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New नैनों के मैं दीप जलाऊंगा Status, Photo, Video

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दीप जलता है सदन में, अंधेरा है व्याप्त मन में, चलाता है श्वास सबका, वही रक्षक है भुवन में, प्रेम और विश्वास से ही, प्रकट होते ईश क्षण में, कर रहे गुणगान सारे, धरा से लेकर गगन में, सिंधु से जलश्रोत लेता, वही भरता नीर घन में, जागता है साथ हरपल, साथ रहता है सयन में, हृदय में है व्याप्त गुंजन, बसा ले उसको नयन में, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #दीप  दीप जलता है सदन में,
अंधेरा है व्याप्त मन में,

चलाता है श्वास सबका,
वही रक्षक  है  भुवन में,

प्रेम और विश्वास से ही,
प्रकट होते  ईश क्षण में,

कर रहे  गुणगान  सारे,
धरा से लेकर  गगन में,

सिंधु से जलश्रोत लेता,
वही भरता नीर घन में,

जागता है साथ हरपल,
साथ रहता है  सयन में,

हृदय में है व्याप्त गुंजन,
बसा ले उसको नयन में,
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#दीप जलता है सदन में#

14 Love

भाईचारा हो जहां, वहां अमन का राज है, सपनों से सजी दुनिया का यही आगाज़ है। आओ इस अनमोल जज़्बे को और फैलाएं, इंसानियत के फूल हर बगिया में खिलाएं। हर राह में बस प्यार के दीप जलाएं। ©नवनीत ठाकुर

#कविता  भाईचारा हो जहां, वहां अमन का राज है,
सपनों से सजी दुनिया का यही आगाज़ है।

आओ इस अनमोल जज़्बे को और फैलाएं,
इंसानियत के फूल हर बगिया में खिलाएं।
हर राह में बस प्यार के दीप जलाएं।

©नवनीत ठाकुर

हर राह में बस प्यार के दीप जलाएं।

12 Love

#Videos

सुनो मैं अपने बेटे को सिखाऊंगा के ये साली औरत जात भरोसे के क़ाबिल नहीं!

144 View

दीप जलता है सदन में, अंधेरा है व्याप्त मन में, चलाता है श्वास सबका, वही रक्षक है भुवन में, प्रेम और विश्वास से ही, प्रकट होते ईश क्षण में, कर रहे गुणगान सारे, धरा से लेकर गगन में, सिंधु से जलश्रोत लेता, वही भरता नीर घन में, जागता है साथ हरपल, साथ रहता है सयन में, हृदय में है व्याप्त गुंजन, बसा ले उसको नयन में, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #दीप  दीप जलता है सदन में,
अंधेरा है व्याप्त मन में,

चलाता है श्वास सबका,
वही रक्षक  है  भुवन में,

प्रेम और विश्वास से ही,
प्रकट होते  ईश क्षण में,

कर रहे  गुणगान  सारे,
धरा से लेकर  गगन में,

सिंधु से जलश्रोत लेता,
वही भरता नीर घन में,

जागता है साथ हरपल,
साथ रहता है  सयन में,

हृदय में है व्याप्त गुंजन,
बसा ले उसको नयन में,
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#दीप जलता है सदन में#

14 Love

भाईचारा हो जहां, वहां अमन का राज है, सपनों से सजी दुनिया का यही आगाज़ है। आओ इस अनमोल जज़्बे को और फैलाएं, इंसानियत के फूल हर बगिया में खिलाएं। हर राह में बस प्यार के दीप जलाएं। ©नवनीत ठाकुर

#कविता  भाईचारा हो जहां, वहां अमन का राज है,
सपनों से सजी दुनिया का यही आगाज़ है।

आओ इस अनमोल जज़्बे को और फैलाएं,
इंसानियत के फूल हर बगिया में खिलाएं।
हर राह में बस प्यार के दीप जलाएं।

©नवनीत ठाकुर

हर राह में बस प्यार के दीप जलाएं।

12 Love

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सुनो मैं अपने बेटे को सिखाऊंगा के ये साली औरत जात भरोसे के क़ाबिल नहीं!

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