दर्द  थी  गुज़र 
रस्ते के अब निशां  दिखाता नहीं कोई

©Shivam mishra
Trending Topic