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Unsplash श्याम तेरी मेहरबानी होनी चाहिए ग़मो की कुर्बानी होनी चाहिए खुशनुमा रहे मंजर हमेशा ऐसी जिंदगानी होनी चाहिए क्या पता किसी का, क्या दौर आ जाए आज समय मजबूत, कल कमजोर आ जाए श्याम तेरी मेहरबानी होनी चाहिए ©Rajesh Sharma

#leafbook  Unsplash श्याम तेरी मेहरबानी होनी चाहिए
ग़मो की कुर्बानी होनी चाहिए
खुशनुमा रहे मंजर हमेशा
ऐसी जिंदगानी होनी चाहिए 
क्या पता किसी का,
क्या दौर आ जाए
आज समय मजबूत, 
कल कमजोर आ जाए
श्याम तेरी मेहरबानी होनी चाहिए

©Rajesh Sharma

#leafbook श्याम तेरी मेहरबानी

14 Love

Unsplash लफ़्ज़ दिल में थे, वो कागज़ पे आ न सके, ख़ामोशी में ही दबी सारी कहानी हो गईं। शाम-ए-ग़म में जलाए थे जो उम्मीद के चराग़, वो भी बुझते-बुझते बस एक निशानी हो गईं। इश्क़ में लिखते रहे हम हज़ारों किस्से, मगर सच्चाई में वो सब बेमानी हो गईं। वो कसमें, वो वादे, वो लम्हों की गहराइयाँ, अब किताबों की तरह बंद कहानी हो गईं। जो हमने देखा था कभी चाँद की रोशनी में, वो उम्मीदें भी अब धुंधली कहानी हो गईं। जिनसे रोशन था कभी हर एक कोना-ए-दिल, वो रोशनी भी अंधेरों की मेहरबानी हो गईं। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  Unsplash लफ़्ज़ दिल में थे, वो कागज़ पे आ न सके,
ख़ामोशी में ही दबी सारी कहानी हो गईं।

शाम-ए-ग़म में जलाए थे जो उम्मीद के चराग़,
वो भी बुझते-बुझते बस एक निशानी हो गईं।

इश्क़ में लिखते रहे हम हज़ारों किस्से,
मगर सच्चाई में वो सब बेमानी हो गईं।

वो कसमें, वो वादे, वो लम्हों की गहराइयाँ,
अब किताबों की तरह बंद कहानी हो गईं।

जो हमने देखा था कभी चाँद की रोशनी में,
वो उम्मीदें भी अब धुंधली कहानी हो गईं।

जिनसे रोशन था कभी हर एक कोना-ए-दिल,
वो रोशनी भी अंधेरों की मेहरबानी हो गईं।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर लफ़्ज़ दिल में थे, वो कागज़ पे आ न सके, ख़ामोशी में ही दबी सारी कहानी हो गईं। शाम-ए-ग़म में जलाए थे जो उम्मीद के चराग़, वो भी

14 Love

शुक्रिया रब तेरी मेहरबानी का" धोखे से शर्ट के उसके,टूटते ही बटन, आग के शोलों ने गज़ब ढा दिया। फटी की फटी रह गई आंखें मेरी, ऐ हुस्न तूने कौन सा जलवा दिखा दिया। शायद मेरी तक़दीर में लिखा था, ऐसे ही किसी जन्नत ए हूर के दीदार नज़ारा। शुक्रिया रब तेरी मेहरबानी का, बिना कहे ही उपहार में तोहफ़ा ये दिया। ©Anuj Ray

#लव  शुक्रिया रब तेरी मेहरबानी का"

धोखे से शर्ट के उसके,टूटते ही 
बटन, आग के शोलों ने गज़ब ढा दिया।

फटी की फटी रह गई आंखें मेरी,
 ऐ हुस्न तूने कौन सा जलवा दिखा दिया।

शायद मेरी तक़दीर में लिखा था,
ऐसे ही किसी जन्नत ए हूर के दीदार नज़ारा।

शुक्रिया रब तेरी मेहरबानी का, 
बिना कहे ही उपहार में तोहफ़ा ये दिया।

©Anuj Ray

# शुक्रिया रब तेरी मेहरबानी

16 Love

Unsplash श्याम तेरी मेहरबानी होनी चाहिए ग़मो की कुर्बानी होनी चाहिए खुशनुमा रहे मंजर हमेशा ऐसी जिंदगानी होनी चाहिए क्या पता किसी का, क्या दौर आ जाए आज समय मजबूत, कल कमजोर आ जाए श्याम तेरी मेहरबानी होनी चाहिए ©Rajesh Sharma

#leafbook  Unsplash श्याम तेरी मेहरबानी होनी चाहिए
ग़मो की कुर्बानी होनी चाहिए
खुशनुमा रहे मंजर हमेशा
ऐसी जिंदगानी होनी चाहिए 
क्या पता किसी का,
क्या दौर आ जाए
आज समय मजबूत, 
कल कमजोर आ जाए
श्याम तेरी मेहरबानी होनी चाहिए

©Rajesh Sharma

#leafbook श्याम तेरी मेहरबानी

14 Love

Unsplash लफ़्ज़ दिल में थे, वो कागज़ पे आ न सके, ख़ामोशी में ही दबी सारी कहानी हो गईं। शाम-ए-ग़म में जलाए थे जो उम्मीद के चराग़, वो भी बुझते-बुझते बस एक निशानी हो गईं। इश्क़ में लिखते रहे हम हज़ारों किस्से, मगर सच्चाई में वो सब बेमानी हो गईं। वो कसमें, वो वादे, वो लम्हों की गहराइयाँ, अब किताबों की तरह बंद कहानी हो गईं। जो हमने देखा था कभी चाँद की रोशनी में, वो उम्मीदें भी अब धुंधली कहानी हो गईं। जिनसे रोशन था कभी हर एक कोना-ए-दिल, वो रोशनी भी अंधेरों की मेहरबानी हो गईं। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  Unsplash लफ़्ज़ दिल में थे, वो कागज़ पे आ न सके,
ख़ामोशी में ही दबी सारी कहानी हो गईं।

शाम-ए-ग़म में जलाए थे जो उम्मीद के चराग़,
वो भी बुझते-बुझते बस एक निशानी हो गईं।

इश्क़ में लिखते रहे हम हज़ारों किस्से,
मगर सच्चाई में वो सब बेमानी हो गईं।

वो कसमें, वो वादे, वो लम्हों की गहराइयाँ,
अब किताबों की तरह बंद कहानी हो गईं।

जो हमने देखा था कभी चाँद की रोशनी में,
वो उम्मीदें भी अब धुंधली कहानी हो गईं।

जिनसे रोशन था कभी हर एक कोना-ए-दिल,
वो रोशनी भी अंधेरों की मेहरबानी हो गईं।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर लफ़्ज़ दिल में थे, वो कागज़ पे आ न सके, ख़ामोशी में ही दबी सारी कहानी हो गईं। शाम-ए-ग़म में जलाए थे जो उम्मीद के चराग़, वो भी

14 Love

शुक्रिया रब तेरी मेहरबानी का" धोखे से शर्ट के उसके,टूटते ही बटन, आग के शोलों ने गज़ब ढा दिया। फटी की फटी रह गई आंखें मेरी, ऐ हुस्न तूने कौन सा जलवा दिखा दिया। शायद मेरी तक़दीर में लिखा था, ऐसे ही किसी जन्नत ए हूर के दीदार नज़ारा। शुक्रिया रब तेरी मेहरबानी का, बिना कहे ही उपहार में तोहफ़ा ये दिया। ©Anuj Ray

#लव  शुक्रिया रब तेरी मेहरबानी का"

धोखे से शर्ट के उसके,टूटते ही 
बटन, आग के शोलों ने गज़ब ढा दिया।

फटी की फटी रह गई आंखें मेरी,
 ऐ हुस्न तूने कौन सा जलवा दिखा दिया।

शायद मेरी तक़दीर में लिखा था,
ऐसे ही किसी जन्नत ए हूर के दीदार नज़ारा।

शुक्रिया रब तेरी मेहरबानी का, 
बिना कहे ही उपहार में तोहफ़ा ये दिया।

©Anuj Ray

# शुक्रिया रब तेरी मेहरबानी

16 Love

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