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New आदित्य हृदय स्तोत्र हिंदी अनुवाद सहित Status, Photo, Video

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हृदय हर प्राणी को प्यारा है यह पशु पक्षी इंसान ज्ञानी पुरुष इसे कहतें हैं ईश्वर का वरदान जब तक काम करे यह सबकी चलती रहती सांसें इसपर यदि ख़तरा मंडराए संकट में हैं प्रान रहता सदा समेटे अंदर खट्टी मीठी यादें इसको घायल कर देतें हैं कटु बचनों के बान प्रेम से खुश होता है बेखुद नफ़रत से दुःख पाता जीवन का आधार धरा पर हृदय है इसका नाम ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#कविता #हृदय  हृदय
हर प्राणी को प्यारा है यह
पशु पक्षी इंसान
ज्ञानी पुरुष इसे कहतें हैं
ईश्वर का वरदान

जब तक काम करे यह सबकी
चलती रहती सांसें
इसपर यदि ख़तरा मंडराए
संकट में हैं प्रान

रहता सदा समेटे अंदर
खट्टी मीठी यादें
इसको घायल कर देतें हैं
कटु बचनों के बान

प्रेम से खुश होता है बेखुद
नफ़रत से दुःख पाता
जीवन का आधार धरा पर
हृदय है इसका नाम

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#हृदय

17 Love

White मातामही मातामहः ग्राम: अहं तत् क्षणं बहु मधुरं मन्ये यः ग्रामे निवसति स्म पन्थाने कृषिक्षेत्राणि,कोष्ठानि च गृहीतः, मया सः क्षणः वास्तवमेव अतीव मधुरः इति ज्ञातम्। पूर्वं यदा मम मातामही मातामहः ग्रामः अहं बाल्यकाले गच्छामि स्म, हिन्दी अनुवाद नाना नानी के गांव वो क्षण ही बड़ा प्यारा लगा करता था जो गांव में बिता करता था पगडंडी पर खेत खलिहानों का जायजा लिया जाता था, सच वो क्षण बड़ा ही प्यारा लगा करता था जब नाना नानी के गांव बचपन में जाना हुआ करता था, ©संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

#कवितावाचिका #नानानानी #संस्कृत #कोट्स #wellwisher_taru #गांव  White मातामही मातामहः ग्राम:
अहं तत् क्षणं बहु मधुरं मन्ये यः ग्रामे निवसति स्म 
पन्थाने कृषिक्षेत्राणि,कोष्ठानि च गृहीतः, 
मया सः क्षणः वास्तवमेव अतीव मधुरः
 इति ज्ञातम्। 
पूर्वं यदा मम मातामही मातामहः ग्रामः 
अहं बाल्यकाले गच्छामि स्म,
हिन्दी अनुवाद 
नाना नानी के गांव
वो क्षण ही बड़ा प्यारा लगा करता था 
जो गांव में बिता करता था 
पगडंडी पर खेत खलिहानों का 
जायजा लिया जाता था,
सच वो क्षण बड़ा ही प्यारा लगा 
करता था जब नाना नानी के गांव 
बचपन में जाना हुआ करता था,

©संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक नाना नानी के गांव मातामही मातामहः विधा विचार भाव वास्तविक #Trending #wellwisher_taru #Po

22 Love

#कवितावाचिका #wellwisher_taru #विचार #indianwriters #realturth

स्वलिखित हिन्दी रचना संस्कृत अनुवाद सहित अनुवाद सहित शीर्षक विचित्रः प्रतिद्वन्द्वी . . विधा गहन विचार भाव वास्तविक

180 View

#संस्कृत #विचार #पाजेब #wellwisher_taru #nojotohindi

स्वलिखित रचना हिन्दी अनुवाद सहित #wellwisher_taru #Poetry #Poet #Nojoto #Trending #पाजेब #संस्कृत #nojotohindi

216 View

#संस्कृत #विचार #wellwisher_taru #Trending

स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक जीवन की यात्रा भाव वास्तविक विधा विचार #Nojoto #Trending #Poetry #संस्कृत #wellwisher_t

207 View

हृदय हर प्राणी को प्यारा है यह पशु पक्षी इंसान ज्ञानी पुरुष इसे कहतें हैं ईश्वर का वरदान जब तक काम करे यह सबकी चलती रहती सांसें इसपर यदि ख़तरा मंडराए संकट में हैं प्रान रहता सदा समेटे अंदर खट्टी मीठी यादें इसको घायल कर देतें हैं कटु बचनों के बान प्रेम से खुश होता है बेखुद नफ़रत से दुःख पाता जीवन का आधार धरा पर हृदय है इसका नाम ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

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हर प्राणी को प्यारा है यह
पशु पक्षी इंसान
ज्ञानी पुरुष इसे कहतें हैं
ईश्वर का वरदान

जब तक काम करे यह सबकी
चलती रहती सांसें
इसपर यदि ख़तरा मंडराए
संकट में हैं प्रान

रहता सदा समेटे अंदर
खट्टी मीठी यादें
इसको घायल कर देतें हैं
कटु बचनों के बान

प्रेम से खुश होता है बेखुद
नफ़रत से दुःख पाता
जीवन का आधार धरा पर
हृदय है इसका नाम

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#हृदय

17 Love

White मातामही मातामहः ग्राम: अहं तत् क्षणं बहु मधुरं मन्ये यः ग्रामे निवसति स्म पन्थाने कृषिक्षेत्राणि,कोष्ठानि च गृहीतः, मया सः क्षणः वास्तवमेव अतीव मधुरः इति ज्ञातम्। पूर्वं यदा मम मातामही मातामहः ग्रामः अहं बाल्यकाले गच्छामि स्म, हिन्दी अनुवाद नाना नानी के गांव वो क्षण ही बड़ा प्यारा लगा करता था जो गांव में बिता करता था पगडंडी पर खेत खलिहानों का जायजा लिया जाता था, सच वो क्षण बड़ा ही प्यारा लगा करता था जब नाना नानी के गांव बचपन में जाना हुआ करता था, ©संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

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अहं तत् क्षणं बहु मधुरं मन्ये यः ग्रामे निवसति स्म 
पन्थाने कृषिक्षेत्राणि,कोष्ठानि च गृहीतः, 
मया सः क्षणः वास्तवमेव अतीव मधुरः
 इति ज्ञातम्। 
पूर्वं यदा मम मातामही मातामहः ग्रामः 
अहं बाल्यकाले गच्छामि स्म,
हिन्दी अनुवाद 
नाना नानी के गांव
वो क्षण ही बड़ा प्यारा लगा करता था 
जो गांव में बिता करता था 
पगडंडी पर खेत खलिहानों का 
जायजा लिया जाता था,
सच वो क्षण बड़ा ही प्यारा लगा 
करता था जब नाना नानी के गांव 
बचपन में जाना हुआ करता था,

©संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

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22 Love

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