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तुम्हारा होने के फ़ैसले को मैं अपनी क़िस्मत पे छोड़ता हूँ अगर मुक़द्दर का कोई टूटा कभी सितारा तो मैं तुम्हारा ©Sam

#muqaddar  तुम्हारा होने के फ़ैसले को मैं अपनी क़िस्मत पे छोड़ता हूँ
अगर मुक़द्दर का कोई टूटा कभी सितारा तो मैं तुम्हारा

©Sam

#muqaddar ka sitara

15 Love

White वो शौक़ से निभाए दोस्तियाॅं अपनी, मुझे उसके किसी से भी, किसी भी तरह के रिश्ते पर ना पहले ऐतराज़ था और आज भी नहीं क्यूॅंकि इस बात का हमेशा एहसास रहता है मुझे कि, कोई ऐतराज़ करने का मेरा कोई हक़ बनता ही नहीं लेकिन क्या अपने ही रिश्ते पर भी मुझे कोई हक़ नहीं?? और उसके हिसाब से शायद सिर्फ़ दोस्ती को ही राब्तों की ज़रूरत होती है, मोहब्बत को तो राब्तों की कोई ज़रूरत ही नहीं । मोहब्बत को अपने हाल पर छोड़ भी दिया जाए अगर, मोहब्बत की बार-बार तौहीन भी की जाए अगर, तब भी मोहब्बत कहीं भाग थोड़ी जाएगी?? उसके हिसाब से तो वो हमेशा दिल में बरक़रार रहेगी और दिल में जगह बाक़ी न हो अगर तो उसके बंद दरवाज़ों के बाहर कहीं पड़ी रहेगी लेकिन ख़ामोश और बेजान । लेकिन फ़िर भी, मोहब्बत और दोस्ती के रिश्ते में उसकी नज़र में यही इंसाफ़ है अगर तो अब यही सही, मैं भी अब कोई उम्मीद करूॅंगी ही नहीं। और ऐतराज़ मुझे दूसरी बातों पर था उसके दूसरों से रिश्तों पर तो था ही नहीं। जैसी उसे लगती हैं वैसी तो कोई ग़लत-फ़हमी मुझे थी नहीं लेकिन मेरी ग़लत-फ़हमी को ले कर उसे ज़रूर ग़लत-फ़हमी थी। और उसे ये ज़रूर सोचना चाहिए कि उसे कोई ग़लत-फ़हमी ही क्यूँ हुई?? और अपनी इसी ग़लत-फ़हमी की वजह से, जो दोस्ती वो सर उठा कर निभा सकता था वो उसने मुझ से छुप कर निभाई। और उसे ऐसा लग रहा था अगर की मुझे हो गई है कोई ग़लत-फ़हमी, तो वक़्त रहते उसे दूर कर देना चाहिए, ये बात उसे समझ क्यूॅं नहीं आईं?? कुछ बातें उसे ख़ुद से समझ आनी चाहिए थी, वो समझ आ जाती अगर तो सच में इतनी उलझने रिश्ते में होती ही नहीं । मेरे ऐतराज़ किन बातों पर थे ये उसे कभी समझ आया ही नहीं और अब शायद मेरे ऐतराज़ भी ख़त्म हो जाऍंगे क्यूॅं कि अब मुझे समझ आ गया है कि, कोई शिकायत,कोई ऐतराज़ करने का भी मेरे पास कोई हक़ नहीं। " बस एक ही ग़लती बार-बार हो जाती है मुझ से कि... एहसास-ए-मोहब्बत में ज़हन से ये हक़ीक़त निकल जाती है कभी-कभी कि... मुझ से ही जुड़े इस बेनाम रिश्ते में मेरे लिए ही कोई हक़ नहीं। न सवाल,न शिकायत,न ऐतराज़ करने का और दिल की बातें कहने का भी नहीं। " #bas yunhi ek khayaal ....... ©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #nojotohindi #basyunhi #Quotes  White वो शौक़ से निभाए दोस्तियाॅं अपनी, मुझे उसके किसी से भी,
किसी भी तरह के रिश्ते पर ना पहले ऐतराज़ था और आज भी नहीं 
क्यूॅंकि इस बात का हमेशा एहसास रहता है मुझे कि, कोई ऐतराज़ करने का 
मेरा कोई हक़ बनता ही नहीं लेकिन क्या अपने ही रिश्ते पर भी मुझे कोई हक़ नहीं??
और उसके हिसाब से शायद सिर्फ़ दोस्ती को ही राब्तों की ज़रूरत होती है,
मोहब्बत को तो राब्तों की कोई ज़रूरत ही नहीं ।
मोहब्बत को अपने हाल पर छोड़ भी दिया जाए अगर, मोहब्बत की बार-बार 
तौहीन भी की जाए अगर, तब भी मोहब्बत कहीं भाग थोड़ी जाएगी??
उसके हिसाब से तो वो हमेशा दिल में बरक़रार रहेगी और दिल में जगह बाक़ी 
न हो अगर तो उसके बंद दरवाज़ों के बाहर कहीं पड़ी रहेगी लेकिन ख़ामोश और बेजान ।
लेकिन फ़िर भी, मोहब्बत और दोस्ती के रिश्ते में उसकी नज़र में यही इंसाफ़ है अगर 
तो अब यही सही, मैं भी अब कोई उम्मीद करूॅंगी ही नहीं।
और ऐतराज़ मुझे दूसरी बातों पर था उसके दूसरों से रिश्तों पर तो था ही नहीं।
जैसी उसे लगती हैं वैसी तो कोई ग़लत-फ़हमी मुझे थी नहीं लेकिन मेरी ग़लत-फ़हमी को 
ले कर उसे ज़रूर ग़लत-फ़हमी थी। और उसे ये ज़रूर सोचना चाहिए कि 
उसे कोई ग़लत-फ़हमी ही क्यूँ हुई??  और अपनी इसी ग़लत-फ़हमी की वजह से,
जो दोस्ती वो सर उठा कर निभा सकता था वो उसने मुझ से छुप कर निभाई।
और उसे ऐसा लग रहा था अगर की मुझे हो गई है कोई ग़लत-फ़हमी, तो वक़्त रहते उसे 
दूर कर देना चाहिए, ये बात उसे समझ क्यूॅं नहीं आईं??
कुछ बातें उसे ख़ुद से समझ आनी चाहिए थी, वो समझ आ जाती अगर 
तो सच में इतनी उलझने रिश्ते में होती ही नहीं ।
मेरे ऐतराज़ किन बातों पर थे ये उसे कभी समझ आया ही नहीं और अब शायद 
मेरे ऐतराज़ भी ख़त्म हो जाऍंगे क्यूॅं कि अब मुझे समझ आ गया है कि, 
कोई शिकायत,कोई ऐतराज़ करने का भी मेरे पास कोई हक़ नहीं।

" बस एक ही ग़लती बार-बार हो जाती है मुझ से कि...
एहसास-ए-मोहब्बत में ज़हन से ये हक़ीक़त निकल जाती है कभी-कभी कि...
मुझ से ही जुड़े इस बेनाम रिश्ते में मेरे लिए ही कोई हक़ नहीं।
न सवाल,न शिकायत,न ऐतराज़ करने का और दिल की बातें कहने का भी नहीं। "

#bas yunhi ek khayaal .......

©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #basyunhi #rishte #haq #...................... #nojotohindi #Quotes #2Dec

26 Love

Tumhare ishq par haq sirf mera h...

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White जहाॅं आप का कोई हक़ नहीं होता या फ़िर आप को किसी तरह का कोई हक़ दिया ही नहीं जाता वहाॅं ज़्यादा से ज़्यादा आप सिर्फ़ गुज़ारिश ही कर सकते हैं क्यूॅंकि वहाॅं कोई शिकायत करने का या फ़िर ज़िद करने का आपके पास कोई हक़ ही नहीं होता। ©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #nojotohindi #16october #guzarish #basyunhi  White जहाॅं आप का कोई हक़ नहीं होता 
या फ़िर आप को किसी तरह का कोई हक़ दिया ही नहीं जाता 
वहाॅं ज़्यादा से ज़्यादा आप सिर्फ़ गुज़ारिश ही कर सकते हैं 
क्यूॅंकि वहाॅं कोई शिकायत करने का 
या फ़िर ज़िद करने का आपके पास कोई हक़ ही नहीं होता।

©Sh@kila Niy@z
#muqaddar #Videos

#muqaddar Ka Sikandar # voice 🎤

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तुम्हारा होने के फ़ैसले को मैं अपनी क़िस्मत पे छोड़ता हूँ अगर मुक़द्दर का कोई टूटा कभी सितारा तो मैं तुम्हारा ©Sam

#muqaddar  तुम्हारा होने के फ़ैसले को मैं अपनी क़िस्मत पे छोड़ता हूँ
अगर मुक़द्दर का कोई टूटा कभी सितारा तो मैं तुम्हारा

©Sam

#muqaddar ka sitara

15 Love

White वो शौक़ से निभाए दोस्तियाॅं अपनी, मुझे उसके किसी से भी, किसी भी तरह के रिश्ते पर ना पहले ऐतराज़ था और आज भी नहीं क्यूॅंकि इस बात का हमेशा एहसास रहता है मुझे कि, कोई ऐतराज़ करने का मेरा कोई हक़ बनता ही नहीं लेकिन क्या अपने ही रिश्ते पर भी मुझे कोई हक़ नहीं?? और उसके हिसाब से शायद सिर्फ़ दोस्ती को ही राब्तों की ज़रूरत होती है, मोहब्बत को तो राब्तों की कोई ज़रूरत ही नहीं । मोहब्बत को अपने हाल पर छोड़ भी दिया जाए अगर, मोहब्बत की बार-बार तौहीन भी की जाए अगर, तब भी मोहब्बत कहीं भाग थोड़ी जाएगी?? उसके हिसाब से तो वो हमेशा दिल में बरक़रार रहेगी और दिल में जगह बाक़ी न हो अगर तो उसके बंद दरवाज़ों के बाहर कहीं पड़ी रहेगी लेकिन ख़ामोश और बेजान । लेकिन फ़िर भी, मोहब्बत और दोस्ती के रिश्ते में उसकी नज़र में यही इंसाफ़ है अगर तो अब यही सही, मैं भी अब कोई उम्मीद करूॅंगी ही नहीं। और ऐतराज़ मुझे दूसरी बातों पर था उसके दूसरों से रिश्तों पर तो था ही नहीं। जैसी उसे लगती हैं वैसी तो कोई ग़लत-फ़हमी मुझे थी नहीं लेकिन मेरी ग़लत-फ़हमी को ले कर उसे ज़रूर ग़लत-फ़हमी थी। और उसे ये ज़रूर सोचना चाहिए कि उसे कोई ग़लत-फ़हमी ही क्यूँ हुई?? और अपनी इसी ग़लत-फ़हमी की वजह से, जो दोस्ती वो सर उठा कर निभा सकता था वो उसने मुझ से छुप कर निभाई। और उसे ऐसा लग रहा था अगर की मुझे हो गई है कोई ग़लत-फ़हमी, तो वक़्त रहते उसे दूर कर देना चाहिए, ये बात उसे समझ क्यूॅं नहीं आईं?? कुछ बातें उसे ख़ुद से समझ आनी चाहिए थी, वो समझ आ जाती अगर तो सच में इतनी उलझने रिश्ते में होती ही नहीं । मेरे ऐतराज़ किन बातों पर थे ये उसे कभी समझ आया ही नहीं और अब शायद मेरे ऐतराज़ भी ख़त्म हो जाऍंगे क्यूॅं कि अब मुझे समझ आ गया है कि, कोई शिकायत,कोई ऐतराज़ करने का भी मेरे पास कोई हक़ नहीं। " बस एक ही ग़लती बार-बार हो जाती है मुझ से कि... एहसास-ए-मोहब्बत में ज़हन से ये हक़ीक़त निकल जाती है कभी-कभी कि... मुझ से ही जुड़े इस बेनाम रिश्ते में मेरे लिए ही कोई हक़ नहीं। न सवाल,न शिकायत,न ऐतराज़ करने का और दिल की बातें कहने का भी नहीं। " #bas yunhi ek khayaal ....... ©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #nojotohindi #basyunhi #Quotes  White वो शौक़ से निभाए दोस्तियाॅं अपनी, मुझे उसके किसी से भी,
किसी भी तरह के रिश्ते पर ना पहले ऐतराज़ था और आज भी नहीं 
क्यूॅंकि इस बात का हमेशा एहसास रहता है मुझे कि, कोई ऐतराज़ करने का 
मेरा कोई हक़ बनता ही नहीं लेकिन क्या अपने ही रिश्ते पर भी मुझे कोई हक़ नहीं??
और उसके हिसाब से शायद सिर्फ़ दोस्ती को ही राब्तों की ज़रूरत होती है,
मोहब्बत को तो राब्तों की कोई ज़रूरत ही नहीं ।
मोहब्बत को अपने हाल पर छोड़ भी दिया जाए अगर, मोहब्बत की बार-बार 
तौहीन भी की जाए अगर, तब भी मोहब्बत कहीं भाग थोड़ी जाएगी??
उसके हिसाब से तो वो हमेशा दिल में बरक़रार रहेगी और दिल में जगह बाक़ी 
न हो अगर तो उसके बंद दरवाज़ों के बाहर कहीं पड़ी रहेगी लेकिन ख़ामोश और बेजान ।
लेकिन फ़िर भी, मोहब्बत और दोस्ती के रिश्ते में उसकी नज़र में यही इंसाफ़ है अगर 
तो अब यही सही, मैं भी अब कोई उम्मीद करूॅंगी ही नहीं।
और ऐतराज़ मुझे दूसरी बातों पर था उसके दूसरों से रिश्तों पर तो था ही नहीं।
जैसी उसे लगती हैं वैसी तो कोई ग़लत-फ़हमी मुझे थी नहीं लेकिन मेरी ग़लत-फ़हमी को 
ले कर उसे ज़रूर ग़लत-फ़हमी थी। और उसे ये ज़रूर सोचना चाहिए कि 
उसे कोई ग़लत-फ़हमी ही क्यूँ हुई??  और अपनी इसी ग़लत-फ़हमी की वजह से,
जो दोस्ती वो सर उठा कर निभा सकता था वो उसने मुझ से छुप कर निभाई।
और उसे ऐसा लग रहा था अगर की मुझे हो गई है कोई ग़लत-फ़हमी, तो वक़्त रहते उसे 
दूर कर देना चाहिए, ये बात उसे समझ क्यूॅं नहीं आईं??
कुछ बातें उसे ख़ुद से समझ आनी चाहिए थी, वो समझ आ जाती अगर 
तो सच में इतनी उलझने रिश्ते में होती ही नहीं ।
मेरे ऐतराज़ किन बातों पर थे ये उसे कभी समझ आया ही नहीं और अब शायद 
मेरे ऐतराज़ भी ख़त्म हो जाऍंगे क्यूॅं कि अब मुझे समझ आ गया है कि, 
कोई शिकायत,कोई ऐतराज़ करने का भी मेरे पास कोई हक़ नहीं।

" बस एक ही ग़लती बार-बार हो जाती है मुझ से कि...
एहसास-ए-मोहब्बत में ज़हन से ये हक़ीक़त निकल जाती है कभी-कभी कि...
मुझ से ही जुड़े इस बेनाम रिश्ते में मेरे लिए ही कोई हक़ नहीं।
न सवाल,न शिकायत,न ऐतराज़ करने का और दिल की बातें कहने का भी नहीं। "

#bas yunhi ek khayaal .......

©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #basyunhi #rishte #haq #...................... #nojotohindi #Quotes #2Dec

26 Love

Tumhare ishq par haq sirf mera h...

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White जहाॅं आप का कोई हक़ नहीं होता या फ़िर आप को किसी तरह का कोई हक़ दिया ही नहीं जाता वहाॅं ज़्यादा से ज़्यादा आप सिर्फ़ गुज़ारिश ही कर सकते हैं क्यूॅंकि वहाॅं कोई शिकायत करने का या फ़िर ज़िद करने का आपके पास कोई हक़ ही नहीं होता। ©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #nojotohindi #16october #guzarish #basyunhi  White जहाॅं आप का कोई हक़ नहीं होता 
या फ़िर आप को किसी तरह का कोई हक़ दिया ही नहीं जाता 
वहाॅं ज़्यादा से ज़्यादा आप सिर्फ़ गुज़ारिश ही कर सकते हैं 
क्यूॅंकि वहाॅं कोई शिकायत करने का 
या फ़िर ज़िद करने का आपके पास कोई हक़ ही नहीं होता।

©Sh@kila Niy@z
#muqaddar #Videos

#muqaddar Ka Sikandar # voice 🎤

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