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White कभी जो कोई पुरुष रोये तुम्हारे आगे तो भर लेना बांहो में और संभाल लेना उन्हें। क्योंकि... ये रोये है तो केवल माँ के आगे... दुसरा उस स्त्री के आगे जिस पर ये भरोसा था की वो समझेगी। बिना कुछ सवाल किये उन्हें थपकाते रहना... और आंचल से पूंछना उनके अश्रु ये जो बह रहा है वो लाचारी नही... ये तो दर्द है सफलता असफलता का, तानों का, अकेलेपन का, जोर से रोने का, कई बार...बिखरने का और अंततः वो रोना चाहते है दर्द को कहना चाहते है कि दर्द हुआ है सीने में। जो छुपाए रखा फिजूल में समाज के भय से कोई ये न कहे की मर्द को दर्द नही होता । शायद! ये परिभाषा उसे कभी ठीक नहीं लगी क्योंकि वो पत्थर नहीं है जो महसूस न हो उसे दर्द की बेहद!!! कौशल्या मौसलपुरी जोधपुर ©कौशल ~

#कविता #Sad_Status  White 

कभी जो कोई पुरुष
रोये तुम्हारे आगे
तो भर लेना बांहो में
और संभाल लेना उन्हें। 
क्योंकि... 
ये रोये है तो केवल माँ
के आगे... 
दुसरा उस स्त्री के आगे
जिस पर ये भरोसा था की
वो समझेगी। 
बिना कुछ सवाल किये उन्हें
थपकाते रहना... 
और आंचल से पूंछना 
उनके अश्रु
ये जो बह रहा है वो 
लाचारी नही... 
ये तो दर्द है
सफलता असफलता का, 
तानों का, अकेलेपन का, 
जोर से रोने का,
कई बार...बिखरने का
और अंततः वो रोना चाहते है
दर्द को कहना चाहते है
कि  दर्द हुआ है सीने में। 
जो छुपाए रखा फिजूल में
समाज के भय से
कोई ये न कहे की मर्द को 
दर्द नही होता । 
शायद! ये परिभाषा उसे
कभी ठीक नहीं लगी
क्योंकि वो पत्थर नहीं है
जो महसूस न हो उसे
दर्द की बेहद!!! 
कौशल्या मौसलपुरी जोधपुर

©कौशल ~

#Sad_Status रोता हुआ पुरुष

9 Love

Unsplash बादलों से टूट कर एक बार मै समुन्दर की गहराई मे सिमट गई थीं ज़ब मुझे ढूढ़ने तब मेरा पितृपुरुष वो बादल अपने घर से निकला ©Parasram Arora

 Unsplash बादलों से टूट
 कर एक बार मै 
समुन्दर की  गहराई
 मे सिमट गई थीं  ज़ब 

मुझे ढूढ़ने तब 
मेरा पितृपुरुष 
वो बादल अपने
घर से  निकला

©Parasram Arora

पितृ पुरुष बादल

15 Love

#शायरी

पुरुष कह नहीं पाएगा।

81 View

#मराठीशब्दसखी #मराठीकविता पुरुष समजून घेताना

72 View

#मराठीशब्दसखी #मराठीकविता

#मराठीशब्दसखी पुरुष दिनानिमित्त एक रचना

126 View

White किसी भी पुरुष के लिए शायद..... खुबसूरत औरत इतनी मायने नहीं रखती, जितनी उसकी पसंदीदा औरत रखती है!! ©Rimjhim

 White किसी भी पुरुष के लिए शायद.....
 खुबसूरत औरत इतनी मायने नहीं रखती, 
जितनी उसकी पसंदीदा औरत रखती है!!

©Rimjhim

किसी भी पुरुष के लिए 🥀💕🧿

16 Love

White कभी जो कोई पुरुष रोये तुम्हारे आगे तो भर लेना बांहो में और संभाल लेना उन्हें। क्योंकि... ये रोये है तो केवल माँ के आगे... दुसरा उस स्त्री के आगे जिस पर ये भरोसा था की वो समझेगी। बिना कुछ सवाल किये उन्हें थपकाते रहना... और आंचल से पूंछना उनके अश्रु ये जो बह रहा है वो लाचारी नही... ये तो दर्द है सफलता असफलता का, तानों का, अकेलेपन का, जोर से रोने का, कई बार...बिखरने का और अंततः वो रोना चाहते है दर्द को कहना चाहते है कि दर्द हुआ है सीने में। जो छुपाए रखा फिजूल में समाज के भय से कोई ये न कहे की मर्द को दर्द नही होता । शायद! ये परिभाषा उसे कभी ठीक नहीं लगी क्योंकि वो पत्थर नहीं है जो महसूस न हो उसे दर्द की बेहद!!! कौशल्या मौसलपुरी जोधपुर ©कौशल ~

#कविता #Sad_Status  White 

कभी जो कोई पुरुष
रोये तुम्हारे आगे
तो भर लेना बांहो में
और संभाल लेना उन्हें। 
क्योंकि... 
ये रोये है तो केवल माँ
के आगे... 
दुसरा उस स्त्री के आगे
जिस पर ये भरोसा था की
वो समझेगी। 
बिना कुछ सवाल किये उन्हें
थपकाते रहना... 
और आंचल से पूंछना 
उनके अश्रु
ये जो बह रहा है वो 
लाचारी नही... 
ये तो दर्द है
सफलता असफलता का, 
तानों का, अकेलेपन का, 
जोर से रोने का,
कई बार...बिखरने का
और अंततः वो रोना चाहते है
दर्द को कहना चाहते है
कि  दर्द हुआ है सीने में। 
जो छुपाए रखा फिजूल में
समाज के भय से
कोई ये न कहे की मर्द को 
दर्द नही होता । 
शायद! ये परिभाषा उसे
कभी ठीक नहीं लगी
क्योंकि वो पत्थर नहीं है
जो महसूस न हो उसे
दर्द की बेहद!!! 
कौशल्या मौसलपुरी जोधपुर

©कौशल ~

#Sad_Status रोता हुआ पुरुष

9 Love

Unsplash बादलों से टूट कर एक बार मै समुन्दर की गहराई मे सिमट गई थीं ज़ब मुझे ढूढ़ने तब मेरा पितृपुरुष वो बादल अपने घर से निकला ©Parasram Arora

 Unsplash बादलों से टूट
 कर एक बार मै 
समुन्दर की  गहराई
 मे सिमट गई थीं  ज़ब 

मुझे ढूढ़ने तब 
मेरा पितृपुरुष 
वो बादल अपने
घर से  निकला

©Parasram Arora

पितृ पुरुष बादल

15 Love

#शायरी

पुरुष कह नहीं पाएगा।

81 View

#मराठीशब्दसखी #मराठीकविता पुरुष समजून घेताना

72 View

#मराठीशब्दसखी #मराठीकविता

#मराठीशब्दसखी पुरुष दिनानिमित्त एक रचना

126 View

White किसी भी पुरुष के लिए शायद..... खुबसूरत औरत इतनी मायने नहीं रखती, जितनी उसकी पसंदीदा औरत रखती है!! ©Rimjhim

 White किसी भी पुरुष के लिए शायद.....
 खुबसूरत औरत इतनी मायने नहीं रखती, 
जितनी उसकी पसंदीदा औरत रखती है!!

©Rimjhim

किसी भी पुरुष के लिए 🥀💕🧿

16 Love

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